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G20 Summit: प्रधानमंत्री मोदी ने दक्षिण अफ्रीका से दुनिया को दिखाया ‘Integral Humanism’ का रास्ता

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दक्षिण अफ्रीका में चल रही G20 समिट में आज 22 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुनिया के सामने विकास का एक नया और मानवीय मॉडल पेश किया है। राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा की मेजबानी में आयोजित इस समिट में प्रधानमंत्री मोदी ने न सिर्फ अफ्रीका के विकास के लिए एक ‘मास्टरप्लान’ रखा, बल्कि ड्रग्स और आतंकवाद के गठजोड़ पर कड़ा प्रहार भी किया।

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन की शुरुआत दक्षिण अफ्रीका को सफल अध्यक्षता की बधाई देते हुए की। उन्होंने कहा कि नई दिल्ली समिट में जो ऐतिहासिक फैसले लिए गए थे, उन्हें यहां बखूबी आगे बढ़ाया गया है। प्रधानमंत्री मोदी ने वैश्विक नेताओं को आइना दिखाते हुए कहा कि पिछले दशकों में जिस तरह से ग्रोथ हुई है, उसने एक बड़ी आबादी को संसाधनों से दूर कर दिया है और प्रकृति का शोषण किया है। इसका सबसे बड़ा नुकसान अफ्रीका ने उठाया है। उन्होंने भारत की सभ्यता से जुड़ा ‘Integral Humanism’ यानी एकात्म मानववाद का मंत्र दिया। इसका मतलब है इंसान, समाज और प्रकृति को अलग-अलग नहीं, बल्कि एक साथ देखना। तभी असली विकास संभव है।

पीएम मोदी के 4 प्रमुख प्रस्ताव:
प्रधानमंत्री मोदी के संबोधन में सबसे अहम हिस्सा वो चार प्रस्ताव थे, जिसे भारत ने ग्लोबल साउथ और दुनिया की बेहतरी के लिए रखे हैं:

1. G20-Africa Skills Multiplier Initiative: अफ्रीका के टैलेंट को निखारने के लिए भारत ने एक बड़ा रोडमैप दिया है। उन्होंने प्रस्ताव रखा कि ‘Train-the-trainers’ मॉडल अपनाया जाए। इसका लक्ष्य अगले 10 साल में अफ्रीका में 10 लाख सर्टिफाइड ट्रेनर तैयार करना होगा। ये ट्रेनर आगे चलकर करोड़ों युवाओं को स्किल सिखाएंगे, जिससे अफ्रीका का लॉन्ग-टर्म विकास होगा।

2. Global Traditional Knowledge Repository: दुनिया भर की उन कम्युनिटीज के ज्ञान को बचाने के लिए जो प्रकृति के साथ तालमेल बनाकर रहती हैं, भारत ने एक डिजिटल रिपॉजिटरी बनाने का सुझाव दिया है। यह भारत के ‘Indian Knowledge Systems’ की तर्ज पर होगा, ताकि हमारी पुरानी समझ और विज्डम आने वाली पीढ़ियों तक पहुंच सके।

3. G20 Global Healthcare Response Team: कोरोना और प्राकृतिक आपदाओं से सबक लेते हुए, प्रधानमंत्री मोदी ने एक ‘ग्लोबल हेल्थ रिस्पॉन्स टीम’ बनाने की बात कही। इसमें G20 देशों के ट्रेंड डॉक्टर्स और मेडिकल एक्सपर्ट्स होंगे, जो किसी भी हेल्थ इमरजेंसी या आपदा के वक्त दुनिया के किसी भी कोने में तुरंत मदद के लिए तैनात हो सकेंगे।

4. Countering the Drug-Terror Nexus: सुरक्षा के मुद्दे पर पीएम मोदी ने सख्त रुख अपनाया। उन्होंने ‘फेंटेनिल’ जैसे खतरनाक ड्रग्स का जिक्र करते हुए कहा कि ड्रग तस्करी अब आतंकवाद को फंड करने का बड़ा जरिया बन गई है। भारत ने ‘G20 Initiative on Countering the Drug–Terror Nexus’ का प्रस्ताव रखा। इसका मकसद ड्रग्स और टेरर की इकोनॉमी की कमर तोड़ना है, जिसके लिए फाइनेंस और सिक्योरिटी एजेंसियों को मिलकर काम करना होगा।

अपने भाषण के आखिर में प्रधानमंत्री मोदी ने याद दिलाया कि कैसे नई दिल्ली समिट में ‘अफ्रीकन यूनियन’ को G20 का स्थाई सदस्य बनाया गया था। उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत और अफ्रीका की एकजुटता बहुत गहरी है और अब वक्त आ गया है कि हर वैश्विक संस्था में ‘ग्लोबल साउथ’ की आवाज बुलंद हो।

प्रधानमंत्री का यह संबोधन पूरी तरह से मानवता और भविष्य पर केंद्रित था। जहां एक तरफ उन्होंने स्किल्स और हेल्थ के जरिए अफ्रीका को सशक्त बनाने की पहल की, वहीं दूसरी तरफ ड्रग्स-टेरर नेटवर्क पर चोट करके दुनिया को सुरक्षित करने का प्लान भी दिया।

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