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फ्रांस के समाचार पत्र में छाए पीएम मोदी, कहा- भारत के बिना अब दुनिया का विकास संभव नहीं

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी फिलहाल दो दिवसीय फ्रांस के दौरे पर हैं। वहां पहुंचने पर उनका जोरदार स्वागत किया गया। हवाई अड्डे पर फ्रांस की प्रधानमंत्री एलिजाबेथ बोर्न ने उनकी अगवानी की। इसके साथ ही हवाई अड्डे पर भारी संख्या में प्रवासी भारतीयों ने पीएम मोदी का तिरंगे के साथ स्वागत किया। 13 जुलाई 2023 को फ्रांस पहुंचने के बाद पीएम मोदी ने प्रवासी भारतीयों को संबोधित किया। उस दौरान लोगों का उत्साह चरम पर था। पीएम मोदी ने भी अपनी बातों से लोगों में जोश भर दिया। इसके साथ ही फ्रांस ने पीएम मोदी को सर्वोच्च नागरिक एवं सैन्य सम्मान ‘ग्रैंड क्रॉस ऑफ द लीजन ऑफ ऑनर’ से सम्मानित किया। यह हर भारतवासी के लिए गौरव की बात है। पीएम मोदी ने फ्रांस के दौरे से पूर्व फ्रांस की मीडिया को साक्षात्कार दिया जिससे वे फ्रांस के समाचार पत्र में छा गए।

फ्रांसीसी समाचार पत्र ले मोंडे ने पीएम पर दो पेज प्रकाशित किए
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के फ्रांस दौरे को फ्रेंच मीडिया कितना महत्व देता है इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि फ्रांस के सबसे प्रतिष्ठित फ्रांसीसी समाचार पत्र, ले मोंडे (Le Monde) ने उनकी फ्रांस यात्रा को लेकर दो पेज पूरी तरह से समर्पित किए हैं।

भारत ‘ग्लोबल साउथ’ के लिए एक मजबूत कंधा
फ्रांस के प्रमुख मीडिया समूह लेस इकोस (Les Echos ) को दिए इंटरव्यू में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ग्लोबल साउथ, चीन के खतरे, भारत-फ्रांस संबंध, रूस-यूक्रेन युद्ध, भारतीय अर्थव्यवस्था और भारत की सॉफ्ट पावर का जिक्र किया। पीएम मोदी ने इस इंटरव्यू के दौरान बताया कि कैसे भारत 2047 तक एक विकसित देश बनने की तरफ तेजी से बढ़ रहा है। पीएम मोदी ने तमाम मुद्दों पर बात की और कहा कि ग्लोबल साउथ के अधिकारों को दुनियाभर में लंबे समय से नकारा गया है। उन्होंने कहा, ”मैं भारत को ‘ग्लोबल साउथ’ के लिए एक मजबूत कंधे के तौर पर देखता हूं।”

ग्लोबल साउथ और ग्लोबल नॉर्थ के बीच पुल बन सकता है भारत
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि ग्लोबल साउथ, ग्लोबल नॉर्थ के साथ भी अपने संबंध बना सकता है और उस अर्थ में भारत एक प्रकार का पुल बन सकता है। इसलिए, मुझे लगता है कि हमें इस कंधे, इस पुल को मजबूत करने की आवश्यकता है, ताकि उत्तर और दक्षिण के बीच संबंध मजबूत बनें और ग्लोबल साउथ खुद मजबूत बन सकता है।

भारत केवल अपनी नहीं, विश्व की सोचता है
पीएम मोदी ने स्पष्ट किया कि भारत केवल अपनी नहीं, विश्व की सोचता है, जो देश विकास में बहुत पिछड़े हैं, उनके हक की लड़ाई भी भारत लड़ेगा। ग्लोबल साउथ देशों की ओर से भी भारत से अपेक्षा जताई जा रही है। ग्लोबल साउथ को उनके अधिकारों से लंबे समय से वंचित किया गया है, अब उन्हें समुचित हक मिलना ही चाहिए।

भारत के बिना अब दुनिया का विकास सम्भव नहीं
पीएम मोदी ने फ्रांसीसी अखबार लेस इकोस को एक साक्षात्कार दिया जिसमें उन्होंने कहा कि भारत के बिना अब दुनिया का विकास सम्भव नहीं है। उन्होंने कहा कि भारत और फ्रांस के संबंध इस दौरे के बाद और बेहतर होंगे।

हमारा फोकस आने वाले 25 साल के लिए रोडमैप तैयार करना
प्रधानमंत्री कहा कि कोरोना के बाद वर्ल्ड ऑर्डर में बदलाव आया है, इसमें भारत-फ्रांस की साझेदारी अहम किरदार निभा रही है। इस दौरे में हमारा फोकस आने वाले 25 साल के लिए रोडमैप तैयार करना है। बुरे से बुरे वक्त में हम साथ रहे हैं और हमारी कोशिश दोस्ती को और भी मज़बूत करने की है।

UN की विश्वसनीयता पर खड़ा होगा सवाल
प्रधानमंत्री ने भारत की संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्यता की वकालत भी की। उन्होंने कहा कि विश्व का सबसे ज्यादा जनसंख्या वाला देश व सबसे बड़ा लोकतंत्र ही अगर स्थायी सदस्य नहीं होगा तो संयुक्त राष्ट्र की विश्वसनीयता पर सवाल खड़ा होगा और सुरक्षा परिषद भी दुनिया की आवाज होने का दावा कैसे कर सकती है।

भारत तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर
प्रधानमंत्री ने भारत की अर्थव्यवस्था को लेकर बात करते हुए कहा कि 2014 के बाद से भारत को हमारी स्वतंत्रता की 100वीं वर्षगांठ, 2047 तक एक विकसित अर्थव्यवस्था में बदलने के मकसद से प्रमुख आर्थिक सुधारों की शुरुआत की। भारत अब दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और जल्द ही तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है।

भारत के युवा और कुशल कार्यबल दुनिया के लिए एक संपत्ति होंगे
पीएम मोदी से इंटरव्यू के दौरान जब पूछा गया कि भारत दुनिया का सबसे ज्यादा आबादी वाला देश बन गया है, ऐसे में वैश्विक स्तर पर कैसे इसकी स्थिति बदल जाती है? इससे जवाब में उन्होंने कहा कि भारत एक समृद्ध सभ्यता है जो हजारों साल पुरानी है। आज भारत दुनिया का सबसे युवा देश है। भारत की सबसे मजबूत संपत्ति हमारे युवा हैं, ऐसे समय में जब दुनिया के कई देश बूढ़े हो रहे हैं और उनकी आबादी कम हो रही है, भारत के युवा और कुशल कार्यबल आने वाले दशकों में दुनिया के लिए एक संपत्ति होंगे।

भारत-अमेरिका के रिश्ते अब नए स्तर पर
पीएम मोदी से भारत और अमेरिका के मजबूत होते रिश्तों पर भी सवाल किया गया। जिसके जवाब में उन्होंने कहा कि ये सच है कि काफी लंबे समय से भारत-अमेरिका के रिश्ते सकारात्मक रूप से बढ़ रहे हैं, लेकिन पिछले नौ सालों में इसमें तेजी आई है और ये नए स्तर पर पहुंच गया है। दोनों देशों से इसके लिए पूरा सहयोग मिल रहा है। चाहे वो सरकार हो, संसद हो, उद्योग हो, शिक्षा जगत हो या फिर दोनों देशों के लोग। सभी रिश्तों को एक ऊंचे स्तर तक ले जाने के लिए उत्सुक हैं। पीएम मोदी ने कहा कि पिछले 9 सालों में मैंने व्यक्तिगत तौर पर अलग-अलग सरकारों के साथ अमेरिकी तालमेल का एक अच्छा अनुभव किया है।

चीन से खतरे पर पीएम मोदी का जवाब- हमारा लक्ष्य क्षेत्र में शांति और स्थिरता को आगे बढ़ाना
चीन को लेकर भी प्रधानमंत्री मोदी से सवाल किया गया। पीएम मोदी से पूछा गया कि चीन लगातार अपनी डिफेंस ताकत को बढ़ाने के लिए पैसा बहा रहा है, क्या इससे क्षेत्र में सुरक्षा को कोई खतरा है? इसके जवाब में पीएम मोदी ने कहा कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र में हमारे हित व्यापक हैं और हमारा जुड़ाव गहरा है। हम जिस भविष्य का निर्माण करना चाहते हैं उसके लिए शांति जरूरी है। भारत हमेशा बातचीत और कूटनीति तरीके से मतभेदों के शांतिपूर्ण समाधान और सभी देशों की संप्रभुता, अंतरराष्ट्रीय कानून और नियम-आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था का सम्मान करने के लिए खड़ा रहा है। हमारा लक्ष्य क्षेत्र में शांति और स्थिरता को आगे बढ़ाना है।

रूस-यूक्रेन युद्ध समाप्त करने को लेकर भारत हर प्रयास को तैयार
रूस-यूक्रेन युद्ध पर पूछे गए सवाल पर पीएम मोदी ने कहा कि मैंने रूसी राष्ट्रपति पुतिन और यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की से कई बार बात की है। मैं हिरोशिमा में राष्ट्रपति जेलेंस्की से मिला। हाल ही में, मैंने राष्ट्रपति पुतिन से दोबारा बात की। इस मामले में भारत का रुख स्पष्ट, पारदर्शी और सुसंगत रहा है। मैंने कहा है कि यह युद्ध का युग नहीं है। हमने दोनों पक्षों से बातचीत और कूटनीति के जरिए मुद्दों को सुलझाने का आग्रह किया है। मैंने उनसे कहा कि भारत उन सभी वास्तविक प्रयासों का समर्थन करने के लिए तैयार है, जो इस संघर्ष को समाप्त करने में मदद कर सकते हैं। हमारा मानना है कि सभी देशों का दायित्व है कि वे दूसरे देशों की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करें, अंतरराष्ट्रीय कानून का पालन करें और संयुक्त राष्ट्र चार्टर का पालन करें। हम पूरी दुनिया खासकर ग्लोबल साउथ पर युद्ध के प्रभाव को लेकर भी चिंतित हैं। पहले से ही कोरोना महामारी के प्रभाव से जूझ रहे देशों को अब ऊर्जा, खाद्य और स्वास्थ्य संकट, आर्थिक मंदी, मुद्रास्फीति और बढ़ते कर्ज के बोझ का सामना करना पड़ रहा है। युद्ध खत्म होना चाहिए। हमें उन चुनौतियों का भी समाधान करना चाहिए, जिनका दक्षिण के देश सामना कर रहे हैं।

हिंद महासागर की दो बड़ी शक्तियां भारत और फ्रांस के रिश्तों पर बात
भारत और फ्रांस के रिश्तों पर बात करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि दोनों देशों की रणनीतिक साझेदारी इंडो पैसिफिक क्षेत्र को प्रभावित करने वाली अहम साझेदारियों में से एक है। हम हिंद महासागर क्षेत्र में दो बड़ी शक्तियां हैं। हमारी पार्टनरशिप का मकसद एक स्वतंत्र, खुले, समावेशी, सुरक्षित और स्थिर इंडो पैसिफिक क्षेत्र को आगे बढ़ाना है। हम रक्षा उपकरणों समेत अन्य देशों की सुरक्षा जरूरतों का समर्थन करने के लिए भी सहयोग करेंगे। इसमें आर्थिक, कनेक्टिविटी, मानव विकास और स्टेबिलिटी की पूरी सीरीज शामिल है। ये बाकी देशों को भी शांति की साझा कोशिश के लिए आकर्षित करेगा। भारत और फ्रांस की साझेदारी के साथ यूरोपीय संघ भी शामिल होगा, जिसकी अपनी इंडो पैसिफिक रणनीति है।

भारत-फ्रांस रणनीतिक साझेदारी महत्वपूर्ण मोड़ पर
पीएम मोदी ने आगे कहा कि भारत-फ्रांस रणनीतिक साझेदारी के 25 साल पूरे हो गए हैं और मुझे लगता है कि हम अब एक महत्वपूर्ण मोड़ पर हैं। पीएम ने कहा कि अगर हम महामारी के बाद की वैश्विक व्यवस्था और इसके आकार को देखें, तो मुझे लगता है कि हमारी रणनीतिक साझेदारी का आगे बढ़ना ही सकारात्मक अनुभव है।

योग और आयुर्वेद से भारत की सॉफ्ट पावर
पीएम मोदी ने इस इंटरव्यू के दौरान भारत की सॉफ्ट पावर का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि दुनिया के हर कोने के दर्शन पर विचार किया जाना चाहिए और दुनिया तभी तेजी से विकास करती है जब वो पुरानी धारणाओं को छोड़ना सीखती है। पीएम मोदी ने देश के सिनेमा और संगीत की वैश्विक पहुंच, आयुर्वेद चिकित्सा के लिए नई पहलों और योग की दुनियाभर में सफलता का जिक्र कर कहा कि ये सब भारत की “सॉफ्ट पावर” को दिखाता है।

विविधता के बीच सद्भाव का अस्तित्व संभव
प्रधानमंत्री ने स्पष्ट किया कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र समेत भारत-फ्रांस की साझेदारी किसी देश के विरुद्ध या किसी दूसरे देश की कीमत पर नहीं है। प्रधानमंत्री ने कहा कि दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के रूप में भारत ने दिखा दिया है कि विविधता के बीच सद्भाव का अस्तित्व संभव है।

प्राचीन काल से भारत वैश्विक आर्थिक विकास में योगदान देने में सबसे आगे रहा
दुनिया में भारत की बदलती हैसियत से जुड़े सवाल पर मोदी ने जोर देकर कहा कि वह इसका भारत द्वारा विश्व में अपना उचित स्थान पुन: प्राप्त करने के रूप में वर्णन करेंगे, क्योंकि प्राचीन काल से भारत वैश्विक आर्थिक विकास, तकनीकी उन्नति और मानव विकास में योगदान देने में सबसे आगे रहा है।

पीएम मोदी 13 और 14 जुलाई 2023 को फ्रांस के दौरे पर हैं। फ्रांस पहुंचने के बाद पीएम मोदी के कार्यक्रमों पर एक नजर-

भारतीय समुदाय को पीएम मोदी ने संबोधित किया, कहा- फ्रांस आना घर आने जैसा
पेरिस में ला सीन म्यूजिकल में पीएम मोदी ने भारतवंशियों को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि फ्रांस आना घर आने जैसा है। भारत के लोग जहां जाते हैं मिनी इंडिया बना लेते हैं। भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि मैं संकल्प लेता हूं कि शरीर का हर कण, कण आपके लिए है। पीएम मोदी ने कहा कि क्लाइमेट चेंज हो, ग्लोबल सप्लाई चेन हो, आतंकवाद हो, कट्टरवाद हो, हर चुनौती से निपटने में भारत का अनुभव, भारत का प्रयास दुनिया के लिए मददगार साबित हो रहा है। दुनिया भारत की ओर देख रही है। भारत हर चुनौती का सामना करने को तैयार है। हर कोई भारत की ओर उम्मीद की नजरों से देखता है।

भारत-फ्रांस संबंधों को संजोने का अवसर, एक-दूसरे के गले मिले पीएम मोदी और मैक्रों
भारतीय समुदाय को संबोधित करने के बाद पीएम मोदी फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के साथ राजकीय रात्रिभोज में शामिल होने के लिए पेरिस के एलिसी पैलेस पहुंचे। इस दौरान गर्मजोशी के साथ दोनों देश के नेता गले भी मिले। रात्रिभोज के लिए पीएम मोदी के पहुंचने पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने ट्वीट किया- ”घनिष्ठ मित्र से एक मुलाकात। ऐतिहासिक एलिसी पैलेस में एक निजी रात्रिभोज के लिए राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने पीएम नरेंद्र मोदी का गर्मजोशी से स्वागत किया। यह दोनों नेताओं के लिए अपनी दोस्ती के बंधन को और मजबूत करने और गहरे भारत-फ्रांस संबंधों को संजोने का अवसर है।

फ्रांस ने पीएम मोदी को दिया अपना सबसे बड़ा सम्मान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फ्रांस ने देश के सर्वोच्च नागरिक और सैन्य सम्मान ग्रैंड क्रॉस ऑफ द लीजन ऑफ ऑनर से सम्मानित किया। 13 जुलाई 2023 की शाम पेरिस के एलीसी पैलेस में एक निजी रात्रिभोज के दौरान राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने पीएम मोदी को यह पुरस्कार प्रदान किया। नरेंद्र मोदी फ्रांस की ओर से यह सम्मान पाने वाले पहले भारतीय प्रधानमंत्री हैं। इस सम्मान के जरिए उन्होंने भारत के हिस्से एक और नया इतिहास जोड़ दिया है। भारत के विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘भारत के लोगों की ओर से इस अद्वितीय सम्मान के लिए धन्यवाद।’ विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने इस पुरस्कार को भारत फ्रांस साझेदारी की भावना का गर्मजोशी से भरा प्रतीक बताया। 

पीएम मोदी अब तक 14 देशों के सर्वोच्च सम्मान से सम्मानित
पीएम मोदी को फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने सर्वोच्च फ्रांसीसी सम्मान ‘लीजन ऑफ ऑनर’ से सम्मानित किया। इस मौके पर पीएम मोदी ने कहा कि ये भारत के 140 करोड़ लोगों का सम्मान है। मैं फ्रांस के राष्ट्रपति को धन्यवाद देता हूं। यह भारत के प्रति उनके गहरे स्नेह और हमारे देश के साथ मित्रता को आगे बढ़ाने के संकल्प को दर्शाता है। पीएम मोदी अब तक 14 देशों ने अपने सर्वोच्च सम्मान से सम्मानित किया है।

जुलाई 2023: फ्रांस ने पीएम मोदी को लीजन ऑफ ऑनर से सम्मानित किया।
जून 2023 : मिस्र में ऑर्डर ऑफ द नाइल सम्मान से सम्मानित किया गया।
मई 2023: पापुआ न्यू गिनी द्वारा कंपेनियन ऑफ द ऑर्डर ऑफ लोगोहू से सम्मानित हुए। 
मई 2023: फिजी में पीएम मोदी कंपेनियन ऑफ द ऑर्डर ऑफ फिजी से सम्मानित किए गए।
मई 2023: पीएम मोदी को पलाऊ गणराज्य द्वारा एबाकल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
2021 : भूटान ने ड्रुक ग्यालपो से पीएम मोदी को सम्मानित किया।
2020: अमेरिका ने पीएम मोदी को लीजन ऑफ मेरिट सम्मान से सम्मानित किया। 
2019: बहरीन द्वारा किंग हमाद ऑर्डर ऑफ द रेनेसां से पीएम मोदी का सम्मान हुआ। 
2019: मालदीव ने ऑर्डर ऑफ द डिस्टिंग्विश्ड रूल ऑफ निशान इज्जुद्दीन से सम्मानित किया। 
2019: रूस ने ऑर्डर ऑफ सेंट एंड्रयू पुरस्कार से पीएम मोदी को सम्मानित किया। 
2019 : पीएम मोदी यूएई द्वारा ऑर्डर ऑफ जायद अवॉर्ड से सम्मानित हुए।  
2018 : ग्रैंड कॉलर ऑफ द स्टेट ऑफ फिलिस्तीन अवॉर्ड से पीएम मोदी सम्मानित हुए।
2016 : मोदी को अफगानिस्तान द्वारा स्टेट ऑर्डर ऑफ गाजी अमीर अमानुल्लाह खान पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
2016: सउदी अरब द्वारा ऑर्डर ऑफ अब्दुलअजीज अल सऊद से पीएम को नवाजा गया था।

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