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ब्रिटिश संसद में पीएम मोदी का बजा डंका, लॉर्ड बिलिमोरिया ने कहा- पृथ्वी के सबसे शक्तिशाली व्यक्ति, भारत दुनिया की सबसे तेज अर्थव्यवस्था

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की लोकप्रियता की गूंज विदेशों में भी सुनाई दे रही है। उनकी लोकप्रियता देश की सीमा को लांघ कर दूसरे देशों में भी पहुंच रही है। इसकी झलक ब्रिटिश संसद में देखने को मिली। बीबीसी की विवादित डॉक्यूमेंट्री को लेकर ब्रिटिश सांसद में प्रधानमंत्री मोदी पर सवाल उठाने वाले को इसी संसद में करारा जवाब मिल गया। लॉर्ड करण बिलिमोरिया ने हाउस ऑफ लार्ड्स में प्रधानमंत्री मोदी की जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी पृथ्वी के सबसे शक्तिशाली व्यक्तियों में एक हैं। उन्होंने भारत को दुनिया की सबसे तेज बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था भी बताया।

ब्रिटिश संसद में पीएम मोदी के समर्थन में गूंजी आवाज

सांसद लॉर्ड करण बिलिमोरिया ने 19 जनवरी को हाउस ऑफ लार्ड्स में एक बहस के दौरान कहा, ”एक लड़के के रूप में, नरेन्द्र मोदी ने गुजरात के एक रेलवे स्टेशन पर अपने पिता की चाय की दुकान पर चाय बेची। आज वह भारत के प्रधानमंत्री के रूप में इस धरती पर सबसे शक्तिशाली लोगों में से एक हैं। आज भारत के पास G20 की अध्यक्षता है। आज भारत के पास अगले 25 वर्षों में 32 बिलियन अमेरिकी डॉलर की जीडीपी के साथ दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने का विजन है।”

लॉर्ड बिलिमोरिया ने एक्सप्रेस ट्रेन से की भारत की तुलना

लॉर्ड बिलिमोरिया ने भारत की अर्थव्यवस्था की तारीफ करते हुए कहा कि भारत अब यूके से आगे निकल गया है और दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है। इसके अलावा भारत दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ती एक बड़ी अर्थव्यवस्था भी है। उन्होंने कहा कि भारत हर पहलू में मजबूत होता जा रहा है। उन्होंने भारत की तुलना एक्सप्रेस ट्रेन से करते हुए कहा कि इंडियन एक्सप्रेस अब स्टेशन से निकल चुकी है। यह अब दुनिया की सबसे तेज ट्रेन है। सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था है। यूके को इसका सबसे करीबी मित्र और भागीदार होना चाहिए। बिलिमोरिया ने यूके-भारत मुक्त व्यापार समझौता का समर्थन किया। 

लॉर्ड रामी रेंजर ने विवादित डॉक्यूमेंट्री के खिलाफ लिखा पत्र

ब्रिटेन के हाउस ऑफ लॉर्ड के सदस्य लॉर्ड रामी रेंजर ने अपने ट्वीट में ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन को निशाने पर लिया। बीबीसी के समक्ष विरोध दर्ज कराते हुए रामी रेंजर ने शिकायत की कि डॉक्यूमेंट्री न केवल दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के दो बार लोकतांत्रिक रूप से चुने गए प्रधानमंत्री का अपमान करती है, बल्कि न्यायपालिका और संसद का भी अपमान करती है, जिसने नरेन्द्र मोदी की कड़ी जांच की और उन्हें बरी कर दिया। लॉर्ड रामी रेंजर ने अपने ट्वीट में लिखा कि “बीबीसी न्यूज, आपने भारत के करोड़ों लोगों की भावनाओं को आहत किया है और लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित भारत के प्रधानमंत्री, भारतीय पुलिस और भारतीय न्यायपालिका की भी बेइज्जती की है। हम दंगों और लोगों की मौत की निंदा करते हैं लेकिन हम आपकी पक्षपातपूर्ण रिपोर्टिंग की भी निंदा करते हैं।”

ब्रिटिश पीएम सुनक ने प्रधानमंत्री मोदी का किया समर्थन

इससे पहले ब्रिटिश संसद में पाकिस्तानी मूल के इमरान हुसैन ने बीबीसी की विवादित डॉक्यूमेंट्री पर ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक के विचार पूछे थे। इसके जवाब में सुनक ने कहा था कि वह ऐसे चरित्र चित्रण से सहमत नहीं हैं। उन्होंने कहा कि इस पर यूके सरकार की स्थिति स्पष्ट और लंबे समय से चली आ रही है और बदली नहीं है। आगे सुनक ने कहा, ‘निश्चित रूप से हम उत्पीड़न को बर्दाश्त नहीं करते हैं, चाहे यह कहीं भी हो, लेकिन मैं उस चरित्र-चित्रण से बिल्कुल सहमत नहीं हूं, जो नरेन्द्र मोदी को लेकर सामने रखा गया है।’

पीएम मोदी के खिलाफ बीबीसी का नया प्रोपेगैंडा

गौरतलब है कि बीबीसी ने India: The Modi Question शीर्षक से दो पार्ट में एक नई सीरीज बनाई है। इस डॉक्यूमेंट्री को ब्रिटिश विदेश विभाग की अप्रकाशित रिपोर्ट पर आधारित बताया गया है। ब्रिटिश विदेश विभाग की रिपोर्ट का दावा है कि नरेन्द्र मोदी साल 2002 में गुजरात में हिंसा का माहौल बनाने के लिए ‘प्रत्यक्ष रूप से ज़िम्मेदार’ थे। इस रिपोर्ट के बारे में बीबीसी ने ख़बर भी की थी। उसमें बताया गया कि कूटनयिकों की ये रिपोर्ट उस समय के ब्रिटिश विदेश मंत्री जैक स्ट्रॉ द्वारा ऑर्डर की गई जांच का हिस्सा थी। रिपोर्ट कहती है कि हिंसा का विस्तार, मीडिया में आई रिपोर्टों से कहीं अधिक था और दंगों का उद्देश्य हिंदू इलाक़ों से मुसलमानों को खदेड़ना था। जबकि भारत का सुप्रीम कोर्ट पहले ही प्रधानमंत्री मोदी को गुजरात हिंसा में किसी भी तरह की संलिप्तता से बरी कर चुका है। ऐसे में यह साफ हो जाता है कि उन्होंने एजेंडे के तहत यह डॉक्यूमेंट्री बनाई। भारत और ब्रिटेन में इस विवादित डॉक्यूमेंट्री का जमकर विरोध हो रहा है।

 

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