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कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित 7 राज्यों के मुख्यमंत्रियों संग बैठक: टेस्टिंग, ट्रेसिंग और ट्रीटमेंट पर हो फोकस- पीएम मोदी

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को कोरोना वायरस से सबसे ज्यादा प्रभावित 7 राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ समीक्षा बैठक की। प्रधानमंत्री मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक, दिल्ली, पंजाब, तमिलनाडु और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्रियों के साथ कोरोना महामारी से निपटने की रणनीति और इसके प्रबंधन पर चर्चा की।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आंध्र प्रदेश में राज्य सरकार और लोगों के बीच बेहतर तालमेल के कारण स्थितियों में सुधार हुआ है। उन्होंने विश्वास जताया कि राज्य टेस्टिंग, ट्रेसिंग पर प्रभावी उपाय करते रहेंगे और घरों पर आइसोलेशन में रहने वाले मरीजों के सेहत की लगातार निगरानी का तंत्र विकसित किया जाएगा। हर एक जीवन को बचाने के महत्व पर जोर देते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि महाराष्ट्र में जिन 20 जिलों में सबसे ज्यादा कोरोना मामले हैं उन पर विशेष ध्यान दिए जाने की जरूरत है। उन्होंने सबसे अधिक प्रभावित जिलों आरटी-पीसीआर परीक्षण वर्तमान क्षमता से 5 गुना बढ़ाने का सुझाव दिया।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कर्नाटक ने ट्रेसिंग और ट्रैकिंग के लिए एक वैज्ञानिक व्यवस्था विकसित की है जिससे राज्य को व्यापक रूप में फायदा पहुंचा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि राज्य में जिन 9 जिलों में मृत्यु दर सबसे ज्यादा है, वहां तत्काल आवश्यक कदम उठाए जाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि आरटी-पीसीआर परीक्षण वर्तमान स्तर से 3 गुना बढ़ाने, प्रभावी निगरानी और संपर्कों का पता लगाने की आवश्यकता है।

दिल्ली का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि लोगों, राज्य सरकार और केंद्र सरकार के संयुक्त प्रभाव के चलते स्थितियां नियंत्रण में आई थीं। उन्होंने सुझाव दिया कि आरटी-पीसीआर टेस्ट बढ़ाए जाने की जरूरत है। यह टेस्ट उन सभी लोगों का भी किया जाना जरूरी है जो एंटीजन टेस्ट में नेगेटिव पाए जा रहे हैं। प्रधानमंत्री ने पंजाब की वर्तमान स्थिति पर चर्चा करते हुए कहा कि शुरुआती समय में पंजाब कोरोना वायरस का संक्रमण रोकने में सफल था, लेकिन अब स्थितियां बिगड़ी हैं।

प्रधानमंत्री मोदी ने तमिलनाडु का जिक्र करते हुए कहा कि राज्य बड़े पैमाने पर परीक्षण और मामलों का पता लगाने की अपनी रणनीति के चलते हर दिन आने वाले मामलों की संख्या को स्थिर करने और उसे कम करने में सफल हुआ है। उन्होंने राज्य के 7 जिलों में मृत्यु दर कम किए जाने पर ध्यान देने की आवश्यकता बताई। प्रधानमंत्री ने कहा कि टेलीमेडिसिन के लिए राज्य ने ई-संजीवनी एप्लीकेशन का अच्छा इस्तेमाल किया है। उन्होंने कहा कि तमिलनाडु का अनुभव निश्चित रूप से अन्य राज्यों के लिए भी लाभकारी सिद्ध होगा।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि उत्तर प्रदेश देश का सबसे अधिक आबादी वाला राज्य है, जहां बीते दिनों में बड़े पैमाने पर प्रवासी मजदूर वापस लौटे थे। इन स्थितियों के बीच भी राज्य परीक्षण बढ़ाकर स्थिति को प्रभावी रूप से नियंत्रित करने में सफल रहा है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि राज्य संपर्कों का पता लगाने पर युद्ध स्तर पर काम करेगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि राज्य में 16 जिले ऐसे हैं जहां हर दिन 100 से ज्यादा मामले आ रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि सबसे ज्यादा प्रभावित क्षेत्रों की मैपिंग और मास्क तथा 2 गज दूरी के नियम का पालन करने के बारे में लोगों को निरंतर जागरूक करने पर ध्यान दिए जाने की जरूरत है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि वायरस का मुकाबला करने के लिए स्वास्थ्य संबंधी बुनियादी ढांचे को और प्रभावी बनाए जाने की जरूरत है। मामलों का पता लगाने यानी ट्रैकिंग और ट्रेसिंग के लिए तंत्र बेहतर करने और अच्छी प्रशिक्षण व्यवस्था सुनिश्चित करने की आवश्यकता है। उन्होंने घोषणा की कि कोरोना संबंधी स्वस्थ्य ढांचा मजबूत करने के लिए राज्य आपदा राहत कोष का उपयोग 35 प्रतिशत से बढ़ाकर 50 प्रतिशत किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस फैसले से राज्यों को वायरस से मुकाबले में मदद मिलेगी।

प्रधानमंत्री मोदी ने राज्यों से वायरस के संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए स्थानीय स्तर पर एक- दो दिनों का लॉकडाउन लगाने और उसके प्रभावों का आकलन करने का सुझाव दिया, बशर्ते राज्य में आर्थिक गतिविधियों को शुरू करने पर इसका नकारात्मक प्रभाव ना पड़े। उन्होंने कहा कि हमें न सिर्फ वायरस से लगातार लड़ाई जारी रखनी है, बल्कि आर्थिक मोर्चे पर भी मजबूती से आगे बढ़ना है।

उन्होंने राज्यों के बीच वस्तुओं और सेवाओं के बेरोकटोक आवागमन सुनिश्चित किए जाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि कुछ राज्यों में हाल में ऑक्सीजन की आपूर्ति सुनिश्चित करने की दिशा में बाधा सामने आई है, जबकि मेडिकल ऑक्सीजन की उपलब्धता सुनिश्चित करना इस समय की सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए। उन्होंने संपूर्ण राज्य में दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने की दिशा में आने वाली बाधाओं को भी दूर करने को कहा।

इस बैठक में मुख्यमंत्रियों ने इस आपदा के समय प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व की प्रशंसा की। उन्होंने अपने-अपने राज्य में कोरोना संक्रमण को रोकने की दिशा में आने वाली चुनौतियों, तैयारियों और अब तक विकसित किए गए स्वास्थ्य ढांचे के बारे में जानकारी दी। उन्होंने अपनी सरकार की ओर से लोगों में जागरूकता फैलाने, मृत्यु दर कम करने, पोस्ट कोविड केयरक्लीनिक शुरू करने, परीक्षण बढ़ाने सहित अब तक उठाए गए सभी कदमों के बारे में भी जानकारी दी।

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