प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि आध्यात्मिक आयाम के साथ-साथ आस्था केंद्र सामाजिक चेतना फैलाने में अहम भूमिका निभाते हैं। रामनवमी के अवसर पर रविवार 10 अप्रैल को गुजरात के जूनागढ़ के गथिला में उमिया माता मंदिर में आयोजित 14वें स्थापना दिवस समारोह को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संबोधित करते हुए उन्होंने मंदिर के स्थापना दिवस और रामनवमी के शुभ अवसर पर उपस्थित लोगों को बधाई दी। प्रधानमंत्री ने चैत्र नवरात्रि के पावन अवसर पर कामना करते हुए कहा कि मां सिद्धिदात्री भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण करें।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आध्यात्मिकता और दिव्यता की दृष्टि से महत्वपूर्ण स्थान होने के अलावा, गथिला में उमिया माता मंदिर सामाजिक चेतना और पर्यटन का स्थान बन गया है। मां उमिया की कृपा से समाज और भक्तों ने कई महान कार्य किए हैं।
प्रधानमंत्री ने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि मां उमिया और अन्य देवी-देवताओं की कृपा और सरकार के प्रयासों से महिला-पुरुष अनुपात में सुधार हुआ और बेटी बचाओ आंदोलन के अच्छे परिणाम निकले। उन्होंने कहा कि गुजरात से बड़ी संख्या में लड़कियां ओलंपिक में देश का प्रतिनिधित्व कर रही हैं। उन्होंने बच्चों और लड़कियों में कुपोषण के खिलाफ सक्रिय होने की आवश्यकता पर भी जोर दिया। उन्होंने गर्भवती माताओं के पोषण का विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि कुपोषण के दर्द को पूरी तरह खत्म करने की जरूरत है। श्री मोदी ने मंदिर ट्रस्ट द्वारा गांवों में स्वस्थ शिशु प्रतियोगिता आयोजित करने की मांग की। उन्होंने गरीब छात्रों के लिए कोचिंग कक्षाएं संचालित करने का भी अनुरोध किया और कहा कि मंदिर के रिक्त स्थान और हॉल का उपयोग योग शिविरों और कक्षाओं के लिए भी किया जा सकता है।
रामनवमी के अवसर के बारे में प्रधानमंत्री ने कहा कि जब हम रामचंद्र जी के बारे में सोचते हैं, तो हमें शबरी, केवट और निषादराज भी याद आते हैं। उन्होंने वर्षों से लोगों के दिल में सम्मान का स्थान प्राप्त किया है। प्रधानमंत्री ने कहा, यह हमें सिखाता है कि कोई भी पीछे नहीं छूटना चाहिए। प्रधानमंत्री ने महामारी के दौरान किए गए प्रयासों का जिक्र करते हुए कहा कि यह वायरस बहुत ही भ्रामक है और हमें इसके लिए सतर्क रहना होगा। उन्होंने कहा कि भारत ने टीकों की 185 करोड़ खुराक देने का अद्भुत कार्य किया है। उन्होंने इसके लिए सामाजिक जागरूकता तथा स्वच्छता एवं सिंगल यूज प्लास्टिक में कमी लाने के प्रयासों जैसे अन्य आंदोलनों की सराहना की।