प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज कोरिया गणराज्य के राष्ट्रपति मून जे-इन से टेलीफोन पर बातचीत की। इस दौरान दोनों राजनेताओं ने वैश्विक महामारी कोविड-19 से निपटने के लिए अपने-अपने देशों में उठाए गए विभिन्न कदमों और इस वजह से वैश्विक स्वास्थ्य प्रणालियों के समक्ष उत्पन्न चुनौतियों के साथ-साथ आर्थिक स्थिति पर भी गहन चर्चा की।
इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले वर्ष कोरिया गणराज्य की अपनी यात्रा को गर्मजोशी से याद किया और दोनों देशों के बीच बड़ी तेजी से निरंतर प्रगाढ़ होते संबंधों पर संतोष व्यक्त किया। साथ ही प्रधानमंत्री मोदी ने कोरिया में नेशनल एसेम्बली के आगामी चुनाव के लिए राष्ट्रपति मून को अपनी शुभकामनाएं दीं।
प्रधानमंत्री मोदी ने कोरोना संकट से निपटने के लिए कोरिया गणराज्य द्वारा इस्तेमाल में लाए जा रहे ‘प्रौद्योगिकी-आधारित उपायों’ के लिए उसकी तारीफ की। उधर, राष्ट्रपति मून जे-इन ने कहा कि भारतीय नेतृत्व ने जिस तरह से भारत की विशाल आबादी को एकजुटता का परिचय देते हुए इस महामारी से लड़ने के लिए प्रेरित किया है, वह अत्यंत प्रशंसनीय है।
कोरिया के राष्ट्रपति ने भारत में कोरियाई नागरिकों को भारतीय अधिकारियों द्वारा दिए जा रहे व्यापक सहयोग के लिए प्रधानमंत्री मोदी का धन्यवाद किया। वहीं प्रधानमंत्री मोदी ने भारतीय कंपनियों द्वारा हासिल किए जा रहे चिकित्सा उपकरणों की आपूर्ति और ढुलाई को सुविधाजनक बनाने के लिए कोरिया सरकार की सराहना की।
दोनों राजनेताओं ने इस बात पर सहमति व्यक्त की कि उनके विशेषज्ञ एक-दूसरे से परामर्श करना और अपने-अपने अनुभवों को साझा करना निरंतर जारी रखेंगे। दरअसल, दोनों ही देशों के विशेषज्ञ ‘कोविड-19’ का कारगर इलाज ढूंढ़ने के लिए आवश्यक शोध कर रहे हैं।
दोनों नेताओं ने अंतर्राष्ट्रीय मूल्य श्रृंखलाओं में चल रहे विविधीकरण पर चर्चा की। इसके अलावा एक पारदर्शी, विकासोन्मुखी और नियमों पर आधारित वैश्विक व्यापारिक व्यवस्था को बनाये रखने की जरूरत और विश्व व्यापार संगठन की अहम भूमिका पर भी विचार-विमर्श किया।