राहुल गांधी इस समय वर्चुअल वर्ल्ड में बहुत सक्रिय हैं। हर दिन टीवी-अखबार की सुर्खियों में छाए हुए हैं। सोशल मीडिया साइट ट्वीटर पर अचानक सक्रियता बढ़ने से वे हर विषय पर अपना पक्ष रख रहे हैं। इसमें भी जिस प्रकार से वे कविता शैली में या सिर्फ सवाल उठाकर मुद्दे को खड़ा कर रहे हैं, इससे उनकी क्रेडिबिलिटी पर सवाल जरूर उठ रहा है। ऐसे में हमने उनके ट्वीटर एकाउंड की डिटेल्ड पड़ताल करनी शुरू की।
- Perform India ने राहुल गांधी के उन सभी Tweets को खंगाला, जो उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष नने के बाद किया है।
- हमने राहुल गांधी के ऑफिशियल ट्वीटर हेंडल @OfficeOfRG को आधार बनाया है।
- कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की टाइम लाइन में हमने 16 दिसंबर,2017 से लेकर 23 फरवरी, 2018 के बीच Tweets का विश्लेषण किया है।
आइये अब आंकड़ों के सहारे राहुल गांधी के दिमाग का पोस्टमॉर्टम करते हैं।
GRAPHICS 1
- राहुल गांधी ने कांग्रेस का अध्यक्ष पद संभालने के बाद से 23 फरवरी तक कुल 80 Tweets किए
- इन 80 Tweets में 44 Tweets में सिर्फ और सिर्फ नकारात्मक और जहरीली बातें लिखी गई हैं।
- 26 Tweets में शुभकामना संदेश थे। इन Tweets को राहुल गांधी की टीम तैयार करती है, यह बात राहुल गांधी खुद बोल चुके हैं। इसलिए इन Tweets को हमने अपने आगे के विश्लेषण के लिए अलग कर लिया।
- 10 Tweet में व्यक्तियों से मुलाकातों की जानकारी होती थी। ये सिर्फ Informative पोस्ट होते हैं। इसलिए इसे भी आगे के विश्लेषण से अलग कर दिया है।
- वैसे आगे बढ़ने से पहले यह बताना जरूरी है कि राहुल गांधी संदेश के ट्वीट में भी विवादों से बच नहीं पाए हैं। 13 फरवरी को महाशिवरात्रि के बधाई संदेश के लिए भगवान शिव की जिस तस्वीर को उन्होंने शेयर किया, उस पर कलाकार को क्रेडिट तक नहीं दिया। सानिया डिसल्वा, जिन्होंने इस पेंटिंग को बनाया है, ने चोरी का आरोप लगाते हुए फेसबुक पर लिखा-
GRAPHICS 2
दूसरे ग्राफिक्स को देखकर आप राहुल गांधी की मानसिक स्थिति का अंदाजा लगा सकते हैं। इन Tweets का विश्लेषण करने पर कई जानकारियां मिलती हैं।
- राहुल गांधी के 44 Tweets में 31 निगेटिव Tweets हैं, यानि 70 प्रतिशत निगेटिव Tweets थे। केवल आलोचना, हमला या बुराई।
- 13 Tweets या 30 प्रतिशत Tweets आत्म प्रशंसा और जनता से सम्मान पाने के लिए किए गए।
- इसमें एक भी ऐसे Tweet नहीं थे, जिसके जरिये उन्होंने अपनी तरफ से या पार्टी की तरफ से कोई दीर्घकालीन प्लान बताया हो।
- पाँजिटिव Tweets की भी संख्या शून्य थी।
जाहिर है इन Tweets का विश्लेषण करने से साफ है कि उनके दिमाग में जहर भरा हुआ है। यही नहीं वे बेसिर-पैर के Tweet करते हैं। उदाहरण के तौर पर – सेंसेक्स में गिरावट को प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव बताया
In Parliamentary language, the Sensex just placed a solid 800 point No Confidence Motion against Modi’s budget. #BasEkAurSaal
— Office of RG (@OfficeOfRG) February 2, 2018
इस देश के संस्कृति अतिथि देवो भव: की रही है। लेकिन विदेशी मेहमान के साथ गला मिलना भी राहुल गांधी का रास नहीं आया। प्रधानमंत्री मोदी पर हमला करते हुए राहुल गांधी लिखते हैं
खुद को बताते हैं जो बहुत ‘आम’
‘खास’ को ही गले लगाना उनका काम
मोदीजी, ऐसी भी क्या मजबूरी
गले लगाने वालों में
किसान मजदूर और जवान का होना भी है ज़रूरीhttps://t.co/GXAg36cOIU— Office of RG (@OfficeOfRG) January 22, 2018
अपनी ही सरकार द्वारा लागू की गई आधार योजना का विरोध करते हुए लिखा –
UPA’s Aadhaar = A voluntary instrument to empower citizens.
NDA’s Aadhaar = A compulsory weapon to disempower citizens.
— Office of RG (@OfficeOfRG) January 17, 2018
GRAPHICS 3
तीसरे ग्राफिक्स में हमने कई विषयों को उठाया और उस पर रिसर्च की। इसमें भी हमें राहुल गांधी को सोच के आधार पर काफी नकारात्मक परिणाम नजर आया। इसके नतीजे बताते हैं कि एक तरफ जहां राहुल गांधी सरकार के अच्छे कार्यों की बुराई तो कर ही रहे हैं, लेकिन अपनी ही पार्टी की कई राज्यों में जो सरकार है, उसकी कोई विशेष बात या उपलब्धि भी पेश नहीं कर पा रहे हैं। जरा नतीजे देखिए
- 16 दिसंबर 2017 से कांग्रेस का अध्यक्ष पद संभालने के बाद से राहुल गांधी ने अपना गुणगान करने वाले Tweets के अतिरिक्त 44 Tweets किए।
- इनमें 31 निगेटीव Tweets थे।
- कोई भी पॉजिटिव Tweets नही किया
- कांग्रेस शासित राज्यों की उपलब्धियों के बारे में कोई Tweet नहीं था।
- कांग्रेस पार्टी के दीर्घकालीन प्लान को लेकर भी कोई Tweet नहीं थे।
- देश के लिए कांग्रेस के विजन पर शून्य Tweet थे।
- सरकारी नीतियों को लेकर तथ्यात्मक आलोचना करने वाले Tweets भी शून्य थे।
- जनता से संवाद वाले केवल 5 Tweets थे।
- पार्टी का गुणगान करने वाले 8 Tweets किये गये।
GRAPHICS 4
चौथे ग्राफिक्स में हमने राहुल गांधी के निगेटिव Tweets का विश्लेषण किया है। ऐसा लगता है कि राहुल गांधी मोदीफोबिया रोग से ग्रसित हैं।
- राहुल गांधी के Tweets 70 प्रतिशत निगेटिव थे।
- 48 प्रतिशत Tweets में प्रधानमंत्री मोदी पर व्यक्तिगत हमला करते हुए Tweet किया गया।
- 35 प्रतिशत Tweets में बिना तथ्यों के प्रधानमंत्री मोदी की नीतियों पर हमला करने वाले Tweets थे।
- इनमे से 16 प्रतिशत Tweets भाजपा-आरएसएस की विचारधारा पर हमला करने वाले निगेटिव Tweets थे।
GRAPHICS 5
राहुल गांधी ने अध्यक्ष पद संभालने के बाद समाजिक क्षेत्र के जिन मुद्दों को उठाया है या फिर जिन विषयों को लेकर मोदी सरकार पर हमला बोला है। हमने उन विषयों की भी पड़ताल की। इससे जो नतीजे निकले, वह भी कोई अच्छा इशारा नहीं कर रहे हैं। ज्यादातर मुद्दों पर सिर्फ निगेटिव ट्वीट किए गए, लेकिन बदले में कोई विकल्प पेश नहीं किया गया। यही नहीं कई बड़े मुद्दों पर तो उन्होंने कुछ कहा ही नहीं।
- महिला विकास के मुद्दे पर शून्य Tweet थे।
- किसानों से जुड़े मुद्दों पर एक निगेटिव Tweet किया गया।
- दिव्यांगों से जुड़े मुद्दे पर शून्य Tweet थे।
- गरीबों से जुड़े मुद्दों पर एक निगेटिव Tweet किया।
- छात्रों से जुड़े मुद्दों पर कोई Tweet नहीं किया।
- देश की आर्थिक नीति को लेकर 6 निगेटिव Tweet किए गये।
- देश के राजनीतिक मुद्दों पर 2 निगेटिव Tweet किए गये।
- प्रधानमंत्री मोदी पर व्यक्तिगत 14 निगेटिव Tweet किए गये
- आधार योजना को लेकर 1 निगेटिव Tweet किया गया।
- भाजपा- आरएसएस को लेकर 7 निगेटिव Tweet किए गये।
- जनता से संवाद पर 7 पाजिटिव Tweet किए गये।
- पार्टी का गुणगान करने वाले 8 Tweet किये गये।
साफ है इस समय राहुल गांधी के दिमाग में जो जहर भरा है, वैसा ही जहर वह देश के लोगों में भी भरना चाहते हैं। राजनीति में विरोध कोई बड़ी बात नहीं है। लेकिन नफरत की राजनीति सही नहीं कही जा सकती। मोदी सरकार की नीतियों का तथ्यात्मक विरोध देश के लिए ही नहीं, लोकतंत्र के लिए भी अच्छा है। लेकिन नफरत की वजह से हर योजना का विरोध ठीक नहीं कहा जा सकता।