प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये मणिपुर के लिए एक जलापूर्ति परियोजना की आधारशिला रखी। उन्होंने कहा कि आज इंफाल सहित मणिपुर के लाखों साथियों के लिए बहुत बड़ा दिन है। लगभग 3,000 करोड़ रुपए की लागत से पूरे होने वाले मणिपुर वॉटर सप्लाई प्रोजेक्ट से यहां के लोगों को पानी की दिक्कतें कम होनी वाली हैं। उन्होंने कहा कि यह प्रोजेक्ट आज की ही नहीं बल्कि अगले 20-22 साल तक की ज़रूरतों को ध्यान में रखते हुए डिजाइन किया गया है। इस प्रोजेक्ट से लाखों लोगों को घर में पीने का साफ पानी तो उपलब्ध होगा ही, हज़ारों लोगों को रोज़गार भी मिलेगा।
पीएम मोदी ने कहा कि पिछले वर्ष जब देश में जल जीवन मिशन की शुरुआत हो रही थी, तभी मैंने कहा था कि हमें पहले की सरकारों के मुकाबले कई गुना तेजी से काम करना है। जब 15 करोड़ से ज्यादा घरों में पाइप से पानी पहुंचाना हो, तो एक पल के लिए भी रुकने के बारे में सोचा नहीं जा सकता। आज स्थिति ये है कि देश में करीब-करीब एक लाख वॉटर कनेक्शन हर रोज दिए जा रहे हैं। यानि हर रोज एक लाख माताओं-बहनों के जीवन से पानी की इतनी बड़ी चिंता को हम दूर कर रहे हैं, उनका जीवन आसान बना रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि Ease of Living, जीवन जीने में आसानी, बेहतर जीवन की एक ज़रूरी शर्त है। पैसा कम हो सकता है, ज्यादा हो सकता है लेकिन Ease of Living पर सबका हक है, हर गरीब का हक है। इसलिए बीते 6 वर्षों में भारत में Ease of Living का भी एक बहुत बड़ा आंदोलन चल रहा है। उन्होंने कहा कि बीते 6 साल में हर स्तर पर और हर क्षेत्र में वो कदम उठाए गए हैं, जो गरीब को, सामान्य जन को आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित कर सकें। आज मणिपुर सहित पूरा भारत खुले में शौच से मुक्त है। आज LPG गैस गरीब से गरीब के किचन तक पहुंच चुकी है। इसके अलावा हर गांव को अच्छी सड़क से जोड़ा जा रहा है। हर गरीब बेघर को रहने के लिए अच्छे घर उपलब्ध कराए जा रहे हैं। एक बड़ी कमी रहती थी साफ पानी की, तो उसको पूरा करने के लिए भी मिशन मोड पर काम चल रहा है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि नॉर्थ ईस्ट एक तरफ से म्यांमार, भूटान, नेपाल और बांग्लादेश के साथ हमारे सामाजिक और व्यापारिक रिश्तों को मज़बूती देती है, वहीं भारत की Act East Policy को भी सशक्त करती है। हमारा ये नॉर्थ ईस्ट, एक प्रकार से पूर्वी एशिया के साथ हमारे प्राचीन सांस्कृतिक रिश्तों और भविष्य के Trade, Travel और Tourism के रिश्तों का गेटवे है। इसी सोच के साथ मणिपुर सहित पूरे नॉर्थ ईस्ट में कनेक्टिविटी से जुड़े इंफ्रास्ट्रक्चर पर निरंतर बल दिया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि Roadways, Highways, Airways, Waterways और i-ways के साथ-साथ गैस पाइपलाइन का भी आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर नॉर्थ ईस्ट में बिछाया जा रहा है। बीते 6 साल में पूरे नॉर्थ ईस्ट के इंफ्रास्ट्रक्चर पर हज़ारों करोड़ रुपए का निवेश किया गया है। कोशिश ये है कि नॉर्थ ईस्ट के राज्यों की राजधानियों को 4 लेन, डिस्ट्रिक्ट हेडक्वार्टर्स को 2 लेन और गांवों को all weather road से जोड़ा जाए। इसके तहत करीब 3 हज़ार किलोमीटर सड़कें तैयार भी हो चुकी हैं और करीब 6 हज़ार किलोमीटर के प्रोजेक्ट्स पर काम चल रहा है।
पीएम मोदी ने कहा कि नॉर्थ ईस्ट के हर राज्य की राजधानियों को आने वाले 2 वर्षों में एक बेहतरीन रेल नेटवर्क से जोड़ने का काम तेज़ी से चल रहा है। आज नॉर्थ ईस्ट में छोटे-बड़े करीब 13 ऑपरेशनल एयरपोर्ट्स हैं। इंफाल एयरपोर्ट सहित नॉर्थ ईस्ट के जो मौजूदा एयरपोर्ट्स हैं, उनका विस्तार करने के लिए, वहां आधुनिक सुविधाएं तैयार करने के लिए 3 हजार करोड़ रुपए से अधिक खर्च किए जा रहे हैं।
पीएम मोदी ने कहा कि नॉर्थ ईस्ट भारत की Natural और Cultural Diversity का, Cultural Strength का एक बहुत बड़ा प्रतीक है। ऐसे में जब आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण होता है तो टूरिज्म को भी बहुत बल मिलता है। मणिपुर सहित नॉर्थ ईस्ट का Tourism Potential अभी भी Unexplored है। नॉर्थ ईस्ट में देश के विकास का ग्रोथ इंजन बनने की क्षमता है। उन्होंने कहा कि एक तरफ जहां मणिपुर में ब्लॉकेड इतिहास का हिस्सा बन चुके हैं, वहीं असम में दशकों से चला आ रहा हिंसा का दौर थम गया है। त्रिपुरा और मिज़ोरम में भी युवाओं ने हिंसा के रास्ते का त्याग किया है। अब ब्रू-रियांग शरणार्थी एक बेहतर जीवन की ओर बढ़ रहे हैं।
उन्होंने कहा कि आज का ये कार्यक्रम इस बात का उदाहरण है कि कोरोना के इस संकट काल में भी देश रुका नहीं है, देश थमा नहीं है। जब तक वैक्सीन नहीं आती, जहां कोरोना के खिलाफ हमें मजबूती से लड़ते रहना है वहीं विकास के कार्यों को भी पूरी ताकत से आगे बढ़ाना है। इस अवसर पर मणिपुर की राज्यपाल नजमा हेपतुल्ला, मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह और केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेद्र सिंह शेखावत ,जितेंद्र सिंह, रत्न लाल कटारिया भी मौजूद रहे।