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पीएम मोदी के डिजिटल इंडिया विजन का कमाल, UPI की क्रांति देख दुनिया हैरान! मार्च में ट्रांजैक्शन 14 लाख करोड़ के पार

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जुलाई 2015 में डिजिटल इंडिया अभियान की शुरुआत की थी। इसके एक साल बाद पीएम मोदी ने भ्रष्टाचार के खिलाफ एक क्रांतिकारी फैसला किया था। 8 नवंबर, 2016 को राष्ट्र को संबोधित करते हुए उन्होंने नोटबंदी का ऐलान किया था। मोदी सरकार के इस घोषणा का सबसे ज्यादा असर डिजिटल पेमेंट के क्षेत्र में देखने को मिला है। आज हर कोई डिजिटल पेमेंट को प्राथमिकता दे रहा है, जो UPI और ई वॉलेट की सफलता की कहानी कह रहा है। दुनिया भी भारत की डिजिटल पेमेंट में आई क्रांति देखकर हैरान है। पीएम मोदी के दूरदर्शी विजन की वजह से आज UPI नित नए रिकार्ड बना रहा है। मार्च 2023 में यूपीआई लेन-देन ने नया रिकॉर्ड बनाया है। यूपीआई से हुआ लेन-देन 14 लाख करोड़ रुपए के आंकड़े को पार कर पहुंच गया। आज रियल टाइम डिजिटल पेमेंट के मामले में भारत दुनिया में पहले स्थान पर है। मतलब भारत में सबसे ज्यादा लोग डिजिटल पेमेंट करने लगे हैं। दूसरे नंबर पर चीन और तीसरे पर साउथ कोरिया है।

यूपीआई से लेन-देन 14 लाख करोड़ रुपए हुआ

वित्त वर्ष 2023 के आखिरी महीने यानी मार्च में यूपीआई लेन-देन ने नया रिकॉर्ड बनाया। यूपीआई से हुआ लेन-देन 14 लाख करोड़ रुपए के आंकड़े को पार कर पहुंच गया। इस दौरान यूपीआई सौदों की संख्या भी 865 करोड़ के नए रिकॉर्ड पर पहुंच गई। फरवरी महीने के मुकाबले में यूपीआई लेन-देन 13 फीसदी और सौदों की संख्या 18 फीसदी बढ़ी है। अगर पिछले साल मार्च की बात करें तो उसकी तुलना में इस बार सौदों की संख्या 60 फीसदी और मूल्य के मामले में 45 फीसदी तेजी आई है।

जनवरी में सौदों की संख्या 8 अरब थी

अधिकारियों का कहना है कि वित्त वर्ष का आखिरी महीना होने के नाते यह तेजी देखने को मिली है। सभी तरह के डिजिटल सौदे अपने चरम पर पहुंच गए। वहीं जनवरी में सौदों की संख्या 8 अरब थी जो कि फरवरी 7.5 अरब थी। मूल्य के हिसाब से देखा जाए तो जनवरी में यूपीआई सौदों का कुल मूल्य 12.9 लाख करोड़ था वहीं फरवरी में 12.3 लाख करोड़ था।

जी-20 देशों के यात्री कर रहे यूपीआई के जरिये भुगतान

भारत इस साल जी-20 की अध्यक्षता कर रहा है। इस दौरान जी-20 की कई बैठकें हो रही हैं जिसमें विदेशी प्रतिनिधि भारत दौरे पर पहुंच रहे हैं। आरबीआई ने भारत आने वाले विदेशी नागरिकों और प्रवासी भारतीयों को भारत आने पर यूपीआई का इस्तेमाल करने की अनुमति देने का फैसला किया। इस तरह 20 देशों के यात्री अब परचून की दुकान से लेकर किसी भी खरीदारी के लिए यूपीआई पेमेंट की सुविधा उठा रहे हैं। इससे उन्हें यूपीआई की खासियत समझने में आसानी होगी फिर वे चाहेंगे कि अपने देश में इसका उपयोग करें।

भारत का डिजिटल पेमेंट्स मार्केट 2026 तक 10 ट्रिलियन डॉलर

यह कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि भारत दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ते फिनटेक देशों में से एक है, जो मुख्य रूप से डिजिटल पेमेंट्स सेगमेंट में प्रगति से प्रेरित है। PhonePe और Boston Consulting Group (BCG) की एक हालिया रिपोर्ट ने निष्कर्ष निकाला है कि भारत का डिजिटल पेमेंट्स मार्केट 2026 तक 3 ट्रिलियन डॉलर से 10 ट्रिलियन डॉलर तक तिगुने से अधिक हो जाएगा।

प्रधानमंत्री मोदी और उनकी सरकार ने डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने और डिजिटल इंडिया के सपने को पूरा करने के लिए कई प्रयास किए हैं। इस पर एक नजर-

दुनिया के 50 से अधिक देशों में पहुंच चुकी UPI सेवाएं

तेज गति भुगतान और आसान उपयोग की वजह से भारत का यूपीआई दुनियाभर में लोकप्रिय हो रहा है। अब सिंगापुर के पे-नाऊ और भारत के यूनीफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) के बीच सीमा पार कनेक्टिविटी लॉन्च हो गई। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सिंगापुर के पीएम हेसिन लूंग इस मौके पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए शुभारंभ के साक्षी बने। भारत से बाहर UPI सेवाओं को शुरू करने जा रहा सिंगापुर भले ही नया नाम हो, लेकिन इससे पहले यह पेमेंट सिस्टम कई देशों में पहुंच चुका है। रुपे के माध्यम से पहले से ही कई देशों में भारत की डिजिटल भुगतान सेवा काम कर रही है। इनमें भूटान, नेपाल, मलेशिया, ओमान, यूएई, ब्रिटेन जैसे देश शामिल हैं। इसके साथ ही यूरोप के देशों, फ्रांस एवं अन्य देशों के साथ ही 30 अन्य देशों में इसकी सेवाओं के लिए बातचीत चल रही है।

आस्ट्रेलिया, कनाडा, जापान जैसे देशों से की जा रही बातचीत

Singapore के साथ यूपीआई सेवाओं की शुरुआत के बाद अन्य कई देशों में इसके उपयोग की संभावनाओं को तलाशा जा रहा है। इस लिस्ट में आस्ट्रेलिया, कनाडा, कंबोडिया, वियतनाम, जापान, ताइवान जैसे देश शामिल हैं… रिपोर्ट की मानें तो तकरीबन 30 देशों के साथ UPI प्रणाली को अपनाने पर बातचीत जारी है।

टॉप 10 देशों में रियल टाइम पेमेंट में भारत सबसे टॉप पर

पूरी दुनिया के टॉप 10 देशों में रियल टाइम पेमेंट लेन-देन के मामले में भारत टॉप पर है। जबकि चीन दूसरे नंबर पर है। अमेरिका जैसा विकसित देश इस मामले में 9 वें नंबर पर है। जापान सातवें नंबर पर है। दक्षिण कोरिया तीसरे नंबर पर चौथे नंबर पर थाईलैंड, UK पांचवें नंबर पर और नाइजीरिया इस मामले में छठे नंबर पर है।

आबादी के लिहाज से ट्रांजेक्शन ज्यादा

भारत में दरअसल आबादी के लिहाज से लेन-देन या ट्रांजेक्शन काफी ज्यादा होते हैं। खासकर डिजिटल होते लोगों की वजह से रियल टाइम में जो लेन-देन होते हैं वह तुरंत होते हैं। यानी कि आपने कोई ट्रांजेक्शन डिजिटल जैसे नेट बैंकिंग या मोबाइल बैंकिंग से किया तो यह रियल टाइम ट्रांजेक्शन में आता है। भारत में साल 2020 में इस तरह के कुल 25 अरब से ज्यादा ट्रांजेक्शन किए गए। यानी 130 करोड़ की आबादी की तुलना में करीबन 20 पर्सेंट आबादी के बराबर यह लेन देन किया गया।

UPI लगातार खुद कर रहा अपग्रेड, अब हर बार PIN डालने का झंझट खत्म

UPI का इस्तेमाल शहर से लेकर गांव तक काफी तेजी से हो रहा है। इस सर्विस का इस्तेमाल करने के लिए आपको अपने पिन का इस्तेमाल करना होता है और पेमेंट हो जाता है। इस सर्विस को और आसान बनाने के लिए सरकार ने UPI Lite सर्विस को लॉन्च किया था। अब पेटीएम पेमेंट बैंक ने भी यूपीआई लाइट फीचर को यूजर्स के लिए लाइव कर दिया है। इस फीचर के आने के बाद अब आपको कम रुपयों की पेमेंट्स के लिए बार बार पेमेंट करते वक्त पिन डालने की जरूरत नहीं होगी।

अब RuPay Card और UPI पेमेंट की सुविधा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर

दुनियाभर में पेमेंट सर्विसेज देने वाली वर्ल्डलाइन (Worldline) ने यूरोप में भारतीय पेमेंट माध्यमों का विस्तार करने के लिए एनपीसीआई इंटरनेशनल पेमेंट्स के साथ हाथ मिलाया है। एनपीसीआई इंटरनेशनल पेमेंट्स, नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) की अंतरराष्ट्रीय शाखा है। आपको बता दें कि भारत में एनपीसीआई ही डिजिटल भुगतान का संचालन करता है। एनपीसीआई के साथ हुए समझौते के तहत वर्ल्डलाइन व्यापारियों के पॉइंट-ऑफ-सेल (पीओएस) सिस्टम को यूपीआई से भुगतान स्वीकार करने की अनुमति देकर यूरोपीय बाजारों में भारतीय ग्राहकों के लिए और अधिक सुविधा लाएगा। इससे रुपे कार्ड (RuPay Card) की अंतरराष्ट्रीय स्वीकार्यता को बढ़ाने में मदद मिलेगी। एनपीसीआई इंटरनेशनल पेमेंट्स के सीईओ रितेश शुक्ला ने एक बयान में कहा कि वर्ल्डलाइन के रूप में हमें एक ऐसा भागीदार मिला है जो हमें यूरोपीय बाजारों के साथ-साथ एक हाईटेक और यूनिवर्सल समाधान प्रदान करता है। पूरे यूरोप में यूपीआई-संचालित ऐप्स और रुपे कार्ड से पेमेंट शरू होना हमारे लिए महत्वपूर्ण है।

अब UPI से ऑटोमैटिक रेकरिंग पेमेंट की सुविधा

रिजर्व बैंक ने डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के मद्देनजर अब यूपीआई के जरिए भी रेकरिंग भुगतान करने की सुविधा प्रदान कर दी है। इस सुविधा के तहत उपभोक्ता और मर्चेंट निकायों के बीच एक सहमति बनती है और महीने की तयशुदा तारीख पर निश्चित बकाया राशि का खुद भुगतान हो जाता है।

सुरक्षित पेमेंट के लिए ई-मैंडेट को मिली मंजूरी

अभी तक यह सुविधा डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड, प्रीपेड भुगतान इंस्ट्रूमेंट और वॉलेट के जरिए भुगतान पर उपलब्ध थी। रिजर्व बैंक ने एक अधिसूचना में कहा कि अब रेकरिंग भुगतान की सुविधा यूपीआई के लिए भी उपलब्ध होगी। रिजर्व बैंक ने कहा, ‘यूपीआई के जरिए रेकरिंग भुगतान को सुरक्षित बनाने के लिये ई-मैंडेट की मंजूरी दी जाती है।’

यूपीआई लेनदेन पर एमडीआर शुल्क खत्म

मोदी सरकार ने आम आदमी को राहत देने के लिए रुपे कार्ड और यूपीआई ट्रांजेक्शंस पर एमडीआर शुल्क (मर्चेंट डिस्काउंट रेट) को खत्म कर दिया है। इससे लोगों को यह फायदा होगा कि उन्हें ट्रांजेक्शन करते समय कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं देना पड़ेगा। इस कार्ड पर ग्राहकों को मुफ्त में 10 लाख रुपये की कीमत का व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा कवर दिया जाता है।

RTGS और NEFT के माध्यम से लेनदेन पर अब नहीं लगेगा कोई चार्ज

प्रधानमंत्री मोदी बैंकिंग सिस्टम में डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं। इसी मुहिम के तहत मोदी सरकार ने नेट बैंकिंग में RTGS और NEFT के माध्यम से भुगतान करने पर या पैसों के लेनदेन पर शुल्क खत्म करने का फैसला किया है। मोदी सरकार के फैसले के बाद आरबीआई RTGS और NEFT पर बैंकों से अब प्रोसेसिंग और टाइम वैरिंग चार्ज नहीं वसूलेगा। हालांकि बैंक ग्राहकों से इस फीस से ज्यादा शुल्क वसूलते हैं। इंडियन बैंक्स एसोसिएशन के मुताबिक आरबीआई की प्रोसेसिंग फीस और टाइम वैरिंग चार्ज खत्म होने के बाद बैंक भी ग्राहकों से कम शुल्क लेंगे। RTGS से बड़ी धनराशि एक से दूसरे खाते में तत्काल स्थानांतरित करने की सुविधा है, वहीं NEFT के जरिये अधिकतम दो लाख रुपये तत्काल किसी भी खाते में डाले जा सकते हैं। इन दोनों पर इंटरनेट बैंकिंग और बैंक शाखा का शुल्क लगता है।

अब छोटे सेविंग एकाउंट्स पर चेक जैसी सुविधाएं मुफ्त

मोदी सरकार ने छोटे खाताधारकों के हित में एक और बड़ा फैसला किया है। अब प्राथमिक बचत खाताधारकों यानी जीरो बैलेंस एकाउंट वालों को चेकबुक और अन्य सुविधाएं मुफ्त में मिलेंगी। पहले सामान्य बचत खातों को ही चेक जैसी सुविधाएं निशुल्क मिलती थीं और इन खातों में न्यूनतम राशि रखने की जरूरत होती है। छोटे खाताधारकों को बैंक अब रुपे कार्ड और अन्य सुविधाएं देने से भी इनकार नहीं कर सकते हैं।

डिजिटल पेमेंट की सफलता ने नोटबंदी विरोधियों को दिया जवाब

नोटबंदी को जब लागू किया गया था तो कांग्रसे के दिग्गज नेताओं के साथ कई लोगों ने भारत में डिजिटल पेमेंट को लेकर सवाल उठाया था। उन्होंने कहा था कि भारत में डिजिटल पेमेंट का आधारभूत ढांचा नहीं है। लोग तकनीकी रूप से सक्षम नहीं है। यहां तक कि गरीबी और अशिक्षा का हवाला देकर डिजिटल पेमेंट की सफलता पर आशंकाएं जतायी थीं। लेकिन आज उसी जनता ने उनके सभी आशंकाओं को गलत साबित कर दिया है और बता दिया है कि कांग्रेस और उसके नेताओं को भारत के लोगों की क्षमता पर भरोसा नहीं है।

डिजिटल पेमेंट में आई क्रांति से अर्थव्यवस्था में तेजी

आज भारत की अर्थव्यवस्था दुनिया में सबसे तेजी से आगे बढ़ने वाली बन चुकी है। इसके लिए देश में डिजिटल पेमेंट क्रांति को भी एक बड़ी वजह बताया जा रहा है। IMF जैसी अंतरराष्ट्रीय संस्था भी भारत की डिजिटल क्रांति की आज तारीफ कर रही है। हालांकि नोटबंदी के बाद डिजिटल भुगतान की धीमी शुरुआत हुई थी, लेकिन मोदी सरकार ने लोगों को प्रेरित करने के लिए कई प्रयास किए। सरकार का प्रयास भी सफल रहा और लोगों ने डिजिटल पेमेंट को अपनाना शुरू किया। इसका परिणाम है कि आज लोगों के लिए ये पेमेंट का पसंदीदा तरीका बन चुका है। नए-नए बदलाव और सुविधाएं इससे जुड़ने से डिजिटल पेमेंट का और विस्तार हुआ।

भारत में सबसे ज्यादा डिजिटल पेमेंट के विकल्प मौजूद

आज पूरी दुनिया भारत में डिजिटल पेमेंट की तारीफ कर रही है और इसके प्लेटफॉर्म UPI यानी Unified Payment Interface को अपने-अपने देश में शुरू करना चाहती है। वहीं विश्व की बड़ी अर्थव्यवस्थाओं से ज्यादा विकल्प भारत में मौजूद हैं। भारत में डिजिटल पेमेंट करने के लिए यूपीआई (UPI), रुपे (RUpay), पेटीएम (Paytm), फोन-पे (Phone-Pay), गूगल पे (Google Pay) के साथ अन्य विकल्प मौजूद हैं। जबकि अमेरिका और चीन के पास इससे कम ऑप्शंस हैं।

डिजिटल क्रांति ने भारत को रखा आगे

जनधन खातों, बढ़ते ई-कॉमर्स, ई-एजुकेशन, ई-मनोरंजन, वर्क फ्रॉम होम, इंटरनेट के यूजर्स की लगातार बढ़ती संख्या भारत में डिजिटल होती जनसंख्या का उदाहरण है। इसकी बड़ी वजह टेलिकम्युनिकेशन में आई क्रांति, मोबाइल और डेटा पैकेज का सस्ता होना भी है, जिसने आम जन तक इंटरनेट की पहुंच को आसान बनाया। ट्राई के मुताबिक, जनवरी 2021 में भारत में ब्रॉडबैंड का उपयोग करने वालों की संख्या बढ़कर 75.76 करोड़ तक पहुंच चुकी है। डिजिटल इकॉनमी को बढ़ाने में ई-कॉमर्स की अहम भूमिका है। कोरोना की चुनौतियों के कारण भी ऑनलाइन खरीद को बढ़ावा मिला। साफ है कि जर्मनी जैसे विकसित देशों के पास भारत की तरह डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर अभी नहीं है।

यूपीआई सेवाओं के लिए मुख्य रूप से इन देशों के साथ समझौता हो चुका है। इन पर एक नजर-

सिंगापुर

यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस यानी UPI का लगातार विस्तार हो रहा है। देश का ये पेमेंट सिस्टम कई देशों में चल रहा है और अब इस लिस्ट में सिंगापुर का नाम भी जुड़ गया है। भारत और सिंगापुर के बीच मोबाइल एप्लीकेशन के माध्यम से मनी ट्रांसफर की सुविधा का उद्घाटन पीएम मोदी और सिंगापुर के प्रधानमंत्री ली हेसिन लूंग ने किया। इसके तहत UPI, सिंगापुर के Paynow से कनेक्ट होगा। भारत का यूपीआई (UPI) दुनियाभर में लोकप्रिय हो रहा है। सिंगापुर के पे-नाऊ के साथ इसके जुड़ने से दोनों देशों के बीच क्रॉस-बॉर्डर कनेक्टिविटी के तहत बेहद आसानी और तेजी के साथ पैसे ट्रासंफर किए जा सकेंगे।

बहरीन

बहरीन ने भारतीय UPI और सिंगापुर के PayNow लिंकेज जैसी भुगतान एकीकरण प्रणाली स्थापित करने में रुचि व्यक्त की है। प्रारंभिक चर्चा हो चुकी है। छोटे खाड़ी देश के लिए फिनटेक एक स्पष्ट प्राथमिकता है।

भूटान

एनपीसीआई इंटरनेशनल पेमेंट्स लिमिटेड (एनआईपीएल), भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम की अंतरराष्ट्रीय शाखा और भूटान के रॉयल मॉनेटरी अथॉरिटी (आरएमए) ने भूटान में भीम यूपीआई क्यूआर-आधारित भुगतान को सक्षम और कार्यान्वित करने के लिए भागीदारी की।

नेपाल

नेपाल वह पहला देश था जिसने UPI को अपने देश में लागू किया गया था। नेपाल की मनम इन्फोटेक और गेटवे पेमेंट्स सर्विस के सहयोग से, व्यक्ति-से-व्यक्ति, व्यक्ति-से-व्यापारी और सीमा-पार भुगतान चालू हो गए। हैं।

संयुक्त अरब अमीरात

NIPL ने UPI भुगतान को सक्षम करने के लिए UAE में LuLu Financial Holding, Mashreq Bank और Network International के साथ साझेदारी की है। 21 अप्रैल, 2022 को मशरेक के नियोपे के जरिए देश में यूपीआई की शुरुआत की गई।

मलेशिया

मलेशिया में भी यूपीआई सेवाएं चालू हो गई हैं। मर्चेंटट्रेड एशिया ने भारत को वास्तविक समय में आनलाइन ट्रांजेक्शन के लिए एनपीसीआई इंटरनेशनल के साथ भागीदारी की है। इस साझेदारी ने मर्चेंटट्रेड और उसके नेटवर्क को एनआईपीएल से जुड़ने और यूपीआई के माध्यम से भारत में लाभार्थी बैंकों को प्रेषण की सुविधा प्रदान करने में सक्षम बनाया है।

ओमान

सेंट्रल बैंक ऑफ ओमान (सीबीओ) और एनआईपीएल के बीच हस्ताक्षरित एक समझौता ज्ञापन ने भारतीय रुपे कार्ड और ओमान में यूपीआई प्लेटफॉर्म को भारतीय श्रमिकों और पेशेवरों को लाभान्वित करने के लिए निर्बाध डिजिटल प्रेषण की सुविधा प्रदान की है।

फ्रांस

नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) की इंटरनेशनल यूनिट ने फ्रांस में यूपीआई और रूपे को उपलब्ध कराने के लिए एक समझौता किया है। यह समझौता फ्रांस की Lyra Network के साथ हुआ है। पूरी तरह से स्वदेशी टेक्नोलॉजी यूपीआई (UPI) और रूपे (Rupay) की पहुंच अब यूरोप (Europe) तक होने वाली है। आने वाले समय में फ्रांस (France) में यूपीआई और रूपे दोनों की सर्विस उपलब्ध होने जा रही है।

यूपीआई फ्रांस में क्रांति ला देगाः भारत के राजदूत

फ्रांस में भारत के राजदूत जावेद अशरफ ने बताया कि डिजिटल पेमेंट का (Digital Payment) यह पारदर्शी तरीका फ्रांस में काफी प्रभावी होने वाला है। उन्होंने बताया कि एक बार वो डॉक्टर के पास गए, जहां सिर्फ कैश या चेक से ही पेमेंट हो सकता था। इस कारण उन्हें एटीएम जाना पड़ गया था। उन्होंने कहा, ‘अगर यूपीआई फ्रांस में उपलब्ध हुआ तो फ्रांस के लोगों को भी बहुत फायदा होगा।’

ब्रिटेन

सीमा-पार भुगतान समाधानों को और मजबूत करने के लिए टेरापे और ​पेएक्सपर्ट ने एनआईपीएल के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए। इन साझेदारियों ने भारत में भारतीय ग्राहकों और व्यापारियों को एक सक्रिय यूपीआई आईडी के साथ सीमा पार भुगतान करने और स्वीकार करने में सक्षम बनाया है।

यूरोपीय देशः स्विटज़रलैंड, नीदरलैंड, बेल्जियम, लक्ज़मबर्ग

एनआईपीएल ने यूरोप भर में भारतीय भुगतान चैनलों की स्वीकार्यता बढ़ाने के इरादे से यूरोपियन पेमेंट सर्विसेज फैसिलिटेटर वर्ल्डलाइन के साथ साझेदारी की है, खासकर नीदरलैंड, बेल्जियम, लक्ज़मबर्ग, स्विटज़रलैंड आदि जैसे देशों में। इस साझेदारी के तहत, वर्ल्डलाइन का क्यूआर कोड-आधारित तंत्र यूरोप में व्यापारियों के पॉइंट-ऑफ-सेल (पीओएस) सिस्टम को भारतीयों से अपने मोबाइल फोन का उपयोग करके यूपीआई भुगतान स्वीकार करने की अनुमति देगा।

जापान की जेसीबी इंटरनैशनल ने जारी किया 10 लाख RuPay JCB card

जापान की जेसीबी इंटरनैशनल ने 10 लाख RuPay JCB card जारी करने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य हासिल कर लिया है। JCB Card International (South Asia) के प्रबंध निदेशक सतरो मोरी ने कहा कि उनकी फर्म National Payments Corporation of India (NPCI) से साझेदारी को मजबूत करना चाहती है। फर्म का लक्ष्य अगले पांच वर्षों में कार्ड की सदस्यता 30 गुना बढ़ाना है। वर्तमान समय में जेसीबी इंटरनैशनल का 12 सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के बैंकों से गठजोड़ है जो JCB RuPay credit card जारी करते हैं। इन बैंकों में भारतीय स्टेट बैंक, पंजाब नैशनल बैंक, सिटी यूनियन बैंक, यूनियन बैंक, कैथोलिक सीरियन बैंक, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, कोटक महिंद्रा बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, यस बैंक, फेडरल बैंक और ठाणे जनता सहकारी बैंक शामिल हैं।

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