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राजस्थान के सीएम और पायलट के रण पर PM MODI ने ली चुटकी- इन दिनों गहलोतजी बड़ी राजनीतिक आपाधापी के बीच अनेक संकटों से गुजर रहे हैं….राजस्थान को पहली वंदे भारत ट्रेन की भी दी सौगात

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजस्थान को पहली वंदे भारत ट्रेन की सौगात दी। उन्होंने वर्चुअली इस सेमी हाईस्पीड ट्रेन को हरी झंडी दिखाई। इस दौरान पीएम मोदी ने अपने 17 मिनट के संबोधन के आखिरी के दो मिनट में राजस्थान कांग्रेस में चल रही तनातनी, गहलोत वर्सेज पायलट विवाद पर इशारों-इशारों में चुटकी ली। उन्होंने सचिन पायलट का बगैर नाम लिए ही कहा, ‘मैं गहलोत जी का विशेष तौर पर आभार व्यक्त करता हूं कि इन दिनों वह राजनीतिक आपाधापी में…अनेक संकटों से गुजर रहे हैं। इसके बाद भी समय निकाल कर आए। रेलवे कार्यक्रम में हिस्सा लिया।’ काबिले जिक्र है कि 11 अप्रैल को ही सचिन पायलट अपनी ही सरकार के खिलाफ अनशन पर बैठे थे। गहलोत के साथ लगातार चल रही उनकी तनातनी अब आखिरी चरण में है। वे पंजाब कांग्रेस की तरह सिद्धू की राह पर चलते हुए गहलोत को सीएम पद से हटाने के लिए बागी तेवर अख्तियार किए हुए हैं।आपके दोनों हाथों में लड्डू हैं गहलोतजी, मुझपर आपका भरोसा मेरी ताकत
राजस्थान में लगातार तेज हो रहे सियासी ड्रामे के चलते ही पीएम ने सीएम की चुटकी काटी। इसके साथ ही पीएम मोदी ने सहज अंदाज में सीएम गहलोत के कहा कि आपके दोनों हाथ में लड्‌डू है। रेल मंत्री राजस्थान से हैं और रेलवे बोर्ड के चेयरमैन भी राजस्थान के हैं। जो काम आजादी के तुरंत बाद हो जाने थे, 70 साल बाद उनके लिए आप मुझ पर इतना भरोसा कर रहे हैं, यही मेरी मित्रता की ताकत है।’ इससे पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने संबोधन में कहा कि आजादी के बाद ये पहला मौका है जब देश के रेल मंत्री राजस्थान से हैं। उन्होंने कहा कि ये खुशी की बात है इसलिए मैं उनसे अपील करता हूं कि बांसवाड़ा, टोंक, करौली जिलों को रेल नेटवर्क से जल्दी से जल्दी जोड़ा जाए। इसी क्रम में पीएम मोदी ने सीएम गहलोत से कहा कि उनके तो दोनों हाथ में लड्डू हैं।आजादी के बाद जो काम होने थे, वो राजनीतिक स्वार्थ में नजरअंदाज हुए
पीएम मोदी ने इस मौके पर कहा कि हमारे देश का दुर्भाग्य रहा कि रेलवे जैसी महत्वपूर्ण व्यवस्था, जो सामान्य मानवी के जीवन का इतना बड़ा हिस्सा है, उसे भी राजनीति का अखाड़ा बना दिया गया। आजादी के बाद भी भारत को एक बड़ा रेलवे नेटवर्क मिला था। लेकिन रेलवे के आधुनिकीकरण पर हमेशा राजनीतिक स्वार्थ हावी रहा। राजनीतिक स्वार्थ को देखकर तब ये तय किया जाता था कि कौन रेल मंत्री बनेगा, कौन नहीं। राजनीतिक स्वार्थ ही तय करता था कि कौन सी ट्रेन किस स्टेशन पर चलेगी। राजनीतिक स्वार्थ ने ही बजट में ऐसी-ऐसी ट्रेनों की घोषणाएं करवाईं, जो कभी चली ही नहीं। हालत ये थी कि रेलवे की भर्तियों में राजनीति होती थी, बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार होता था। रेलवे की सुरक्षा, रेलवे की स्वच्छता, रेलवे प्लेटफॉर्म्स की स्वच्छता, सब कुछ नजरअंदाज कर दिया गया था।भारतीय रेल का कायाकल्प होते देखकर आज हर देशवासी गर्व से भरा
उन्होंने कहा कि इन सारी परिस्थितियों में बदलाव 2014 के बाद से आना शुरू हुआ है। जब देश के लोगों ने स्थिर सरकार बनवाई। जब सरकार पर राजनीतिक सौदेबाजी का दबाव हटा, तो रेलवे ने भी चैन की सांस ली और नई ऊंचाई पाने के लिए दौड़ पड़ी। आज हर भारतीय रेल का कायाकल्प होते देखकर गर्व से भरा हुआ है। वर्तमान में देश में कुल 13 वंदे भारत ट्रेनों का संचालन हो रहा है। पहली ट्रेन नई दिल्ली से वाराणसी के बीच जनवरी 2019 में शुरू की गई थी। इसके बाद यह अत्याधुनिक ट्रेन नई दिल्ली-वैष्णो देवी, गांधीनगर-मुंबई, दिल्ली-अंब अंदौरा (हिमाचल प्रदेश), चेन्नई-मैसूर, नागपुर-बिलासपुर, हावड़ा-न्यू जलपाईगुड़ी, विशाखापट्टनम-सिकंदराबाद, मुंबई-साईंनगर शिरडी, मुंबई-सोलापुर और भोपाल-दिल्ली के बीच शुरू की गई। इसके अलावा पिछले सप्ताह से चेन्नई-कोयंबटूर और सिकंदराबाद-तिरुपति के बीच भी ट्रेन का संचालन शुरू हो गया है।

 

 

 

 

 

 

 

वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन से समय बचेगा और पर्यटकों को सहूलियत भी होगी
पीएम मोदी ने कहा कि राजस्थान को मिली पहली वंदे भारत ट्रेन से जयपुर, दिल्ली आना-जाना आसान हो जाएगा। यह ट्रेन राजस्थान के टूरिज्म को भी मदद करेगी। पुष्कर और अजमेर शरीफ आस्था के स्थल तक पहुंचने में लोगों को आसानी होगी। वंदे भारत तेज रफ्तार से लेकर खूबसूरत डिजाइन तक से संपन्न है। देशभर में ट्रेन का गौरव गान हो रहा है। वंदे भारत पहली सेमी हाईस्पीड ट्रेन है, जो मेड इन इंडिया है। यह कॉम्पैक्ट और एफिशिएंट है, स्वदेशी सेफ्टी सिस्टम से लैस है। आज यह ट्रेन भारत को विकसित यात्रा की ओर ले जाएगी। उन्होंने बताया कि बीते दो महीनों में ये छठी वंदे भारत ट्रेन है, जिसे हरी झंडी दिखाई गई। जब से आधुनिक ट्रेनें शुरू हुईं तब से 60 लाख लोग इन ट्रेनों में सफर कर चुके हैं। तेज रफ्तार वंदे भारत की खासियत है। यह समय बचा रही है। देशभर में चल रहीं वंदे भारत ट्रेनों ने लोगों के ढाई हजार घंटे बचाए हैं। ये घंटे लोगों को अन्य कार्यों के लिए यूज हो रहे हैं।

मोदी राज में शुरू हुईं वंदे भारत ट्रेन की ये हैं खासियतें
ऑटोमैटिक स्लाइड डोर: इस सेमी हाई स्पीड ट्रेन में लोगों की सिक्योरिटी का खास ध्यान रखा गया है। इसके सभी गेट ऑटोमैटिक हैं। ट्रेन के पूरी तरह रुकने पर ही गेट अपने आप खुलेंगे। ट्रेन के जरा से भी मूवमेंट पर दरवाजे नहीं खुलेंगे।
एक स्विच से पहुंचेगा आपका मैसेज: यात्रियों की सुविधा के लिए इसमें एक स्पीकर और स्विच लगाया गया है। यदि किसी यात्री को अपना मैसेज पायलट तक पहुंचाना है तो एक स्विच को ऑन करते ही उसकी आवाज पायलट रूम तक पहुंच जाएगी।
CCTV से लैस कोच: इस लग्जरी ट्रेन में रेलवे के द्वारा सुरक्षा के पुख्ता बंदोबस्त किए गए। सभी कोच में CCTV के साथ ही फायर एक्सटिंग्विशर, फर्स्ट एड किट और इमरजेंसी बटन दिया गया है। ट्रेन को अगर किसी इमरजेंसी में रोकनी है तो इसके लिए बटन दबाना होगा।
लग्जरी बाथरूम: वंदे भारत ट्रेन के कोच के लिए लग्जरी बाथरूम तैयार किए गए हैं। इसका गेट भी ऑटोमैटिक होगा। गेट को टच करने पर बाथरूम का गेट खुलेगा। इसमें वेस्टर्न और इंडियन दोनों टॉयलेट होंगे। इसके अलावा कांच और अन्य सुविधाएं भी होंगी।
डिस्प्ले बोर्ड: हर कोच में डिस्प्ले बोर्ड होगा। जैसे ही अगला स्टेशन आएगा, इसमें अनाउंसमेंट किया जाएगा। डिस्प्ले बोर्ड पर इमरजेंसी नंबर व जरूरी इन्फॉर्मेशन भी डिस्प्ले होगी।

 

 

 

 

 

 

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