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पीएमएवाईजी: तय समय से पहले ही पूरा कर लिया जाएगा एक करोड़ घरों के निर्माण का लक्ष्य

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आजादी के 70 साल बाद भी आज करीब पांच करोड़ परिवार ऐसे हैं जिनके पास अपना घर नहीं है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शहरों के इन दो करोड़ और ग्रामीण आबादी के करीब तीन करोड़ परिवारों की पीड़ा को समझा और उन्होंने साल 2022 तक देश के हर परिवार को घर देने का वादा किया। इसी को ध्यान में रखकर प्रधानमंत्री ने 20 नवंबर, 2016 को आगरा, उत्तरप्रदेश से पीएमएवाई (जी) की शुरूआत की गई थी। इसका लक्ष्य 31 मार्च, 2019 तक एक करोड़ घरों के निर्माण कार्य को पूरा करना है।

पीएमएवाई (जी) में 47.21 लाख से अधिक घरों का निर्माण कार्य पूरा होने की स्थिति पर है। मार्च, 2021 तक पीएमएवाई (जी) के 1 करोड़ घरों के निर्माण का कार्य आसानी से पूरा होने की उम्मीद है क्योंकि 60 लाख घरों के लिए पहली किस्त जारी हो चुकी है और कार्य प्रगति पर है। विभाग का प्रयास है कि 31 दिसंबर, 2018 तक 1 करोड़ घरों के निर्माण का कार्य पूरा किया जाए जबकि लक्ष्य 31 मार्च, 2019 का है।

पीएमएवाई (जी) की वेबसाइट (www.pmayg.nic.in) के अनुसार निर्माण कार्य पूरा हो चुके घरों की संख्या रिपोर्ट की संख्या का वर्णन सेक्शन ए2 में वर्षवार देखा जा सकता है जिसमें 2014-15 से 2017-18 तक का वर्णन इस प्रकार है।

वर्ष पूरा किए गए घरों की संख्या (संख्या लाखों में)
2014-15 11.91
2015-16 18.23
2016-17 32.24
2017-18
(21 मार्च, 2018 तक)
34.99

 

अंतरिक्ष टेक्नोलॉजी और सूचना प्रौद्योगिकी के जरिए निगरानी
बेहतर गुणवत्ता के आवासों के तेजी से निर्माण के लिए लाभार्थियों के खातों में प्रत्यक्ष हस्तांतरण के जरिए आईटी-डीबीटी के जरिए सहायता राशि मुहैया कराई गई है। बेहतर गुणवत्ता के घरों के निर्माण के लिए ग्रामीण मजदूरों और मिस्त्रियों को प्रशिक्षण दिया गया है। अंतरिक्ष टेक्नोलॉजी और सूचना प्रौद्योगिकी के जरिए घरों के निर्माण की पूरी प्रक्रिया की निगरानी की जा रही है। लाभार्थियों के मकानों के निर्माण कार्य के विभिन्न चरणों पर नजर रखी जा रही है। राज्यों ने निर्माण सामग्री को रियायती दामों पर उपलब्ध कराने के लिए कई कदम उठाए हैं, ताकि आवासों का निर्माण कार्य और उसकी गुणवत्ता प्रभावित न हों। इन आवासों में शौचालय, एलपीजी कनेक्शन और पीने के पानी की सुविधाएं मुहैया कराई गई हैं। कुछ राज्यों में इस योजना के तहत कलस्टर और कॉलोनियां भी बनाई गई हैं, जिससे आमतौर पर भूमिहीन लाभार्थी लाभांवित होंगे। इन आवासों का निर्माण दिल्ली के यूएनडीपी-आईआईटी ने किया है और संबंधित राज्यों के लाभार्थियों को यह सुविधा दी गई है कि वे अपनी पसंद के अनुरूप आवासों का डिजाइन चुन सकें।

PMAY ने बढ़ाए रोजगार के अवसर
प्रधानमंत्री आवास योजना ने अब तक 1.2 करोड़ लोगों को रोजगार प्रदान किया है। एक रिपोर्ट के अनुसार इस क्षेत्र में निवेश किये गए हर 1 लाख रुपये पर 2.69 रोजगार लोगों को मिलते हैं। लगातार प्रयासों से यह आंकड़ा 4.06 तक पंहुचा जा सकता है। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत अब तक 1,10,753 करोड़ रुपये का निवेश किया जा चुका है। अनुमान है कि इस पूरी योजना के तहत लगभग 4.5 करोड़ लोगों को रोजगार मिल सकता है।

सस्ते मकान क्षेत्र में जबरदस्त तेजी
प्रधानमंत्री आवास योजना पीपीपी मोड के आधार पर चल रही है। ऐसा अनुमान है कि इस कारण सस्ते आवासीय क्षेत्र में जबरदस्त तेजी आने वाली है। कई हाउसिंग कंपनियों के अनुसार ग्राहकों का जबरदस्त आकर्षण दिख रहा है।पीएमएवाई के तहत केंद्र सरकार ने मध्यम आयवर्ग के लोगों के लिए दो नई योजनाएं शुरू की। इन योजनाओं के तहत 9 लाख रुपये तक के आवास ऋण पर ब्याज में 4 फीसदी और 12 लाख रुपये के आवास ऋण पर ब्याज में 3 फीसदी छूट दी गई है।

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