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पिछले साढ़े चार साल में देश की औसत आर्थिक वृद्धि दर 7.3 प्रतिशत रही: राष्ट्रपति कोविंद

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बजट सत्र के पहले दिन अपने अभिभाषण में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि पिछले साढ़े चार साल में देश की औसत वृद्धि दर 7.3 प्रतिशत रही है। गुरुवार को संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति कोविंद ने कहा, ‘पिछले साढ़े चार वर्ष में देश की अर्थव्यवस्था औसतन 7.3 प्रतिशत की रफ्तार से बढ़ी है। भारत अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। वर्ष 2014 में विश्व के जीडीपी में भारत का योगदान 2.6 प्रतिशत था। नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार अब यह बढ़कर 3.3 प्रतिशत हो गया है। आज भारत, विश्व की छठवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है। अब हमारे देश के सामने चौथी औद्योगिक क्रांति में निर्णायक भूमिका निभाने का अवसर आया है। मेरी सरकार का यह प्रयास है कि देश के लोग इस अवसर का पूरा लाभ उठाएं।’

राष्ट्रपति ने कहा, ‘औद्योगिक विकास और रोजगार पैदा करने के क्षेत्र में आज मेक इन इंडिया की पहल के प्रभावी परिणाम सामने आ रहे हैं। अब भारत, मोबाइल फोन बनाने वाला दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा देश बन गया है। हाल ही में लोकोमोटिव डीजल इंजनों को 10 हजार हॉर्स पावर के इलेक्ट्रिक इंजन में परिवर्तित करने का कीर्तिमान भी भारत ने स्थापित किया है। मेक इन इंडिया के तहत ही आंध्र प्रदेश में, एशिया के सबसे बड़े मेडटेक जोन की स्थापना की जा रही है। रक्षा उपकरणों के उद्यम स्थापित करके देश को सुरक्षित बनाने तथा युवाओं को नए अवसर देने के लिए तमिलनाडु और उत्तर प्रदेश में डिफेंस कॉरिडोर का निर्माण किया जा रहा है। बहुत जल्द ही देशवासियों को अब तक की सबसे तेज गति की ट्रेन ‘वंदे भारत एक्सप्रेस’ की अत्याधुनिक सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जाएंगी।’

उन्होंने कहा, ‘देश को सशक्त बनाने के लिए आवश्यक है कि हम एक ऐसी अर्थव्यवस्था का निर्माण करें, जो देशवासियों को पारदर्शिता और ईमानदारी के साथ आगे बढ़ने में मददगार हो। वर्ष 2014 से पहले, पारदर्शिता के अभाव में, कोयला खदानों का आबंटन चर्चा में रहा करता था। मेरी सरकार ने उन्हीं कोयला खदानों की, पारदर्शी व्यवस्था विकसित करके नीलामी की है और राष्ट्रीय संपत्ति की रक्षा की है। ‘इंसॉल्वेंसी और बैंकरप्सी कोड’ के नए कानून की वजह से अब तक बैंकों और देनदारों के 3 लाख करोड़ रुपए का प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष निपटारा हुआ है। डिफाल्ट करने की नीयत से, बड़े-बड़े कर्ज लेकर उन्हें हड़प जाने की प्रवृत्ति पर अंकुश लगा है।’

राष्ट्रपति ने कहा, ‘अब जीएसटी जैसा व्यापक कर सुधार लागू होने से एक देश-एक कर-एक बाजार की अवधारणा साकार हुई है। जीएसटी से देश में एक ईमानदार और पारदर्शी व्यापारिक व्यवस्था का निर्माण हो रहा है जिसका काफी बड़ा लाभ देश के युवाओं को मिल रहा है। इस व्यवस्था से व्यापारियों के लिए पूरे देश में कहीं पर भी व्यापार करना आसान हुआ है और उनकी कठिनाइयां कम हुई हैं। मैं देशवासियों को इस बात के लिए बधाई देता हूं कि शुरुआती दिक्कतों के बावजूद, देश के बेहतर भविष्य के लिए उन्होंने बहुत कम समय में एक नई प्रणाली को अपनाया। मेरी सरकार ने व्यापार जगत से मिल रहे सुझावों को ध्यान में रखकर जीएसटी में सुधार की प्रक्रिया को निरंतर जारी रखा है।’

राष्ट्रपति कोविंद ने कहा, ‘सरकार की प्राथमिकता रही है कि हमारे युवा सम्मान के साथ अपना रोजगार शुरू करें और दूसरों को भी रोजगार दें। स्वरोजगार को सुविधाजनक बनाने के लिए मेरी सरकार ने व्यापक सुधार किए हैं जिनकी विश्व स्तर पर सराहना हो रही है। इन सब सुधारों के परिणामस्वरूप ईज ऑफ डूइंग बिजनेस की रैंकिंग में भारत जहां 2014 में 142वें स्थान पर था, वहीं अब 65 रैंक ऊपर आकर 77वें स्थान पर पहुंच गया है। यह एक असाधारण उपलब्धि है।’

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