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ये पांच वर्ष देश में रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म के रहे हैं- लोकसभा में प्रधानमंत्री मोदी

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज 10 फरवरी 2024 को बजट सत्र के आखिरी दिन लोकसभा को संबोधित किया। सदन में अयोध्या के राम मंदिर को लेकर सरकार के धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ये 5 साल में रिफॉर्म, ट्रांसफॉर्म और परफॉर्म के रहे हैं। लोकसभा में उन्होंने कहा, ‘आज का ये दिवस लोकतंत्र की एक महान परंपरा का महत्वपूर्ण दिवस है। 17वीं लोकसभा ने 5 वर्ष देश सेवा में अनेक महत्वपूर्ण निर्णय किए गए और अनेक चुनौतियों का सामना करते हुए भी सबने अपने सामर्थ्य से देश को उचित दिशा देने का प्रयास किया। एक प्रकार से आज का ये दिवस हम सबकी उन 5 वर्ष की वैचारिक यात्रा का, राष्ट्र को समर्पित समय का और देश को एक बार फिर से अपने संकल्पों को राष्ट्र के चरणों में समर्पित करने का अवसर है। ये पांच वर्ष देश में रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म के रहे हैं।’

प्रधानमंत्री मोदी ने सदन को संबोधित करते हुए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से कहा कि आप सदैव मुस्कुराते रहते थे। आपके मुस्कान में कभी कमी नहीं आई। आपने कई मौकों पर संतुलित और निष्पक्ष तरीके से इस सदन का मार्गदर्शन किया, इसके लिए मैं आपकी सराहना करता हूं। आक्रोश, आरोप-प्रत्यारोप के पल आए लेकिन आपने धैर्यपूर्वक स्थिति को संभालते हुए सदन को चलाया और हम सबका मार्गदर्शन किया। मैं इसके लिए आपका आभारी हूं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि संकट काल में जिस प्रकार बिना विलंब किए सांसदों अपनी सांसद निधि छोड़ी, उसके लिए मैं माननीय सांसदों के लिए भी आभार व्यक्त करता हूं। देशवासियों को एक पॉजिटिव मैसेज देने के लिए अपने आचरण से समाज को एक विश्वास देने के लिए सांसदों ने 30 प्रतिशत कटौती करने का निर्णय लिया। उन्होंने कहा कि लोकसभा में सभी ने एक स्वर में चर्चा की कि नया संसद भवन होना चाहिए, लेकिन इसपर कभी निर्णय नहीं हो पाया। यह आपका ही फैसला था जिससे हम सभी को नया संसद भवन मिल पाया। देश को जो नया संसद भवन प्राप्त हुआ है, इस नए भवन में एक विरासत का अंश और आजादी की पहली पल को जीवंत रखने का, सेंगोल को स्थापित करने का काम किया। इसको सेरेमोनियल बनाने का बहुत बड़ा काम आपके नेतृत्व में हुआ है। जो भारत की आने वाली पीढ़ियों को हमेशा-हमेशा उस आजादी के पल से जोड़ कर रखेगा।

उन्होंने कहा कि संसद की लाइब्रेरी के दरवाजे आपने सामान्य व्यक्ति के लिए खोल दिए। ज्ञान का ये खजाना, परंपराओं की ये विरासत आपने जनसामान्य के लिए खोल कर बहुत बड़ी सेवा की है। इसके लिए मैं आपका आभार व्यक्त करता हूं।

प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि मैं माननीय सांसदों का भी इस बात के लिए आभार व्यक्त करता हूं कि संकट काल में देश की आवश्यकताओं को देखते हुए सांसद निधि छोड़ने का प्रस्ताव जब मैंने माननीय सांसदों के सामने रखा, तो एक पल के विलंब के बिना सभी सांसदों ने इस प्रस्ताव को मान लिया। इतना ही नहीं देशवासियों को पॉजिटिव मैसेज देने के लिए सांसदों ने अपनी सैलरी में से 30 प्रतिशत कटौती का निर्णय लिया।

आर्टिकल 370 पर प्रधानमंत्री ने कहा कि अनेक पीढ़ियों ने एक संविधान के लिए सपना देखा था। लेकिन हर पल वो संविधान में एक दरार दिखाई देती थी, एक खाई नजर आती थी, एक रुकावट चुभती थी। लेकिन इसी सदन ने अनुच्छेद 370 हटाया, जिससे संविधान के पूर्ण रूप का, पूर्ण प्रकाश के साथ प्रकटीकरण हुआ।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ये भी सही है कि इस कालखंड में जी-20 की अध्यक्षता भारत को मिली। भारत को बहुत सम्मान मिला। देश के हर राज्य ने अपने अपने तरीके से विश्व के सामने भारत का सामर्थ्य और अपने राज्य की पहचान प्रस्तुत की। इसके अलावा आपके नेतृत्व में पी-20 का सम्मेलन हुआ। आपने भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था को विश्व के सामने रखा। इसका प्रभाव आज भी दुनिया के मानस पटल पर है।

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