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अमृत महोत्सव के दौरान यूके के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन का भारत आगमन एक ऐतिहासिक पल : पीएम मोदी

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज यानी शुक्रवार को आयोजित संयुक्त प्रेस वार्ता में यूके के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन और उनके डेलीगेशन का भारत आने पर हार्दिक स्वागत किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के रूप में भले ही यह बोरिस जॉनसन की पहली भारत यात्रा है, लेकिन एक पुराने मित्र के रूप में, वे भारत को बहुत अच्छे से जानते हैं, समझते हैं। पिछले कई वर्षों से भारत और UK के संबंधों को मजबूत करने में उनकी भूमिका काफी अहम रही है। इस समय, जब भारत अपनी आज़ादी का अमृत महोत्सव मना रहा है, प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन का यहां आना, अपने आप में एक ऐतिहासिक पल है।

फ्री ट्रेड एग्रीमेंट पर काम जारी

दोनों देशों के बीच बढ़ती प्रगाढ़ता के बारे में पीएम ने कहा कि पिछले साल हमने दोनों देशों के बीच Comprehensive Strategic Partnership की स्थापना की थी। और इस दशक में अपने संबंधों को दिशा देने के लिए एक महत्वाकांक्षी “रोडमैप 2030” भी लॉन्च किया। आज की हमारी बातचीत में हमने इस रोडमैप में हुई प्रगति को review किया, और आने वाले समय के लिए कुछ लक्ष्य भी तय किए। Free Trade Agreement के विषय पर दोनों देशों की teams काम कर रही हैं। बातचीत में अच्छी प्रगति हो रही है। और हमने इस साल के अंत तक FTA के समापन की दिशा में पूरा प्रयास करने का निर्णय लिया है। पिछले कुछ महीनों में भारत ने UAE और ऑस्ट्रेलिया के साथ Free Trade Agreements का समापन किया है। उसी गति, उसी commitment के साथ, हम UK के साथ भी FTA पर आगे बढ़ना चाहेंगे। हमने रक्षा क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने पर भी सहमती व्यक्त की है। रक्षा क्षेत्र में manufacturing, technology, design और development, सभी क्षेत्रों में UK द्वारा “आत्मनिर्भर भारत” के समर्थन का हम स्वागत करते हैं। इस संयुक्त प्रेस वार्ता में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत में चल रहे व्यापक reforms, हमारे infrastructure modernization plan और National Infrastructure Pipeline के बारे में भी हमने चर्चा की। हम UK की कंपनियों द्वारा भारत में बढ़ते निवेश का स्वागत करते हैं। UK में रहने वाले 1.6 मिलियन भारतीय मूल के लोग समाज और अर्थव्यवस्था के हर क्षेत्र में सकारात्मक योगदान कर रहे हैं। हमें उनकी उपलब्धियों पर गर्व है। और इस जीवंत सेतु को हम और मजबूत करना चाहते हैं। इस दिशा में प्रधानमंत्री जॉनसन ने निजी रूप से बहुत योगदान किया हैं।

युद्ध विराम के लिए डायलॉग और डिप्लोमेसी जरूरी

क्षेत्रीय और वैश्विक स्तर पर हो रहे विकास पर पीएम मोदी ने कहा कि एक free, open, inclusive and rules-based order पर आधारित Indo-Pacific क्षेत्र बनाए रखना जरूरी। Indo-Pacific Oceans Initiative से जुड़ने के UK के निर्णय का भारत स्वागत करता है। हमने यूक्रेन में तुरंत युद्ध-विराम और समस्या के समाधान के लिए डायलॉग और डिप्लोमेसी पर बल दिया। उन्होंने सभी देशों की क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता के सम्मान का महत्व भी दोहराया। हमने एक peaceful, stable और secure Afghanistan और एक inclusive और representative Government के लिए अपना समर्थन दोहराया। यह आवश्यक है कि अफगान भूमि का प्रयोग अन्य देशों में आतंकवाद फैलाने के लिए नहीं होना चाहिए।

 

 

 

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