प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का डिजिटल इंडिया का सपना सच होने की दिशा में अग्रसर है। प्रधानमंत्री डिजिटल सोसाइटी बनाने का हमेशा आह्वान करते रहे हैं और देश के लोगों पर इसका कितना असर हो रहा है अब उसके प्रत्यक्ष उदाहरण सामने आने लगे हैं। महिला सशक्तिरण के लिए जमीनी स्तर पर काम कर रही मोदी सरकार की डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने की कोशिश से महिलाएं कदमताल तेज करती दिखी हैं।
घर से रोजगार कर रहीं 20 लाख महिलाएं
मोदी सरकार से मिला हौसला
इस रोजगार को किसी आंकड़े में नहीं डाला गया है, लेकिन ये मोदी सरकार के विजन और उसकी योजनाओं का नतीजा है जिसके फोकस में हैं समाज के गरीब, किसान और महिलाएं। जन धन और प्रधानमंत्री मुद्रा योजना का मकसद भी समाज के इन वर्गों की उन्नति ही है..जो देश की तरक्की में भी सहायक है।
खूब रंग लाई है प्रधानमंत्री मुद्रा योजना
सरकार ने खत्म की छोटे कारोबारियों की मुश्किलें
छोटे कारोबारियों का बढ़ा मनोबल
अपने दो साल में प्रधानमंत्री मुद्रा योजना खूब रंग ला चुकी है। ये योजना शिक्षित युवाओं के लिए रोजगार के द्वार खोल रही है। अपना बिजनेस शुरू करने को लेकर के लिए उनके लिए एक हौसला लेकर आई है मुद्रा योजना। इससे छोटे व्यापारियों का मनोबल बढ़ रहा है। उनमें प्रतियोगिता की भावना जगी है जो ना सिर्फ उनके कारोबार के लिए अच्छा है, इससे राष्ट्र के विकास में भी हाथ बंटा रहे हैं।
मुद्रा योजना में महिलाओं को प्राथमिकता
- शिशु योजना: 50 हजार रु तक तक का ऋण
- किशोर योजना : 50 हजार रु से 5 लाख रु तक
3.तरुण योजना: 5 लाख रु से 10 लाख रु तक
अब महाजनों के चक्कर नहीं
छोटे कारोबारियों के लिए मुद्रा योजना इसलिए भी बड़ी राहत लेकर आने वाली रही है क्योंकि अब अपने बिजनेस को गति देने के लिए उन्हें महाजनों के चक्कर नहीं लगाने पड़ते हैं। ऐसे मामले कम नहीं जब अपनी जरूरत में साहूकरों से ऋण लेने के बाद वो ब्याज की बड़ी-बड़ी रकम के चक्रव्यूह में फंस जाते थे।
रोजगार के स्थायी समाधान पर मोदी सरकार का जोर
रोजगार का मतलब सिर्फ नौकरी देना नहीं है, एक दूरदर्शी सरकार उसके मतलब को व्यापक संदर्भ में देखती है। मोदी सरकार दरअसल रोजगार के अवसर पैदा करने की स्थायी योजना पर काम कर रही है। इसी सोच के साथ सरकार ने स्किल डेवलपमेंट, स्टार्ट अप और मुद्रा योजना जैसी अपनी कई क्रांतिकारी योजनाओं को सामने लाया है। डिजिटल इंडिया के लिए एक स्वाभाविक माहौल बनाने की ये सरकार की ही कोशिश है कि आज देश भर में महिलाओं में अपनी जरूरत की टेक्नोलॉजी को समझने की उत्सुकता कहीं ज्यादा हो चुकी है। पूर्ववर्ती सरकार में महिला सशक्तिकरण की बात केवल कागजों पर हुआ करती थी वहीं महिलाएं अब ना सिर्फ मोदी सरकार की योजनाओं से आत्मनिर्भर हो रही हैं बल्कि देश के विकास में भी हाथ बंटा रही हैं।