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25-30 साल बाद पता चलेगा कि स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के रूप में देश को क्या मिला

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि सरदार पटेल की दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा का जो लोकार्पण उन्होंने किया है उसका मूल्यांकन शायद वर्तमान पीढ़ी न कर पाए। मेरा बूथ सबसे मजबूत कार्यक्रम के तहत बुधवार को पीएम मोदी मध्य प्रदेश के बैतूल और सतना, छत्तीसगढ़ के राजसमंद और महासमुंद और यूपी के मछलीशहर के बीजेपी कार्यकर्ताओं से रू-ब-रू हुए।

“वर्तमान पीढ़ी शायद मूल्यांकन न कर पाए”
बैतूल के एक बीजेपी कार्यकर्ता के सरदार पटेल की प्रतिमा के अनावरण से जुड़े सवाल पर पीएम मोदी ने कहा कि- “मेरे लिए आज मन को बहुत संतोष देने वाला पल है। वर्तमान पीढ़ी शायद इस बात का मूल्यांकन नहीं कर पाएगी। जब आज से 25-30 साल के बाद इन घटनाओं का मूल्यांकन होगा तब पता चलेगा। जिस समय सरदार साहब ने राजे-रजवाड़ों का एकीकरण किया तो उस समय आजादी का ऐसा उमंग था कि उस घटना की तरफ ध्यान गया नहीं। लेकिन आज जब छोटे-छोटे मसलों पर लड़ाइयां हो जाया करती हैं, पानी के मसले पर लड़ाई हो जाती है, भाषा के मसले पर लड़ाई हो जाती है, खान-पान पर लड़ाई हो जाती है तब लगता है कि सरदार साहब ने कितना बड़ा काम किया है। वैसे ही आज शायद बहुत लोगों को अंदाजा नहीं होगा, लोगों को लगेगा कि चलो भाई टेक्नोलॉजी है बड़ी इमारत बन गई है, बड़ा स्टैच्यू बन गया है, लेकिन 25-30 साल के बाद इतिहास को देखने के लिए हमारी नई पीढ़ी वहां पहुंचेगी तब उनका सीना चौड़ा हो जाएगा। यानी ये आने वाले युगों का काम हुआ है। आप कल्पना कर सकते हैं कि कितना आनंद होगा।”

राहुल गांधी के ग्रामोफोन की पिन अटक गई है?
बैतूल से ही एक अन्य कार्यकर्ता ने जब ये पूछा कि भारत जब मोबाइल मैन्यूफैक्चरिंग का हब बन गया है तो क्यों राहुल गांधी भारत को मोबाइल उत्पादन के क्षेत्र में आगे ले जाने का दावा करते हैं तो प्रधानमंत्री ने कहा कि “पहले एक ग्रामोफोन रिकॉर्ड आता था, कभी-कभी उस ग्रामोफोन रिकॉर्ड में पिन अटक जाती थी और जब पिन अटक जाती थी तो कुछ शब्द बार-बार उस रिकॉर्डिंग में सुनाई पड़ते थे। ऐसे ही कुछ लोग होते हैं जिनकी पिन अटक जाती है। एक चीज दिमाग में भर जाती है वही वो बोलते रहते हैं। अब आपको इसका मजा लेना चाहिए।”

डिजिटल इंडिया ने बदल दी देश की तस्वीर
उत्तर प्रदेश के मछलीशहर से एक बीजेपी कार्यकर्ता ने डिजिटल इंडिया को लेकर विपक्ष के दुष्प्रचार पर सवाल पूछा तो प्रधानमंत्री ने कहा कि
“कांग्रेस के लोग जिन मुद्दों पर जोर-जोर से झूठ बोलते हैं तो उसका मतलब ये हुआ कि उस काम में हम सफल हुए, अगर हम सफल न होते तो वो बोलते ही नहीं।” पीएम ने कहा कि “आज डिजिटल इंडिया कदम-कदम पर हमारे जीवन को बदलने में मदद कर रहा है। 1 लाख 20 हजार से भी ज्यादा ग्राम पंचायतें ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क से जुड़ चुकी हैं। 2014 में हमारे आने से पहले सिर्फ 60 ग्राम पंचायतें ही ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क से जुड़ पाई थीं। कहां 60 और कहां 1 लाख 20 हजार। ये है डिजिटल इंडिया।”

अब एक हफ्ते में बन जाता है पासपोर्ट
मछलीशहर से एक अन्य कार्यकर्ता ने पासपोर्ट बनाने की परेशानियों से आज मिल चुकी मुक्ति का जिक्र किया तो पीएम ने कहा कि “ऐसा बदलाव तब आता है जब हमारे पास एक संवेदनशील और जनता जर्नादन की सेवा में सदैव तत्पर सरकार होती है। यही वजह है कि पासपोर्ट ही नहीं इसी तरह की कई और सेवाएं भी लोगों को जल्दी और आसानी से मिलना संभव हो पाया है। प्रधानमंत्री के इस जवाब पर गदगद संजय नाम के बीजेपी कार्यकर्ता ने पीएम की तारीफ करते हुए कहा कि “मैं तो मानता हूं कि आपका ये युग कलियुग का स्वर्णिम युग है।”

चुनाव में बीजेपी के तीन एजेंडे- विकास, विकास और विकास
छत्तीसगढ़ के महासमुंद के एक कार्यकर्ता ने पीएम से सवाल पूछा कि चुनाव में हमारा एजेंडा क्या होना चाहिए। इसपर पीएम ने कहा कि “तीन एजेंडा होना चाहिए। पहला एजेंडा विकास, दूसरा एजेंडा तेज गति से विकास, तीसरा एजेंडा है सबके लिए विकास।” उन्होंने कहा कि भाजपा के कारण ही आज विकास एक महत्वपूर्ण चुनावी मुद्दा हो गया है।

देशवासियों की वजह से मिल रहा है सम्मान
राजसमंद के करण सिंह राव ने पीएम को सोल पीस प्राइज और चैम्पियन ऑफ द अर्थ अवॉर्ड पाने के लिए बधाई दी और पूछा कि अब ये कैसे संभव हो पा रहा है जबकि पहले के भारतीय प्रधानमंत्रियों को अंडर अचीवर माना जाता था। इस सवाल के जवाब में पीएम ने कहा कि “वास्तव में देखा जाए तो इन सम्मानों का हकदार अगर कोई है तो हमारे हिन्दुस्तान के 130 करोड़ भारतवासी हैं। हमारे देशवासी है जिन्होंने राष्ट्र की समृद्धि के लिए अपनी मातृभूमि को अपने खून पसीने से सींचा है। सरकारें इसे अकेले हासिल नहीं कर सकती।”

“मुझे गाली देकर कांग्रेसी नेताओं की शाम अच्छी बीतती है”
राजसमुंद के ही एक दूसरे कार्यकर्ता ने कहा कि “मैं टीवी स्क्रीन पर साक्षात सरदार वल्लभभाई पटेल का दर्शन कर रहा हूं माननीय प्रधानमंत्री जी के रूप में।” उसके बाद उस कार्यकर्ता ने पूछा कि आपके लिए विरोधी जब आपत्तिजनक भाषा का प्रयोग करते हैं तो हमें उसका जवाब कैसे देना चाहिए। इस सवाल के जवाब में पीएम ने बड़ी अच्छी बात कही। उन्होंने कहा कि “जिसके पास जो होता है वहीं वो दे सकता है। अगर मेरे पास पत्थर होगा तो मैं किसी को पत्थर दूंगा, मेरे पास हीरे जवाहरात होंगे तो मैं किसी को हीरे जवाहरात दूंगा। अब उनके पास गालियां ही भरी पड़ी हैं तो वो गाली नहीं देंगे तो क्या देंगे। मुझे खुशी है और मुझे संतोष है कि मैं उनके काम आ रहा हूं। उनका दिनभर का गुस्सा मुझे गालियां देकर निकलता है तो शाम को घर में जाकर बच्चों के साथ उनकी शाम अच्छी बीतती है।”

“गरीबी बनाए रखना कांग्रेस के राजनीतिक फायदे में था”
मध्य प्रदेश के सतना जिले की एक महिला कार्यकर्ता ने हिन्दुस्तान में गरीबों की संख्या कम होने पर पीएम को बधाई दी और पूछा कि ये कैसे संभव हो पाया है। इसके जवाब में पीएम ने कहा कि “गरीब ही गरीबी को परास्त कर सकता है। पहले की सरकारों की सबसे बड़ी गलती ये थी कि उनके लिए गरीब शब्द चुनावी वोट बैंक का हिस्सा था, उनके लिए गरीबों को गरीब बनाए रखना उनके राजनीतिक फायदे में था। इसलिए वो कभी नहीं चाहते थे कि गरीबी हटे।”

लगातार काम करके भी क्यों नहीं थकते पीएम?
सतना के ही बीजेपी ने कार्यकर्ता अमोल सिंह ने पूछा कि कल आप जापान में थे, आज सुबह स्टैच्यू ऑफ यूनिटी का लोकार्पण करने के लिए गुजरात गए और इस वक्त हम लोगों से संवाद स्थापित कर रहे हैं। आपके इस नहीं थकने के पीछे का राज क्या है। इस सवाल का जवाब पीएम ने अपने चिर परिचित अंदाज में दिया। उन्होंने उलटे कार्यकर्ता से ही पूछ लिया कि “जब आप ही चाहते हैं कि मैं मजदूरी करूं तो मुझे करनी चाहिए कि नहीं करनी चाहिए?” हालांकि पीएम ने ये भी कहा कि उन्हें ये ताकत 130 करोड़ देशवासियों से मिलती है।

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