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पीएमएवाई (शहरी) के तहत 3.10 लाख और घरों के साथ 68.5 लाख से अधिक घरों को मिली मंजूरी

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने साल 2022 तक देश के हर परिवार को घर देने का वादा किया है। 2022 तक सभी के लिए मकान सुनिश्चित करने के लक्ष्य को लेकर 25 जून, 2015 में प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई) शुरू की गई थी। केन्द्र सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के तहत 3.10 लाख और सस्ते मकानों के निर्माण को मंजूरी दी है। नई दिल्‍ली में 27 दिसंबर को केन्‍द्रीय मंजूरी एवं निगरानी समिति (सीएसएमसी) की बैठक में आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय ने पीएमएवाई (शहरी) के तहत शहरों में रहने वाले गरीबों के लिए 3,10,597 और किफायती मकानों के निर्माण को मंजूरी दी। इसके साथ ही प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के तहत मंजूर मकानों की संख्‍या 68,54,126 हो गई है।

बैठक में उत्तर प्रदेश के लिए 1,08,135 घर स्‍वीकृत किए गए हैं, जबकि कर्नाटक के लिए 1,05,502 सस्‍ते मकान स्‍वीकृत किए गए हैं। आंध्र प्रदेश के लिए स्वीकृत मकानों की संख्या 57,433 हैं, जबकि ओडिशा के लिए 21,894 मकान और गुजरात 17,633 मकान स्वीकृत किए गए हैं। इन परियोजनाओं की लागत 14,662 करोड़ रुपये है जिसमें केंद्रीय सहायता 4658 करोड़ रुपये की होगी।

प्रधानमंत्री आवास योजना को मिली बड़ी कामयाबी
साल 2015 में शुरू होने के बाद से ही प्रधानमंत्री आवास योजना को बड़ी कामयाबी मिली है। प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी के तहत अब तक 68.5 लाख घरों को मंजूरी मिल चुकी है। इसी तरह प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण को भी 20 नवंबर 2016 को लांच किया गया और 21 मार्च, 2018 तक 34.99 लाख घरों का निर्माण पूरा किया जा चुका था। प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के तहत इस वर्ष 2018 के माह दिसंबर खत्म होते-होते एक करोड़ पक्के मकान बन जाएंगे हालांकि योजना के लॉन्चिंग के समय एक करोड़ मकान बनाने की समय सीमा मार्च 2019 रखी गई थी।

पीएमएवाई (जी) की वेबसाइट (www.pmayg.nic.in) के अनुसार निर्माण कार्य पूरा हो चुके घरों की संख्या रिपोर्ट की संख्या का वर्णन सेक्शन ए2 में वर्षवार देखा जा सकता है जिसमें 2014-15 से 2017-18 तक का वर्णन इस प्रकार है।

वर्ष पूरा किए गए घरों की संख्या (संख्या लाखों में)
2014-15 11.91
2015-16 18.23
2016-17 32.24
2017-18
(21 मार्च, 2018 तक)
34.99

 

अंतरिक्ष टेक्नोलॉजी और सूचना प्रौद्योगिकी के जरिए निगरानी
बेहतर गुणवत्ता के आवासों के तेजी से निर्माण के लिए लाभार्थियों के खातों में प्रत्यक्ष हस्तांतरण के जरिए आईटी-डीबीटी के जरिए सहायता राशि मुहैया कराई गई है। अंतरिक्ष टेक्नोलॉजी और सूचना प्रौद्योगिकी के जरिए घरों के निर्माण की पूरी प्रक्रिया की निगरानी की जा रही है। लाभार्थियों के मकानों के निर्माण कार्य के विभिन्न चरणों पर नजर रखी जा रही है। राज्यों ने निर्माण सामग्री को रियायती दामों पर उपलब्ध कराने के लिए कई कदम उठाए हैं, ताकि आवासों का निर्माण कार्य और उसकी गुणवत्ता प्रभावित न हों। कुछ राज्यों में इस योजना के तहत कलस्टर और कॉलोनियां भी बनाई गई हैं, जिससे आमतौर पर भूमिहीन लाभार्थी लाभांवित होंगे। इन आवासों का निर्माण दिल्ली के यूएनडीपी-आईआईटी ने किया है और संबंधित राज्यों के लाभार्थियों को यह सुविधा दी गई है कि वे अपनी पसंद के अनुरूप आवासों का डिजाइन चुन सकें।

PMAY ने बढ़ाए रोजगार के अवसर
प्रधानमंत्री आवास योजना ने अब तक 1.2 करोड़ लोगों को रोजगार प्रदान किया है। एक रिपोर्ट के अनुसार इस क्षेत्र में निवेश किये गए हर 1 लाख रुपये पर 2.69 रोजगार लोगों को मिलते हैं। लगातार प्रयासों से यह आंकड़ा 4.06 तक पंहुचा जा सकता है। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत अब तक 1,10,753 करोड़ रुपये का निवेश किया जा चुका है। अनुमान है कि इस पूरी योजना के तहत लगभग 4.5 करोड़ लोगों को रोजगार मिल सकता है।

सस्ते मकान क्षेत्र में जबरदस्त तेजी
प्रधानमंत्री आवास योजना पीपीपी मोड के आधार पर चल रही है। ऐसा अनुमान है कि इस कारण सस्ते आवासीय क्षेत्र में जबरदस्त तेजी आने वाली है। कई हाउसिंग कंपनियों के अनुसार ग्राहकों का जबरदस्त आकर्षण दिख रहा है। पीएमएवाई के तहत केंद्र सरकार ने मध्यम आयवर्ग के लोगों के लिए दो नई योजनाएं शुरू की। इन योजनाओं के तहत 9 लाख रुपये तक के आवास ऋण पर ब्याज में 4 फीसदी और 12 लाख रुपये के आवास ऋण पर ब्याज में 3 फीसदी छूट दी गई है।

गुणवत्तापूर्ण मकानों के लिए राजमिस्त्री प्रशिक्षण कार्यक्रम
इतना ही नहीं, गुणवत्तापूर्ण आवास के निर्माण के लिए प्रशिक्षित राजमिस्त्री की आवश्यकता होती है। इसके लिए ग्रामीण क्षेत्रों में ग्रामीण राजमिस्त्री प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किया गया। ग्रामीण राजमिस्त्री प्रशिक्षण कार्यक्रम 11 राज्यों में शुरू किए गए हैं। अब तक 25 हजार प्रशिक्षुओं ने इस कार्यक्रम में अपना नामांकन कराया जिसमें से 12,500 प्रशिक्षुओं की ट्रैनिंग पूरी हो गई, उन्हें प्रमाणपत्र भी मिल गया है। मार्च, 2019 तक एक लाख ग्रामीण राजमिस्त्रियों को प्रशिक्षण दिया जाना है। इसके माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में अच्छी गुणवत्ता वाले आवासों का निर्माण संभव होगा। साथ ही देश में कुशल कारिगरों की संख्या बढ़ेगी। प्रशिक्षित राजमिस्त्रियों को रोजगार के अच्छे अवसर मिलेंगे।

मकानों के 168 प्रकार के डिजाइन
जो भी मकान बने, वह गरीब को सक्षम और सशक्त बनाने के लिए हो, इसको ध्यान में रखते हुए यूएनडीपी-आईआईटी दिल्ली ने आवासों के विभिन्न डिजाइन तैयार किए हैं। 15 राज्यों के लिए स्थानीय जलवायु और स्थानीय निर्माण सामग्री को ध्यान में रखते हुए बने। इसके लिए इस योजना के तहत 168 प्रकार के डिजाइन को सरकार ने मंजूरी दी है। इन डिजाइनों में से कोई भी डिजाइन प्रधानमंत्री आवास योजना के लाभार्थी चुन सकते हैं और मकान बनवा सकते हैं। इन आवास डिजाइनों को केन्द्रीय आवास शोध संस्थान, रुडकी ने भी मंजूरी दी है। इन आवास डिजाइनों में लागत कम आती है तथा ये आपदा प्रतिरोधी भी हैं।

पीएमएवाई के तहत बनने वाले प्रत्येक पक्के घर में शौचालय, गैस कनेक्शन, बिजली आपूर्ति, पेयजल आपूर्ति आदि सुविधाओं से ग्रामीण भारत की तस्वीर बहुत तेजी से बदल रही है।

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