देश में कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ते जा रहे हैं। लेकिन इसमें राहत की खबर यह है कि जहां स्वस्थ होने वाले कोरोना मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है, वहीं कोरोना से होने वाली मौतों की रफ्तार में कमी आई है। इसी बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उन पांच राज्यों पर फोकस किया है, जिनमें देश के दो-तिहाई कोरोना संक्रमण के मामले हैं। इन राज्यों में कोरोना के बढ़ते संक्रमण को रोकने और टेस्टिंग बेहतर करने के साथ-साथ बेड्स की संख्या और सेवाओं को बेहतर करने की रणनीति बनायी जा रही है।
पांच राज्यों पर रहेगा फोकस
देश में महाराष्ट्र, तमिलनाडु, दिल्ली, गुजरात और उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा कोरोना के मामले हैं। ऐसे में प्रधानमंत्री मोदी की बैठक में पांच राज्यों पर फोकस करने को लेकर चर्चा हुई। पीएमओ ने बैठक के बाद बताया कि देखा गया है कि देश में कुल कोरोना संक्रमण के दो तिहाई मामले 5 राज्यों में हैं। इनमें खास तौर पर बड़े शहर प्रभावित हैं। ऐसे में मुख्य फोकस पांच राज्यों पर रखकर ही आगे की रणनीति तय की जाएगी।
पांच राज्यों में कोरोना संक्रमण के मामले (15-06-2020)
स्थान | कन्फर्म किया गया | स्वस्थ हो गए | मृतक |
महाराष्ट्र | 107958 | 50978 | 3950 |
तमिलनाडु | 44661 | 24547 | 435 |
दिल्ली-एनसीआर | 41182 | 15823 | 1327 |
गुजरात | 23590 | 16333 | 1478 |
उत्तर प्रदेश | 13615 | 8268 | 399 |
टेस्टिंग और बेड्स की संख्या बढ़ाने पर जोर
प्रधानमंत्री मोदी ने डेली केसेज की पीक से निपटने की चुनौतियों को देखते हुए टेस्टिंग बेहतर करने के साथ-साथ बेड्स की संख्या और सेवाओं को बेहतर करने पर जोर दिया। शहर और जिले के हिसाब से अस्पतालों और आइसोलेशन बेड्स की जरूरत पर प्रधानमंत्री मोदी ने ध्यान दिया। उन्होंने स्वास्थ्य मंत्रालय को राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ मिलकर इमर्जेंसी प्लानिंग के निर्देश दिए।
पीएम मोदी करेंगे राज्यों के साथ भावी रणनीति पर चर्चा
प्रधानमंत्री मोदी 16-17 जून को राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से भावी रणनीति को लेकर फिर चर्चा करेंगे। एक साथ 29 राज्यों और 7 केंद्रशासित प्रदेशों को समय दे पाना संभव नहीं, इसलिए उन्हें दो समूहों में बांट दिया गया है। प्रधानमंत्री मोदी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए होने वाली इस बैठक में राज्यों से उनकी तैयारी और आगे की रणनीति पर बात कर सकते हैं। जो 5 राज्य चिन्हित किए गए हैं, उनके लिए अलग से प्लान तैयार होगा। इस मीटिंग में उनके लिए अलग ब्रीफिंग रखी जा सकती है।
मीटिंग में अनलॉक 1 की गाइडलाइंस पर राज्यों का फीडबैक लिया जाएगा। एक पॉइंट केसेज में उछाल का भी उठ सकता है। लॉकडाउन हटने के बाद से करोनो के केसेज बढ़े हैं। कुछ राज्यों ने सख्ती बढ़ा दी है। मीटिंग में बाकी राज्य भी केंद्र की तरफ से ऐसे निर्देशों की मांग कर सकते हैं। रेल सेवाएं पूरी तरह बहाल नहीं हुई हैं, इसके अलावा मेट्रो भी बंद है। अगर अनलॉक 2 की ओर बढ़ने का फैसला होता है तो ये सेवाएं शुरू हो सकती हैं।
प्रधानमंत्री मोदी की बड़ी चिंता दिल्ली और महाराष्ट्र को लेकर है। यहां स्वस्थ होने की दर में सुधार नहीं हो रहा है। महाराष्ट्र में अब भी संक्रमित होने वालों की संख्या स्वस्थ होने वालों से बहुत ज्यादा है। यही स्थिति दिल्ली की है। प. बंगाल, जम्मू-कश्मीर और हरियाणा में भी स्वस्थ होने वालों से संक्रमित होने वालों की संख्या ज्यादा है।
महाराष्ट्र के बाद कोरोना से सबसे ज्यादा स्थिति दिल्ली में खराब है। ऐसे में खुद केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने मोर्चा संभाला है। उन्होंने मुख्यमंत्री केजरीवाल और स्टेट डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी के अधिकारियों के साथ चर्चा की। इस बैठक में एम्स के डायरेक्टर रणदीप गुलेरिया भी मौजूद रहे।बैठक के बाद केंद्र सरकार ने दिल्ली के लिए विशेषज्ञों की तीन टीमें बनाई हैं। इनका काम दिल्ली के अस्पतालों का निरीक्षण करने के साथ ही कोविड-19 मामलों के क्लीनिकल मैनेजमेंट पर उनको गाइड करना है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने रविवार (14 जून) को इसकी जानकारी दी।
बैजल और केजरीवाल के साथ बैठक के बाद वायरस को फैलने से रोकने के लिए उपायों की घोषणा करते हुए शाह ने कहा कि शहर में अगले दो दिनों में कोविड-19 की जांच की संख्या दोगुनी की जाएगी और इसके बाद इसे तीन गुना किया जाएगा। गृह मंत्री ने कहा कि कुछ दिनों में दिल्ली के निषिद्ध क्षेत्रों में हर मतदान केंद्र पर कोविड-19 की जांच शुरू की जाएगी और संक्रमितों के संपर्क में आए लोगों का पता लगाने के लिए अधिक प्रभावित क्षेत्रों यानि हॉटस्पॉट्स में घर-घर जाकर व्यापक स्वास्थ्य सर्वेक्षण कराया जाएगा।
कोरोना मरीजों के लिए 500 रेलवे बोगियां होंगी उपलब्ध
कोविड-19 के मरीजों के लिए बिस्तरों की कमी के मद्देनजर केंद्र दिल्ली को 500 रेलवे बोगियां भी उपलब्ध कराएगा। शाह ने कहा कि नीति आयोग के एक सदस्य वी के पॉल की अध्यक्षता में एक समिति गठित की गई है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोरोना वायरस के मरीजों के इलाज के लिए कम से कम दरों पर निजी अस्पतालों द्वारा 60 प्रतिशत बिस्तरों की उपलब्धता को सुनिश्चित किया जा सके। यह समिति सोमवार तक अपनी रिपोर्ट सौंपेगी।