प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज, 26 सितंबर को बिहार की बहनों को एक बड़ा तोहफा दिया है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए उन्होंने मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना की शुरुआत की और 75 लाख महिलाओं के खातों में सीधे 10-10 हजार रुपये की पहली किस्त भेज दी। कुल 7,500 करोड़ रुपये की इस मदद का मकसद है कि महिलाएं खुद पर खड़ी हों और अपना काम शुरू कर सकें।
बिहार की 75 लाख महिलाओं को मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना की सौगात देते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि नवरात्रि के इन पावन दिनों में आज मुझे बिहार की नारी शक्ति के साथ उनकी खुशियों में शामिल होने का अवसर मिला। नवरात्रि के इस पावन पर्व पर आप सबका आशीर्वाद, हम सबके लिए एक बहुत बड़ी शक्ति है। मैं आपका हृदय से आभार व्यक्त करता हूं।
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण में आरजेडी सरकार के कार्यकाल को महिलाओं के लिए सबसे कठिन समय बताया। उन्होंने कहा कि लालटेन राज में महिलाओं को सबसे ज्यादा तकलीफ उठानी पड़ी, क्योंकि सड़कों का हाल खराब था, पुल-पुलिया नहीं बनते थे, बाढ़ के समय गर्भवती महिलाएं अस्पताल तक नहीं पहुंच पाती थीं। इलाज की सुविधाएं न के बराबर थीं और अराजकता का सबसे ज्यादा असर महिलाओं पर पड़ा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि डबल इंजन की सरकार के आने के बाद बिहार में कानून का राज लौटा है और यही वजह है कि आज लड़कियां बेखौफ होकर बाहर निकल रही हैं, सेना और पुलिस तक में अपनी जगह बना रही हैं। इसलिए आज हम सबको मिलकर ये प्रण करना है कि अब बिहार को फिर कभी उस अंधेरे में नहीं जाने देंगे। अपने बच्चों को बर्बाद होने से बचाने का यही रास्ता है।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना ने केंद्र सरकार के लखपति दीदी अभियान को नई ताकत दी है। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार का लक्ष्य है कि आने वाले समय में देशभर में 3 करोड़ महिलाएं लखपति दीदी बनें। अभी तक 2 करोड़ से अधिक महिलाएं इस लक्ष्य का हिस्सा बन चुकी हैं। पीएम ने विश्वास जताया कि जिस गति से बिहार में डबल इंजन की सरकार काम कर रही है, जल्द ही देश में सबसे ज्यादा लखपति दीदी बिहार से होंगी। उन्होंने मुद्रा योजना, ड्रोन दीदी अभियान, बीमा सखी और बैंक दीदी जैसे कार्यक्रमों को भी महिलाओं के लिए रोजगार और स्वरोजगार के अवसर दिलाने वाली योजनाओं के रूप में गिनाया।
प्रधानमंत्री मोदी ने साफ किया कि सरकार की ज्यादातर योजनाएं महिलाओं को केंद्र में रखकर बनाई गई हैं, जिससे पूरे समाज में बदलाव आया है। उन्होंने विशेष रूप से उज्ज्वला योजना का जिक्र करते हुए कहा कि इसने गरीब महिलाओं के जीवन को बदल दिया है। पहले महिलाएं धुएं में जिंदगी गुजारती थीं, फेफड़ों और आंखों की बीमारियों से जूझती थीं, लेकिन अब उज्ज्वला ने रसोई के साथ-साथ उनकी जिंदगी को भी उज्ज्वल कर दिया है।
पीएम मोदी ने कहा कि अब बिहार की महिलाओं को राशन में उसना चावल भी दिया जा रहा है, ताकि उन्हें बाजार में अदला-बदली करके नुकसान न उठाना पड़े। इसके अलावा उन्होंने पीएम आवास योजना की भी बात की, जिसमें घरों का मालिकाना हक महिलाओं के नाम पर भी दिया जा रहा है। बिहार में 50 लाख से ज्यादा पीएम आवास बने हैं और उनमें ज्यादातर में महिलाओं का भी नाम दर्ज है।
महिलाओं के स्वास्थ्य को परिवार की मजबूती से जोड़ते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि जब महिला स्वस्थ रहती है, तभी परिवार सशक्त बनता है। उन्होंने आयुष्मान भारत योजना और प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना का जिक्र करते हुए कहा कि अब बिहार की करोड़ों महिलाओं को 5 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज मिल रहा है और गर्भवती महिलाओं को पोषण व स्वास्थ्य देखभाल के लिए सीधी आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई जा रही है।
उन्होंने हाल ही में शुरू किए गए स्वस्थ नारी, सशक्त परिवार अभियान पर भी विस्तार से बात की। इस अभियान के तहत सवा चार लाख से अधिक कैंप लगाए जा रहे हैं जिनमें महिलाओं की बीमारियों जैसे खून की कमी, ब्लड प्रेशर, डायबिटीज और कैंसर की जांच की जा रही है। अब तक 1 करोड़ से ज्यादा महिलाएं इसमें अपनी जांच करवा चुकी हैं। पीएम ने महिलाओं से अपील की कि वे इन शिविरों में जरूर जाएं।