प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश की आजादी के 75वें साल पर आजादी का अमृत महोत्सव मनाने के दौरान लोगों को तिरंगा घर लाने और इसे फहराने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए “हर घर तिरंगा” अभियान शुरू किया। इस पहल के पीछे लोगों के दिलों में देशभक्ति की भावना जगाना और जनभागीदारी की भावना से आजादी का अमृत महोत्सव मनाना है। पीएम मोदी ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स की प्रोफाइल पिक्चर बदल कर राष्ट्रध्वज ‘तिरंगे’ की तस्वीर लगाई तो यह जन-अभियान में तब्दील हो गया। हर घर तिरंगा के विजन को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने सातवें आसमान पर ले जाने निर्णय किया है। इसरो 7 अगस्त को अपना सबसे छोटा कमर्शियल रॉकेट स्मॉल सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (SSLV) लॉन्च करेगा, जो राष्ट्रीय ध्वज को भी अंतरिक्ष में ले जाएगा।
Overjoyed by the enthusiastic response towards #HarGharTiranga movement. https://t.co/iQdaer9dSe
— Narendra Modi (@narendramodi) July 22, 2022
‘आजादी का अमृत महोत्सव’ बना जनांदोलन, अब हर घर में फहरेगा तिरंगा
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की कार्यशैली की ये कला है कि वो जो भी काम करते हैं, पूरे मनोयोग से करते हैं। साथ ही वे सुनिश्चित करते हैं कि इस जन-भागीदारी बेहद विशाल स्तर पर हो। आजादी के अमृत महोत्सव का पीएम मोदी ने ऐसा शानदार बिगुल बजाया कि आज देश के हर राज्य, हर केंद्र शासित प्रदेश में इसके तहत देश से जुड़ने वाले विविध कार्यक्रम हो रहे हैं। गत 31 जुलाई को प्रसारित ‘मन की बात’ कार्यक्रम में पीएम मोदी ने कहा था कि ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ एक जनांदोलन के रूप में तब्दील हो रहा है। इसके साथ ही उन्होंने जनता से अपील की थी कि 2 से 15 अगस्त के बीच अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स की प्रोफाइल पिक्चर के रूप में ‘तिरंगे’ की तस्वीर लगाएं। पीएम मोदी ने खुद भी ऐसा किया तो देश के लाखों-करोड़ों लोगों की डीपी में तिरंगा नजर आने लगा।
देशभर में झंडों की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए सरकार उठा रही है कई कदम
“हर घर तिरंगा” अभियान का उद्देश्य 13-15 अगस्त तक पूरे देश में झंडा फहराना है। इसके साथ ही देशभर में झंडों की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए भारत सरकार कई कदम उठा रही है। जिसके तहत देश के सभी डाकघर ने एक अगस्त से झंडों की बिक्री भी शुरू कर दी है। यह अभियान लोगों के दिलों में देशभक्ति की भावना भरने के साथ ही लाखों लोगों को रोजगार देने का भी सबब बन रहा है। देश के कई हिस्सों से ऐसी खबरें आ रही हैं कि तिरंगा बनाने के लिए हजारों वर्कर दिन-रात काम कर रहे हैं, क्योंकि 15 अगस्त तक देश भर में करोड़ों झंडों की बिक्री होगी।
इसरो सबसे छोटा कमर्शियल रॉकेट स्मॉल सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (SSLV) लॉन्च करेगा
देश ही नहीं बल्कि अंतरिक्ष तक में देश के तिरंगे को फहराने की तैयारी हो चुकी है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) 7 अगस्त को अपना सबसे छोटा कमर्शियल रॉकेट स्मॉल सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल लॉन्च करेगा,जो राष्ट्रीय ध्वज को भी अंतरिक्ष में ले जाकर फहराएगा। इसे सुबह 9:18 बजे इस श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्च किया जाएगा। एसएसएलवी में ‘आज़ादी सैट’ नामक एक सह-यात्री उपग्रह होगा, जिसमें देशभर के 75 ग्रामीण सरकारी स्कूलों की 750 युवा छात्राओं द्वारा निर्मित 75 पेलोड शामिल होंगे।
पीएम मोदी ने 15 अगस्त को किया था वादा, इसरो जल्द अंतरिक्ष में तिरंगा लहराएगा
आपको याद दिला दें कि प्रधानमंत्री मोदी ने 15 अगस्त 2018 को घोषणा की थी कि भारत के स्वतंत्रता के 75वें वर्ष के मौके पर अंतरिक्ष में तिरंगा फहराया जाएगा। इसरो इस सपने को साकार करने के लिए पूरी तरह तैयार है। स्पेस में झंडा फहराने के पीएम मोदी के वादे को पूरा करते हुए इसरो 7 अगस्त को रॉकेट स्मॉल सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (एसएसएलवी) लॉन्च करेगा। इसरो का एसएसएलवी अपने आप में एक बड़ी उपलब्धि है, क्योंकि इसे 500 किलोग्राम से कम वजन वाले उपग्रहों और पेलोड को पृथ्वी की निचली कक्षा में स्थापित करने के लिए विकसित किया गया था। 7 अगस्त को सुबह श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्च होगा।75 सरकारी स्कूलों की 750 युवा छात्राओं द्वारा निर्मित 75 पेलोड होंगे शामिल
आज़ादी का अमृत महोत्सव के उत्सव के मद्देनजर एसएसएलवी में ‘आज़ादी सैट’ नामक एक सह-यात्री उपग्रह होगा, जिसमें देशभर के 75 ग्रामीण सरकारी स्कूलों की 750 युवा छात्राओं द्वारा निर्मित 75 पेलोड शामिल होंगे । इस परियोजना को विशेष रूप से 75वें स्वतंत्रता दिवस समारोह पर वैज्ञानिक सोच को प्रोत्साहित करने और युवा लड़कियों को अंतरिक्ष अनुसंधान को अपने करियर के रूप में चुनने के लिए संकल्पित किया गया था।नया उपग्रह गेम चेंजर, इमर्जिंग स्माल सैटेलाइट मार्केट के सपनों को आगे बढ़ाएगा
इसरो के अध्यक्ष एस सोमनाथ ने नए उपग्रह को “गेम चेंजर” बताया है। उन्होंने कहा कि यह उपग्रह तिरंगा तो लेकर जाएगा ही, साथ ही भारत के इमर्जिंग स्माल सैटेलाइट मार्केट में प्रवेश करने के सपनों को आगे बढ़ाएगा। इसरो के अधिकारियों ने मीडिया को बताया कि SSLV मिनी, माइक्रो और नैनो उपग्रहों (10-500 किलोग्राम द्रव्यमान) को 500 किमी प्लानर कक्षा में लॉन्च करने में सक्षम है। एसएसएलवी का उद्देश्य पेलोड इमेजिंग के साथ एक बेहतर और प्रैक्टिकल सैटेलाइट को डिजाइन और विकसित करना है। यह वानिकी, जल विज्ञान, कृषि, मिट्टी और तटीय अध्ययन के क्षेत्र में महत्वपूर्ण जानकारी भी प्रदान करेगा।