आज यानी बृहस्पतिवार को हैदराबाद और चेन्नई के दौरे पर गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हैदराबाद के इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस ’आईएसबी’ के 20वें स्थापना दिवस समारोह में भाग लिया। इस अवसर पर उन्होंने 2022 के पीजीपी वर्ग के स्नातक समारोह को संबोधित भी किया। अपने संबोधन के दौरान कहा कि आज आज दुनिया ये महसूस कर रही है कि India means business. और ये केवल अकेले सरकार के प्रयासों के कारण संभव नहीं हुआ है। इसमें ISB जैसे बिज़नेस स्कूल्स का, यहाँ से निकलने वाले प्रोफेशनल्स का, देश के युवा का भी बहुत बड़ा योगदान है। स्टार्टअप्स हों, या traditional business हो, manufacturing हो या सर्विस सेक्टर, हमारे युवा ये साबित कर रहे हैं कि वो दुनिया को लीड कर सकते हैं। इसीलिए, आज दुनिया भारत को, भारत के युवाओं को, और भारत के products को एक नए सम्मान और नए भरोसे के साथ देख रही है।
आईएसबी शिक्षण संस्थान के छात्रों को संबोधित करते हुए कहा ‘आज भारत G20 देशों के समूह में Fastest Growing Economy है। Smartphone Data Consumer के मामले में भारत पहले नंबर पर है। Internet Users की संख्या को देखें तो भारत दुनिया में दूसरे नंबर पर है। Global Retail Index में भी भारत दुनिया में दूसरे नंबर पर है। दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा Startup Ecosystem भारत में है। दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा Consumer Market भारत में है।‘ भारत जिस स्केल पर लोकतांत्रिक तरीके से चीजें अपने यहां कर सकता है, जिस तरीके से हम अपने यहां कोई नीति या निर्णय लागू कर सकते हैं, वो पूरी दुनिया के लिए सीखने योग्य होता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज के भारत और तीन दशक पहले के भारत की तुलना करते हुए कहा कि अगर 8 साल की तुलना इससे पहले के 3 दशक से करेंगे तो, एक बात जरूर नोट करेंगे। वह यह कि हमारे देश में रिफॉर्म की ज़रूरत तो हमेशा से महसूस की जाती रही थी लेकिन Political willpower की हमेशा कमी रहती थी। पिछले तीन दशकों में लगातार बनी रही राजनीतिक अस्थिरता के कारण देश ने लंबे समय तक Political willpower की कमी देखी। इस वजह से देश reforms से, बड़े फैसले लेने से दूर ही रहा। 2014 के बाद से हमारा देश राजनीतिक इच्छाशक्ति को भी देख रहा है और लगातार Reforms भी हो रहे हैं। हमने दिखाया है कि अगर ईमानदारी के साथ, इच्छाशक्ति के साथ reform की प्रक्रिया आगे बढ़ाई जाए तो जनसमर्थन अपने आप बढ़ता है।
पीएम मोदी ने कहा ‘पिछले आठ वर्षों में देश ने जो इच्छाशक्ति दिखाई है, उसकी वजह से एक और बड़ा बदलाव आया है। अब ब्यूरोक्रेसी भी पूरी शक्ति से Reforms को जमीन पर उतारने में जुटी है। सिस्टम वही है, लेकिन अब नतीजे बहुत संतोषजनक मिल रहे हैं।‘ उन्होंने कहा कि सरकारी व्यवस्था में सरकार reform करती है, ब्यूरोक्रेसी perform करती है और जनता के सहयोग से transformation होता है। ये आपके लिए बहुत बड़ी केस स्टडी है, Reform, Perform, Transform की जो ये डायनिमिक्स है, वो आपके लिए रिसर्च का विषय है। ISB जैसे बड़े संस्थान को इसे दुनिया के सामने लाना चाहिए।