प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 17 जून को अनलॉक-1.0 के बाद की स्थिति और कोरोना महामारी को लेकर मुख्यमंत्रियों के साथ बातचीत की। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि समय पर ट्रेसिंग, उपचार और मामलों के दर्ज होने से स्वस्थ होने वालों की संख्या बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के दौरान लोगों द्वारा प्रदर्शित अनुशासन ने कोविड-19 के मामलों को तेजी से बढ़ने से रोका।
प्रधानमंत्री मोदी ने कोरोना संकट से निपटने के लिए बेहतर बुनियादी सुविधाओं और प्रशिक्षित मानवशक्ति की मौजूदगी का जिक्र किया। उन्होंने पीपीई, मास्क की घरेलू निर्माण क्षमताओं में वृद्धि, पर्याप्त मात्रा में टेस्ट किट्स की उपलब्धता, पीएम केयर्स फंड का उपयोग करते हुए भारत में बने वेंटिलेटर्स की आपूर्ति, परीक्षण प्रयोगशालाओं, लाखों कोविड स्पेशल बिस्तरों, हजारों आइसोलेशन और क्वारनटाइन केंद्रों और प्रशिक्षण के माध्यम से पर्याप्त संख्या में मानव संसाधनों की उपलब्धता पर प्रकाश डाला। उन्होंने बुनियादी स्वास्थ्य सुविधाओं, सूचना प्रणालियों, भावनात्मक सहायता और जन भागीदारी पर निरंतर जोर दिए जाने की जरूरत पर जोर दिया।
प्रधानमंत्री ने प्रभावित लोगों का जल्द पता लगाने, ट्रैक और आइसोलेट करने के लिए परीक्षण के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि परीक्षण की मौजूदा क्षमता का पूरी तरह उपयोग किया जाना चाहिए साथ ही उसमें वृद्धि के प्रयास किए जाने चाहिए। उन्होंने टेलीमेडिसिन के लाभों और वरिष्ठ डॉक्टरों की एक बड़ी टीम बनाने की आवश्यकता का उल्लेख किया, जो इन साधनों का उपयोग कर रोगियों का मार्गदर्शन कर सकते हैं और उन्हें सूचित कर सकते हैं। उन्होंने हेल्पलाइन्स के माध्यम से समय पर और सही जानकारी का प्रसार करने और उन हेल्पलाइन्स को प्रभावी ढंग से चलाने के लिए युवा स्वयंसेवकों की एक टीम बनाने की आवश्यकता के बारे में चर्चा की।
प्रधानमंत्री मोदी कहा कि जिन राज्यों में आरोग्य सेतु ऐप बड़ी संख्या में डाउनलोड किया गया है वहां सकारात्मक परिणाम सामने आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि ऐप की पहुंच बढ़ाने के प्रयास किए जाने चाहिए। उन्होंने मानसून के साथ आने वाली स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति सचेत रहने की बात कही। उन्होंने इस वायरस को परास्त कर रहे और ठीक हो रहे लोगों की अधिक संख्या से अवगत कराते हुए इस बीमारी से जुड़े सताए जाने के डर और इससे जुड़े कलंक से निपटने सहित इस वायरस के खिलाफ जंग के भावनात्मक पहलू को भी सामने रखा। उन्होंने कहा कि हमारी प्राथमिकता हमारे कोरोना योद्धाओं, डॉक्टरों और स्वास्थ्य सेवा कर्मियों की सहायता और समर्थन बनी रहनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इस लड़ाई में जन भागिदारी आवश्यक है। प्रधानमंत्री ने कहा कि लोगों को मास्क, फेस कवर का इस्तेमाल करने और सामाजिक दूरी बनाए रखने की लगातार याद दिलाते रहना चाहिए।
प्रधानमंत्री ने कहा कि वायरस के खिलाफ संघर्ष करने की सामूहिक प्रतिबद्धता हमारी जीत का मार्ग प्रशस्त करेगी। इसके साथ ही उन्होंने उचित सावधानियों के साथ आर्थिक गतिविधियों को तेज करने की आवश्यकता के बारे में भी चर्चा की। उन्होंने लॉकडाउन की अफवाहों से निपटने की आवश्यकता का जिक्र करते हुए इस बात का उल्लेख किया कि देश अब अनलॉकिंग के चरण में है। उन्होंने कहा कि अब हमें अनलॉक के चरण- 2 के बारे में सोचने और अपने लोगों को नुकसान पहुंचने की सभी आशंकाओं को कम करने की आवश्यकता है।
बातचीत में महाराष्ट्र, तमिलनाडु, दिल्ली, गुजरात, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, बिहार, आंध्र प्रदेश, हरियाणा, जम्मू और कश्मीर, तेलंगाना और ओडिशा और केंद्रशासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों ने हिस्सा लिया। मुख्यमंत्रियों ने प्रधानमंत्री के नेतृत्व के लिए उनका आभार प्रकट किया तथा उन्हें राज्यों के जमीनी हालात और वायरस के प्रभाव से निपटने की अपनी तैयारियों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने इस चुनौती से निपटने के लिए उपलब्ध बुनियादी स्वास्थ्य सुविधाओं तथा उन्हें और मजबूत करने के लिए उठाए गए कदमों, फ्रंटलाइन कर्मियों को प्रदान की गई सहायता, कंटेनमेंट जोन्स में निगरानी, मास्क और सुरक्षा से जुड़ी अन्य सुरक्षा सावधानियों के उपयोग को प्रोत्साहित करने के लिए अभियान, परीक्षण में वृद्धि और वापस लौटे प्रवासियों को लाभकारी रोजगार के अवसर प्रदान करने के बारे में चर्चा की।
अब आइए देखते हैं कोरोना संकट के दौरान कब-कब प्रधानमंत्री मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए राज्यों के मुख्यमंत्रियों से सीधा संवाद किया।
प्रधानमंत्री मोदी 20 मार्च, 2020 से लेकर अब तक सात बार मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक कर चुके हैं। इससे पहले 20 मार्च, 2 अप्रैल, 11 अप्रैल, 27 अप्रैल, 12 मई, 16 जून और 17 जून को उन्होंने कोरोना संकट पर बातचीत की थी।
20 मार्च, 2020 : पहली बार संवाद
प्रधानमंत्री मोदी ने पहली बार 20 मार्च को एक वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से देश के सभी मुख्यमंत्रियों से बात की, जिसमें उन्होंने साथ मिलकर इस चुनौती से निपटने का आह्वान किया था। प्रधानमंत्री ने इस वायरस के प्रसार को लेकर निरंतर सतर्कता और निगरानी बनाए रखने की अपील की और कहा कि इस महामारी से निपटने के लिए केंद्र और राज्यों को साथ मिलकर काम करना होगा।
2 अप्रैल, 2020 : दूसरी बार संवाद
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कोरोना वायरस से निपटने के उपायों पर चर्चा करने के लिए 2 अप्रैल को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ संवाद किया। इस वीडियो संवाद में प्रधानमंत्री मोदी ने मुख्यमंत्रियों के साथ बीमारी को फैलने से रोकने के उपायों पर चर्चा की। उन्होंने मुख्यमंत्रियों से कहा कि अगले कुछ हफ्तों में सभी का ध्यान कोरोना वायरस से जुड़ी जांचों, संक्रमितों का पता लगाने, उन्हें अलग-थलग रखने पर केंद्रित रहना चाहिए। प्रधानमंत्री मोदी ने लॉकडाउन के निर्णय का समर्थन करने के लिए राज्यों का धन्यवाद किया, जिसकी बदौलत भारत ने कोविड-19 के फैलाव को सीमित करने में कुछ हद तक सफलता हासिल की है। उन्होंने सराहना करते हुए कहा कि कैसे सभी राज्यों ने वायरस को फैलने से रोकने के लिए एक टीम के रूप में एक साथ मिलकर काम किया है।
11 अप्रैल, 2020 : तीसरी बार संवाद
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 11 अप्रैल, 2020 को तीसरी बार वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से चर्चा की। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि केंद्र और राज्यों के संयुक्त प्रयासों से कोविड-19 के प्रभाव को कम करने में निश्चित रूप से मदद मिली है, लेकिन चूंकि स्थिति तेजी से बदल रही है, इसलिए निरंतर सतर्कता सबसे जरूरी है। प्रधानमंत्री मोदी ने जोर देकर कहा कि वायरस को फैलने से रोकने के लिए अब तक उठाए गए कदमों के प्रभाव का पता लगाने के लिए अगले 3-4 सप्ताह काफी महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने यह भी कहा कि इस चुनौती का सामना करने के लिए टीम वर्क अत्यंत आवश्यक है।
27 अप्रैल, 2020 : चौथी बार संवाद
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 27 अप्रैल को कोरोना संकट पर सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से चर्चा की। मुख्यमंत्रियों के साथ प्रधानमंत्री मोदी की यह चौथी चर्चा थी। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि लॉकडाउन के सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं, क्योंकि देश पिछले डेढ़ महीनों में हजारों लोगों की जान बचाने में कामयाब रहा है। प्रधानमंत्री मोदी ने मुख्यमंत्रियों से यह भी आग्रह किया कि वे आगे की रणनीति तैयार करते समय मौसम में बदलाव यथा गर्मी एवं मानसून के आगमन और इस मौसम में आने वाली बीमारियों को अवश्य ही ध्यान में रखें। इस दौरान मुख्यमंत्रियों ने संकट की इस अवधि में प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व की प्रशंसा की।
12 मई, 2020 : पांचवीं बार संवाद
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 12 मई को कोरोना वायरस संकट पर सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों के साथ चर्चा की। उन्होंने कहा कि अब संक्रमण के फैलाव को कम करने पर ध्यान देना चाहिए। यह सुनिश्चित करने पर भी ध्यान दिया जाना चाहिए कि लोग सुरक्षित दूरी बनाए रखने सहित पूरी सावधानी बरतें। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि अब ग्रामीण क्षेत्रों में कोविड-19 के फैलाव को रोकने का प्रयास किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि एक व्यक्ति से लेकर पूरी मानवता तक जीवन का नया तरीका ‘जन से लेकर जग तक’ के सिद्धांत पर आधारित होगा। उन्होंने कहा कि हम सभी को नई वास्तविकता की योजना बनानी चाहिए।
16 जून, 2020 : छठी बार संवाद
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 16 जून को कोरोना संकट पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से 21 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों के साथ बातचीत की। प्रधानमंत्री मोदी ने जीवन और आजीविका यानी जान और जहान दोनों पर ही फोकस किए जाने के विशेष जोर दिया। उन्होंने कहा कि जहां एक ओर टेस्टिंग और मरीजों के संपर्क में आए लोगों का पता लगाने पर जोर देने के साथ-साथ स्वास्थ्य सुविधा को भी बढ़ावा देने की आवश्यकता है, वहीं दूसरी ओर आर्थिक गतिविधियों में भी वृद्धि करनी होगी। उन्होंने कहा कि वर्तमान जरूरतों और भविष्य की आवश्यकताओं दोनों को ही ध्यान में रखते हुए निर्णय लिए जाने चाहिए। उन्होंने मुख्यमंत्रियों से कहा कि वे इस तथ्य को हमेशा ध्यान में रखें कि वायरस का खतरा अभी खत्म नहीं हुआ है और इसके साथ ही अर्थव्यवस्था को खोलते समय निरंतर सतर्क रहने की जरूरत है।