प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज, 4 जनवरी 2025 को नई दिल्ली के भारत मंडपम में ग्रामीण भारत महोत्सव का उद्घाटन किया। ग्रामीण भारत महोत्सव में प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘2014 से मैं लगातार, हर पल ग्रामीण भारत की सेवा में लगा हूं। गांव के लोगों को गरिमापूर्ण जीवन देना, मेरी सरकार की प्राथमिकता है। हमारा विजन है, भारत के गांव के लोग सशक्त बनें, उन्हें गांव में ही आगे बढ़ने के ज्यादा से ज्यादा अवसर मिले, उन्हें पलायन न करना पड़े, गांव के लोगों का जीवन आसान हो, इसलिए हमने गांव-गांव में मूलभूत सुविधाओं की गारंटी का अभियान चलाया। स्वच्छ भारत अभियान के जरिए हमने घर-घर में शौचालय बनवाए। पीएम आवास योजना के तहत हमने ग्रामीण इलाकों में करोड़ों परिवारों को पक्के घर दिए। आज जल जीवन मिशन से लाखों गांवों के हर घर तक पीने का साफ पानी पहुंच रहा है।’
2014 से ही मैं लगातार, हर पल ग्रामीण भारत की सेवा में लगा हूं। गांव के लोगों को गरिमापूर्ण जीवन देना मेरी सरकार की प्राथमिकता है।
हमारा विजन है, भारत के गांव के लोग सशक्त बनें, उन्हें गांव में ही आगे बढ़ने के ज्यादा से ज्यादा अवसर मिले, उन्हें पलायन न करना पड़े, गांव के लोगों… pic.twitter.com/aXJBkNhzp2
— BJP (@BJP4India) January 4, 2025
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ‘हमने सब्सिडी बढ़ाकर डीएपी का दाम स्थिर रखा है। हमारी सरकार की नीयत, नीति और निर्णय ग्रामीण भारत को नई ऊर्जा से भर रहे हैं। हमारा मकसद है कि गांव के लोगों को गांव में ही अधिक से अधिक आर्थिक मदद मिले। गांव में वो खेती भी कर पाएं और गांवों में रोजगार-स्वरोजगार के नए मौके भी बनें। जिससे नए रोजगार और स्वरोजगार के अवसर सृजित हों। इसी सोच के साथ पीएम किसान सम्मान निधि से किसानों को करीब 3 लाख करोड़ रुपए की आर्थिक मदद दी गई है। पिछले 10 वर्षों में कृषि लोन की राशि साढ़े 3 गुना हो गई है। अब पशुपालकों और मत्स्य पालकों को भी किसान क्रेडिट कार्ड दिया जा रहा है। देश में मौजूद 9 हजार से ज्यादा FPO- किसान उत्पाद संघ को भी आर्थिक मदद दी जा रही है।’
#WATCH | प्रधानमंत्री @narendramodi ने नई दिल्ली के भारत मंडपम में आयोजित #GrameenBharatMahotsav2025 में अपने संबोधन में कहा, “हमारी सरकार की नीयत, नीति और निर्णय ग्रामीण भारत को नई ऊर्जा से भर रहे हैं। हमारा उद्देश्य है कि गांव के लोगों को गांव में ही अधिक से अधिक आर्थिक सहायता… pic.twitter.com/naXdjIkkaz
— डीडी न्यूज़ (@DDNewsHindi) January 4, 2025
कार्यक्रम के दौरान अपने संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि साल 2025 की शुरुआत में ग्रामीण भारत महोत्सव का भव्य आयोजन भारत की विकास यात्रा को दर्शा रहा है। इसके आयोजन के लिए नबार्ड और अन्य सहयोगियों को बधाई। उन्होंने कहा कि ‘गांव-गांव में महिलाएं सेल्फ हेल्प ग्रुप्स के जरिए नई क्रांति कर रही हैं। हमने गांवों की 1 करोड़ 15 लाख महिलाओं को लखपति दीदी बनाया है। हमारा संकल्प है कि हम 3 करोड़ महिलाओं को लखपति दीदी बनाएंगे। दलित, वंचित, आदिवासी समाज की महिलाओं के लिए हम विशेष योजनाएं भी चला रहे हैं।’
Delhi: PM Narendra Modi says, “In villages across India, women are driving a new revolution through self-help groups. We have empowered 1.15 crore women as ‘Lakhpati Didis’, earning over ₹1 lakh annually—not just once but every year. Our goal is to elevate 3 crore women to this… pic.twitter.com/yy0GLfoFxI
— IANS (@ians_india) January 4, 2025
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ‘आज देश में 94 प्रतिशत से ज्यादा ग्रामीण परिवारों में टेलीफोन या मोबाइल की सुविधा है। गांव में ही बैंकिंग सेवाएं और UPI जैसी वर्ल्ड क्लास टेक्नालजी उपलब्ध है। 2014 से पहले हमारे देश में एक लाख से भी कम कॉमन सर्विस सेंटर्स थे। आज इनकी संख्या 5 लाख से भी ज्यादा हो गई है। इन कॉमन सर्विस सेंटर्स पर सरकार की दर्जनों सुविधाएं ऑनलाइन मिल रही हैं। ये इनफ्रास्ट्रक्चर गाँवों को गति दे रहा है, वहां रोजगार के मौके बना रहा है और हमारे गांवों को देश की प्रगति का हिस्सा बन रहा है।’
Delhi: PM Narendra Modi says, “Today, over 94% of rural households in India have access to telephones or mobile services. Banking services and world-class technologies like UPI are now available in villages. Before 2014, there were fewer than 1 lakh Common Service Centres (CSCs)… pic.twitter.com/jIwE087Dx3
— IANS (@ians_india) January 4, 2025
समारोह को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि कृषि के अलावा भी हमारे गांवों में अलग-अलग तरह की पारंपरिक कला और कौशल से जुड़े कितने ही काम रहे हैं। जैसे लोहार, सुथार, कुम्हार। ये सब काम करने वाले ज़्यादातर लोग गांवों में ही रहते आए हैं। रुरल इकॉनमी और लोकल इकॉनमी में इनका बहुत बड़ा योगदान रहा है। लेकिन पहले इनकी भी लगातार उपेक्षा हुई। अब हम उन्हें और स्किल्ड बनाने के लिए, उन्हें सस्ती दरों पर मदद देने के लिए विश्वकर्मा योजना चला रहे हैं। ये योजना देश के लाखों विश्वकर्मा साथियों को आगे बढ़ने का मौका दे रही है।