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वीरता पुरस्कार पाने वाले बच्चों से पीएम मोदी ने कहा-जो आपने किया वो सोचने में लोगों के पसीने छूट जाते हैं

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को राष्ट्रीय बाल पुरस्कार-2020 के विजेताओं से मुलाकात की। प्रधानमंत्री ने बच्चों के साहसिक कार्यों की तारीफ की और जीवन में आगे बढ़ने के मंत्र दिए। उन्होंने कहा कि जो आपने किया है वो सोचने में ही लोगों के पसीने छूट जाते हैं। 

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आपलोगों ने कम आयु में अलग-अलग क्षेत्रों में मुकाम हासिल किए हैं, जिससे लोगों को प्रेरणा मिलेगी। उन्होंने कहा कि पुरस्कार मिलना सिर्फ शुरुआत होती है, यहां पर सब कुछ खत्म नहीं होता है। उन्होंने कहा कि आज युवा शिक्षा,आर्ट,कल्चर,समाजसेवा हर किसी क्षेत्र में अपना योगदान दे रहे हैं। पीएम मोदी ने बच्चों की सलाह दी कि वो फेम के चक्कर में ना आएं, अपने पैर जमीन पर रखना जरूरी है।

इस दौरान पीएम बच्चों से कई सवाल भी पूछे। बच्चों को मेहनत करने की सीख देते हुए पीएम ने उनसे पानी पीने का तरीका पूछ लिया। उन्होंने बच्चों से कहा कि पानी हमेशा बैठकर ही पीना चाहिए। यह छोटी चीज है, उसका शास्त्र कोई समझएगा और मैं उसके चक्कर में नहीं पड़ना चाहता हूं। 

प्रधानमंत्री ने आगे बच्चों से पूछा कि आपमे से कितने हैं जो पानी दवाई की तरह पीते हैं। कुछ लोग होंगे जो पानी जूस की तरह पीते होंगे। पानी का भी आनंद लेते हैं। कुछ लोग होते होंगे दवाई की तरह गटागट पी जाते होंगे। उन्होंने कहा कि पानी को टेस्ट के साथ पीना चाहिए। पानी का टेस्ट होता है। वह शरीर को बहुत फायदा करता है। आप उसे इंजॉय करिए, दवाई की तरह गटागट पानी मत पीजिए। पीएम मोदी ने बच्चों से ये भी पूछा कि यहां कितने लोग हैं जिनके शरीर से पसीना निकलता है। बच्चों को इतनी मेहनत करनी चाहिए कि दिन में 4 चार पसीना आए।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि उन्होंने लाल किले से अधिकार पर नहीं लोगों को कर्तव्य पर भी बल देने की बात कही थी। बच्चों से पूछा कि अधिकार और कर्तव्य में आप किसे ज्यादा महत्व देंगे। उन्होंने कहा कि आप अपने कर्तव्यों पर बल दें, अधिकारों पर नहीं। 

पीएम मोदी ने कहा कि वो आप लोगों की कहानियों को दुनिया को बताएंगे और सोशल मीडिया पर तस्वीरें साझा करेंगे। लेकिन अगर गलती होगी तो नाराज मत होना। कभी-कभी गलती हो जाती है। उन्होंने कहा कि साहस स्वभाव में होना चाहिए। साहस के बिना जीवन संभव नहीं है।

 

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