प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि उनकी सरकार माताओं-बहनों का जीवन आसान बनाने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। प्रधानमंत्री मोदी ने 25 अगस्त को महाराष्ट्र के जलगांव में लखपति दीदी सम्मेलन में लखपति बनी 11 लाख नई लखपति दीदियों को प्रमाण पत्र देने के साथ 2,500 करोड़ रुपये का रिवॉल्विंग फंड जारी किया। इससे 4.3 लाख स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) के 48 लाख सदस्यों को लाभ मिलेगा। लखपति दीदी योजना की शुरुआत से अब तक एक करोड़ महिलाओं को लखपति दीदी बनाया जा चुका है और सरकार ने तीन करोड़ लखपति दीदियों का लक्ष्य रखा है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि लखपति दीदी बनाने का ये अभियान, सिर्फ बहनों-बेटियों की कमाई बढ़ाने का ही अभियान नहीं है। ये पूरे परिवार को, आने वाली पीढ़ियों को सशक्त कर रहा है। उन्होंने कहा कि ये गांव के पूरे अर्थतंत्र को बदल रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा, “यहां मौजूद हर महिला जानती है कि जब वह आजीविका कमाने लगती है, तो समाज में उसकी स्थिति बेहतर होती है।” उन्होंने कहा कि आय बढ़ने के साथ ही परिवार की क्रय शक्ति भी बढ़ती है। उन्होंने कहा, “जब एक बहन लखपति दीदी बनती है, तो पूरे परिवार की किस्मत बदल जाती है।”
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि देश में करोड़ों महिलाओं के पास कोई संपत्ति नहीं है, जिससे छोटे व्यवसाय शुरू करने के लिए बैंक ऋण लेने में बड़ी बाधा आती थी। इसलिए मैंने महिलाओं पर बोझ कम करने का संकल्प लिया और मोदी सरकार ने एक के बाद एक महिलाओं के हित में फैसले लिए। प्रधानमंत्री ने मौजूदा सरकार के 10 साल और पिछली सरकारों के सात दशकों की तुलना करते हुए कहा कि मौजूदा सरकार ने महिलाओं के हित में पिछली सरकारों की तुलना में अधिक काम किया है।
प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि उनकी सरकार ने गरीबों के लिए घरों की रजिस्ट्री घर की महिला के नाम पर करने का फैसला किया है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि अब तक बने 4 करोड़ घरों में से अधिकांश महिलाओं के नाम पर पंजीकृत हैं। प्रधानमंत्री ने आश्वासन दिया कि आने वाले समय में बनने वाले 3 करोड़ घरों में से भी अधिकांश महिलाओं के नाम पर पंजीकृत होंगे।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जन धन योजना में भी अधिकांश बैंक खाते महिलाओं के नाम पर खोले गए। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के लगभग 70 प्रतिशत लाभार्थी देश की माताएं और बहनें हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें मातृशक्ति पर पूरा भरोसा है और वे बिना चूके ईमानदारी से ऋण वापस करेंगी। उन्होंने कहा कि महिलाओं की रुचि से उत्साहित होकर उनकी सरकार ने पीएम मुद्रा योजना की ऋण सीमा बढ़ाकर 20 लाख रुपये कर दी है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज माताओं और बहनों की भूमिका को विस्तार से बताया जा रहा है। उन्होंने हर गांव में बैंकिंग सेवाएं प्रदान करने वाली 1.25 लाख से अधिक बैंक सखियों, ड्रोन के साथ आधुनिक खेती में सहायता करने के लिए ड्रोन पायलट बनने वाली ड्रोन दीदियों और पशुपालकों की मदद के लिए 2 लाख पशु सखियों को प्रशिक्षित करने का उदाहरण दिया। प्रधानमंत्री ने आधुनिक खेती और प्राकृतिक खेती के लिए नारीशक्ति को नेतृत्व देने के लिए कृषि सखी कार्यक्रम शुरू करने का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि सरकार आने वाले समय में देश के हर गांव में ऐसी लाखों कृषि सखियां बनाने जा रही है। प्रधानमंत्री ने कहा कि इन अभियानों से बेटियों को रोजगार मिलेगा और उनका आत्मविश्वास भी बढ़ेगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार, बेटियों के लिए हर सेक्टर खोल रही है, जहां कभी उन पर पाबंदियां थी। उन्होंने लड़ाकू पायलटों सहित तीनों सशस्त्र बलों में महिला अधिकारियों, सैनिक स्कूलों और अकादमियों में प्रवेश और पुलिस बल और अर्धसैनिक बलों में महिलाओं की बढ़ती संख्या का उदाहरण दिया। प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि बड़ी संख्या में महिलाएं गांवों में कृषि और डेयरी क्षेत्र से लेकर स्टार्ट-अप क्रांति तक के व्यवसायों का प्रबंधन कर रही हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि महिलाओं की सुरक्षा के साथ-साथ उनका सशक्तिकरण राष्ट्र की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने कहा, “मैं अपनी बहनों और बेटियों के दर्द और गुस्से को समझता हूं, चाहे वे किसी भी राज्य की हों।” प्रधानमंत्री ने सख्त रवैया अपनाते हुए देश की सभी राज्य सरकारों और राजनीतिक दलों को याद दिलाया कि महिलाओं के खिलाफ अत्याचार एक अक्षम्य पाप है और दोषी एवं उसका साथ देने वालों को बख्शा नहीं जाना चाहिए।
प्रधानमंत्री ने कहा कि सार्वजनिक संस्थाओं को जवाबदेह बनाया जाना चाहिए, चाहे वह अस्पताल हो या स्कूल या कार्यालय या पुलिस प्रणाली, और उनकी ओर से किसी भी तरह की लापरवाही अस्वीकार्य है। उन्होंने कहा, “सरकारें बदल सकती हैं, लेकिन एक समाज और एक सरकार के रूप में हमारी सबसे बड़ी जिम्मेदारी महिलाओं के जीवन और सम्मान की रक्षा करना है।”