भारतीय राजनीति में परंपरा रही है कि जब भी कोई नेता बड़ा निर्णय लेता है तो वह अक्सर वोट के बारे में सोचता है। लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्णय देश हित, मानव हित, समाज हित के होते हैं। केंद्र में रहते हुए पीएम मोदी ने कई ऐसे बड़े फैसले किए हैं जो लीक से हटकर हैं। मुस्लिमों की आधी आबादी की लड़ाई को तो उन्होंने उठाया भी और उसे अंजाम तक पहुंचाया भी। आइये हम देखते हैं पीएम मोदी के कुछ ऐसे ही निर्णय जो न सिर्फ बड़ी लकीर खींचते हैं बल्कि देश-दुनिया के लिए नजीर भी हैं।
मुस्लिम महिलाओं को मिला समानता का अधिकार
ट्रिपल तलाक के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट ने 22 अगस्त को ऐतिहासिक फैसला सुनाया है। यानि एक साथ ट्रिपल तलाक की वो कुप्रथा अब खत्म हो गई है जिसने लाखों मुस्लिम औरतों के जीवन को जहन्नुम में तब्दील कर दिया था। पीएम मोदी ने इस कुप्रथा के विरुद्ध सुप्रीम कोर्ट में सख्त स्टैंड लिया जिसके परिणामस्वरूप यह फैसला आ पाया। दरअसल पीएम मोदी कुछ अलग अंदाज में सोचते हैं, वे सामाजिक बुराईयों के विरुद्ध संघर्ष को प्रोत्साहन देते हैं। तीन तलाक के मामले को वे महिला सशक्तिकरण से जोड़ते हैं और किसी राजनीति और किसी धर्म के चश्मे से देखे बगैर इसे खत्म करने के लिए हौसला देते रहे। उनका मानना है, ”हमारे देश की विशेषता रही है कि बुराइयां आई हैं लेकिन उनके खिलाफ लड़ने का माद्दा भी हमारे भीतर ही पैदा हुआ है।” तीन तलाक के खत्म होते ही पीएम मोदी ने इसे महिला सशक्तिकरण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम करार दिया।
Judgment of the Hon’ble SC on Triple Talaq is historic. It grants equality to Muslim women and is a powerful measure for women empowerment.
— Narendra Modi (@narendramodi) August 22, 2017
नोटबंदी से पीएम मोदी ने किया भ्रष्टाचार पर प्रहार
08 नवंबर 2016 को लिया गया नोटबंदी का फैसला कोई साधारण पीएम नहीं ले सकता था। नोटबंदी कोई आसान फैसला नहीं था। इसके फायदे अब दिखने लगे हैं। जैसे-जैसे आंकड़े उपलब्ध होते जा रहे हैं, उससे साफ हो गया है कि जहां इस एक निर्णय ने 5 लाख करोड़ रुपये से अधिक छिपे हुए धन को उजागर कर दिया, वहीं कैशलेस ट्रांजेक्शन के जोड़ पकड़ने से भ्रष्टाचार के स्रोतों में पलीता लग गया है। इसके साथ ही टैक्स की जिम्मेदारियों के प्रति लोग अधिक अनुशासित भी हुए हैं। दरअसल नोटबंदी के फैसले की जिसको लेकर विपक्ष की ज्यादातर पार्टियों और नेताओं ने मोदी सरकार को घेरने में कोई कसर बाकी नहीं रखी थी। केंद्र सरकार के सबसे साहसिक और दूरदर्शी कदम पर विश्व की आला वित्तीय संस्थाओं की मुहर लगती जा रही है। अर्थव्यवस्था की गुणवत्ता में सुधार के साथ भ्रष्टाचार, आतंकवाद पर नकेल लगी है। आयकर रिटर्न भरने वालों की संख्या बढ़ी है और देश की इकोनॉमिक ग्रोथ ने रफ्तार पकड़ ली है।
सर्जिकल स्ट्राइक से पाकिस्तानी साजिश का प्रतिकार
देश का राजनीतिक नेतृत्व अगर सजग और सशक्त हो तो सर्जिकल स्ट्राइक जैसे फैसले होते हैं, सेना अपना दम दिखाती है और दुश्मन को सबक सिखाती है। 28-29 सितंबर की दरमियानी रात को जब भारत की सेना ने सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम दिया तो पूरी दुनिया देखती रह गई। सेना ने 38 से ज्यादा आतंकियों को पीओके में घुसकर ढेर कर दिया था। दरअसल उरी हमले के बाद पाकिस्तान से बदले की मांग काफी तेजी से बढ़ रही थी, जिस पर पीएम मोदी ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल की देखरेख में सर्जिकल स्ट्राइक की रणनीति बनाई और देर रात इस रणनीति को अंजाम देने का फैसला किया। भारतीय सेना के जवान पाक के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकियों को ढेर कर रहे थे तो इधर पीएम मोदी इस ऑपरेशन की पल-पल की खबर लेते रहे। जाहिर तौर पर यह बड़ा फैसला था जो पीएम मोदी ही ले सकते थे।
जीएसटी ने देश की अर्थव्यवस्था को दी तेज रफ्तार
01 जुलाई, 2017 से पूरा देश बदल गया। दरअसल इस दिन से पूरा देश गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स यानी GST के दायरे में आ गया और भारत ने वन इंडिया वन टैक्स के आधार पर ‘पूरा देश, एक बाजार’ के कंसेप्ट को अपना लिया। यानि इस दिन से देश की अर्थव्यवस्था को नयी रफ्तार मिल गई। इस एक फैसले से देश को ‘टैक्स ऑन टैक्स’ के मकड़जाल से मुक्ति मिल गई और व्यापार का तरीका भी बदल गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने जिस इरादे से जीएसटी पास कराया था, उसका असर दिखने लगा है। अभी पहली रिटर्न फाइल करने की आखिरी तारीख बाकी है, लेकिन सरकार को जीएसटी के तहत 42 हजार करोड़ रुपये का राजस्व मिल चुका है। अबतक 10 लाख करदाताओं ने रिटर्न भरा है और 20 लाख करदाताओं ने ऑनलाइन लॉग इन करके रिटर्न का फॉर्म हासिल कर लिया है।
स्वच्छता अभियान ने बदला देश का आचार-व्यवहार
2 अक्टूबर 2014 को शुरू हुआ स्वच्छ भारत अभियान आज स्वतंत्र भारत का बहुत ही महत्वपूर्ण जन आंदोलन बन चुका है। देश को स्वच्छ करने की जो पहल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की, वैसा पहले कभी किसी ने नहीं सोचा था। अभियान की शुरुआत करते हुए उस दिन श्री नरेंद्र मोदी ने कहा था, “2019 में महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के अवसर पर भारत उन्हें स्वच्छ भारत के रूप में सर्वश्रेष्ठ श्रद्धांजलि दे सकता है।” स्वच्छ भारत अभियान के शुरू हुए अभी 34 महीने ही हुए हैं, लेकिन स्वच्छता के प्रति देश सजग हो गया है, साफ-सफाई के प्रति सोच बदल गई है। प्रधानमंत्री मोदी ने जब स्वच्छ भारत अभियान शुरू किया था, तब देश का एक भी राज्य खुले में शौच की समस्या से मुक्त नहीं था। इस समय देश के तीन राज्य, 130 जिले, 1,88,573 गांव, नमामि गंगे के तहत 3,706 अतिरिक्त गांव खुले में शौच की समस्या से मुक्त हो चुके हैं। स्वच्छ भारत मिशन के तहत देश में अबतक 3 करोड़ 87 लाख से अधिक घरों में शौचालय बनाया जा चुका है। देश में तीन साल पहले के स्वच्छता का 42 प्रतिशत से बढ़कर 65 प्रतिशत हो चुका है। एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में 83 प्रतिशत लोग पहले की तुलना में अधिक स्वच्छता महसूस कर रहे हैं।