प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हाल ही में बीकानेर दौरे के दौरान सही ही कहा था कि राज्य में अपराधों में बेतहाशा वृद्धि हो रही है। कई अपराधों में तो राजस्थान नंबर वन का तमगा धारण किए हुए है। गहलोत राज में हालात ऐसे हो गए हैं कि राज्य में पुलिस से अधिक आपराधिक गिरोह सक्रिय हैं। अपराधी बेलगाम हैं, पुलिस लाचार और जनता भगवान भरोसे ही नजर आ रही है। पुलिस के सामने ही बेखौफ अपराधी, गैंगस्टर दिनदहाड़े हत्याएं कर रहे हैं। राज्य में आए दिन गैंगवार और फिरौती मांगने की वारदातें आम जन-मन को झकझोर रहीं हैं। अपराधियों के दिल से पुलिस का भय तो पूरी तरह खत्म हो गया है। तभी तो इसी साल उदयपुर में बजरंग दल कार्यकर्ता राजू की गोली मारकर हत्या कर दी गई। सीकर में गैंगवार हुई। गैंगस्टर राजू ठेहट को उसकी विरोधी गैंग ने अंधाधुंध गोलियां बरसाकर चिरनिंद्रा में सुला दिया। पिछले साल नागौर कोर्ट के बाहर हरियाणा के गैंगस्टर संदीप विश्नोई की गोली मारकर हत्या कर दी गई। अलवर में तो ऐसा दुस्साहस कि बहरोड़ थाने में घुसकर अपराधी गैंगस्टर पपला गुर्जर को छुड़ाकर ले गए। जोधपुर में सुरेश सिंह की पुलिस कस्टडी में दो शूटरों ने पांच गोली मारकर हत्या कर दी। जयपुर में अजय यादव को खुलेआम फायरिंग करके मार दिया गया।
प्रदेश में बढ़ते अपराधों, गैंगवार और रंगदारी से सरकार की कार्यशैली पर सवालिया निशान
राजस्थान में पिछले एक साल में अपराधों के ग्राफ में बड़ी तेजी देखी जा रही है। साल 2011 की तुलना में वर्ष 2023 में 11.61 फीसदी अपराध बढ़े हैं। सबसे ज्यादा बढ़ोतरी डकैती की घटनाओं में हुई है। डकैती के मामलों में 33.33 फीसदी बढ़ोतरी हुई जबकि महिलाओं के साथ दुष्कर्म के मामलों में 11.93 फीसदी बढ़े हैं। इससे पहले वर्ष 2020 में 1 लाख 93 हजार केस दर्ज हुए थे जबकि वर्ष 2021 में 2 लाख 14 हजार मामले दर्ज हुए थे। इस साल आपराधिक केस की संख्या बढ़कर 2 लाख 39 हजार पहुंच गई। तेजी से बढ़ रहा यह ग्राफ सरकार की कार्यशैली पर सवाल खड़ा करता है। इसी साल होने वाले विधानसभा चुनावों में बीजेपी आपराधिक आंकड़ों को बड़ा मुद्दा बनाएगी। पिछले कुछ महीनों में पेपर लीक, गैंगवार और रंगदारी की कई घटनाएं सामने आई है। ये घटनाएं भी प्रदेश की सुरक्षा और कानून व्यवस्था पर बड़े सवाल खड़े कर रही है। गैंगवार और रंगदारी की घटनाएं भी चौंकाने वाली रही। कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई सहित अन्य गैंग्स की ओर से कारोबारियों को जान से मारने की धमकियां देकर करोड़ों रुपए मांगे जा रहे। रंगदारी नहीं देने पर खुलेआम फायरिंग की घटना को अंजाम दिया जा रहा है।
चुनौतीपूर्ण घटनायें और समस्यायें हमें कई बार सार्थक समाधान तक ले जाती हैं.
VC के माध्यम से आरोपियों की पेशी के कारण आयकरदाताओं के धन की बचत राजकीय कार्मिकों के समय की बचत और नागरिकों की ऐसे खतरों सुरक्षा सुनिश्चित हो पायेगी . pic.twitter.com/A31HxiXNnS
— Rahul Prakash, IPS (@rahulprakashIPS) July 13, 2023
रोडवेज बस: 55 सवारियां, पुलिस की हिरासत और बदमाशों की ताबड़तोड़ फायरिंग
राजस्थान की जनता गुस्से में है। हर मुट्ठी तनी है। सवाल यही है कि क्या पुलिस का काम अपराधियों को पकड़ना भर है। पुलिस का असली काम तो अपराध होने से रोकना है। गहलोत सरकार की पुलिस इस मोर्चे पर नाकाम साबित हो रही है। पुलिस की नाकामी का ऐसा ही ताजा मामला भरतपुर में सामने आया है। भरतपुर के बहुचर्चित बीजेपी नेता कृपाल सिंह जघीना हत्याकांड के दो आरोपियों पर आज आधा दर्जन से ज्यादा बदमाशों ने पुलिस हिरासत में ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी। फायरिंग की यह वारदात उस समय हुई जब कृपाल सिंह जघीना हत्याकांड के आरोपियों कुलदीप जघीना और विजयपाल को पुलिस सुबह रोडवेज बस से पेशी पर लेकर जा रही थी। फायरिंग में एक आरोपी कुलदीप की मौत हो गई जबकि विजयपाल की हालत गंभीर है। आंकड़ों के लिहाज से रोडवेज बस में सिर्फ एक जान गई लेकिन तड़ातड़ फायरिंग के बीच उन 55 बस सवारों की सांसें कितनी बार थमीं होंगी, आसानी से अंदाजा लगाया जा सकता है। उनकी आंखों ने जो खौफ का मंजर देखा और भुगता उसका जिम्मेदार कौन है। सुर्ख आंखों में पलता गुस्सा अब राजस्थान से खौफ का अंत चाहता है।
अदालत : नागौर कोर्ट परिसर में दिनदहाड़े पुलिस के सामने ही गैंगस्टर की हत्या
अपराधियों के हौंसले के सामने पुलिस की बंदूक़ भी झुक जाती है। पेशी पर लाने वाले पुलिसकर्मी कुछ नहीं कर पाए और सरेआम हत्या हो गई। पिछले साल सितंबर में राजस्थान में नागौर कोर्ट परिसर में दिनदहाड़े में पुलिस के सामने ही शूटर्स ने गैंगस्टर संदीप विश्नोई को गोली मार दी। मौके पर ही उसकी मौत हो गई थी। संदीप नागौर जेल में ही बंद था। वहीं उसके दो साथी गंभीर रूप से घायल हो गए हैं। नागौर पुलिस गैंगस्टर संदीप को लेकर कोर्ट में पेशी के लिए पहुंची थी। इसी दौरान बाइक से आए शूटर्स ने गैंगस्टर संदीप को गोलियों से भून दिया। बदमाशों ने करीब 9 फायर किए। संदीप हरियाणा का कुख्यात गैंगस्टर और सुपारी किलर था। वह सेठी गिरोह से जुड़ा था। पुलिस अधिकारियों के अनुसार शराब तस्करी के साथ वह सुपारी किलिंग भी करता था। उसने नागौर में भी एक व्यापारी का मर्डर किया था। करीब तीन माह बाद दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने नागौर कोर्ट शूटआउट के मास्टरमाइंड सहित पांच खूंखार बदमाशों को राष्ट्रीय राजधानी और उत्तराखंड के देहरादून में कई छापेमारी में गिरफ्तार किया।
राजस्थान के सीकर में ‘शूटआउट’, गैंगस्टर राजू ठेहट के मर्डर के बाद बीच सड़क बदमाशों ने दागी गोलियां, लॉरेंस बिश्नोई गैंग ने ली हत्या की जिम्मेदारी #Rajasthan #LawrenceBishnoi @Payodhi_Shashi pic.twitter.com/fayKaECKSf
— Zee News (@ZeeNews) December 3, 2022
आवास: सीकर में गैंगस्टर राजू ठेहट का घर के सामने ही मर्डर
पिछले साल दिसंबर में राजस्थान के कुख्यात गैंगस्टर राजू ठेहट का सीकर में गैंगवार में मर्डर हो गया। कोचिंग की ड्रेस में पहुंचे 5 शार्प शूटर ने घर के बाहर खड़े ठेहट पर फायरिंग कर दी। ठेहट को 3 से ज्यादा गोली लगी थी। हमलावर इतने बेखौफ थे कि फायरिंग का एक बदमाश ने बकायदा वीडियो भी बनाया। लॉरेंस विश्नोई गैंग के गैंगस्टर रोहित गोदारा ने इसकी जिम्मेदारी ली। दिनदहाड़े इस हत्याकांड को लेकर जिला अस्पताल की मॉर्च्युरी बाहर लोगों ने हंगामा कर दिया। कांग्रेस विधायक मुकेश भाकर धरने पर पहुंचे तो उन्होंने अपनी ही सरकार की पुलिस को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि पुलिस आखिर कर क्या कर रही है?सड़क : जोधपुर में हिस्ट्रीशीटर को गैंगवार के चलते सरेआम मारी गोली
राजस्थान में लगातार गैंगवार की वारदात हो रही है। इसी साल फरवरी में सीएम गहलोत के गृह जिले जोधपुर में दिनदाहड़े फायरिंग की गई। दो गुटों के बीच हुई फायरिंग में गोली एक युवक को लग गई। इसके बाद बाद उसे जोधपुर के मथुरादास माथुर अस्पताल लाया गया। जिस युवक को गोली लगी है वह राकेश मांजू है। पुरानी रंजिश के चलते पहले भी राकेश मांजू और विरोधी गुट के बीच फायरिंग की घटना हो चुकी है। एक बार फिर से दोनों गुटों में आमने-सामने फायरिंग हो गई। इस फायरिंग में गोली राकेश मांजू के कंधे पर जा गली। अपराधी मुख्यमंत्री के शहर में ही इतने बेखौफ हो गए हैं तो दूसरे शहरों में अपराधों का आसानी से अंदाजा लगाया जा सकता है।बैंक: दिनदहाड़े हथियारबंद बदमाश 15 लाख की नगदी लूटकर फरार
सरकार की नाक तले राजधानी जयपुर में ही कुछ माह पहले दिनदहाड़े लूट की वारदात हो गई। हथियारबंद बदमाशों ने सी-स्कीम स्थित सेन्ट्रल बैंक ऑफ इंडिया में लूट की वारदात को अंजाम दिया। सुबह 10 बजे बैंक खुलते ही पूरी तरह बेखौफ 7-8 लुटेरे बैंक में घुस गए और बैंक मैनेजर सहित सभी कर्मचारियों को बंधक बना लिया। कनपटी पर पिस्तोल तानकर सभी को एक रूम में बंद कर दिया और उसके बाद लॉकर तोड़कर करीब 15 लाख रुपए की नकदी लेकर फरार हो गए। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक लुटेरे दुपहिया वाहनों पर सवार होकर आए थे और दुपहिया वाहनों से ही फरार हो गए। इसी तरह सीकर जिले के फतेहपुर कस्बे के पास हरसावा गांव में येस बैंक में 24 लाख रुपए की लूट हो गई। बैंक के अंदर एक ही लुटेरा हथियार लेकर आया था और हथियार की नोंक पर 24 लाख रुपए की लूट की वारदात को अंजाम दे दिया।गहलोत सरकार: अपराधों के लिए सवाल उठते हैं, कुतर्कों से बचाते हैं अपनी खाल
गहलोत सरकार पर जब-जब अपराधों में बढ़ोत्तरी का सवाल उठता है, तो अपनी खाल बचाने के लिए दो तर्क दे दिए जाते हैं। पहला, सरकार ने सारे मामले दर्ज करने के आदेश दिए हैं, इसलिए अपराध ज्यादा हैं। दूसरा, अपराध करने वाले ज्यादातर गैंग बाहरी हैं और वही गैंग सक्रिय होकर वारदातें कर रहे हैं। यह तर्क कितने बेसिरपैर के हैं इन्हें आसानी से समझा जा सकता है। यदि सभी मामले दर्ज करने के आदेश हैं तो साफ हो जाता है कि अपराधों के इतने मामले तो हो रहे हैं। दूसरा बाहरी गैंग्स को पकड़ने की जिम्मेदारी क्या राजस्थान पुलिस की नहीं है। कोई भी बाहरी अपराधी आकर राज्य में अपने मंसूबों को अंजाम कैसे दे सकता है। पुलिस का ध्यान जब आंतरिक मामलों में ही नहीं है तो बाहरी की उसके क्या चिंता होगी। भरतपुर का ही उदाहरण लें, मृतक जगीना कहता रह गया मेरी जान को खतरा है। मेरी कोर्ट में पेशी ऑनलाइन वीसी से कराई जाए, लेकिन पुलिस ने उसकी एक न सुनी। दूसरा, ऐसे हार्ड कोर बदमाशों को रोडवेज बस से पेशी पर ले जाने की लापरवाही बरती गई। इतना बड़ा कांड हो जाने के बाद डीजीपी मिश्रा ने कहा है कि ऐसा असामान्य है। ऐसे अपराधियों को सामान्य बस से भेजने से बचना चाहिए था। यह जांच का विषय है, इसकी जांच की जाएगी, रिपोर्ट मांगी जाएगी।
सीएम गहलोत के राज में राजधानी ही बनी अपराधियों का गढ़
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के राज में पिछले चार सालों से राजस्थान अपराधियों की शरणस्थली बन गया है। मुख्यमंत्री की नाक के नीचे राजधानी जयपुर में ही गैंगस्टर के गुर्गे पहले से चेतावनी देकर फायरिंग पर फायरिंग कर रहे हैं, लेकिन पुलिस उनका कुछ नहीं बिगाड़ पा रही। रसातल में कानून-व्यवस्था का तो यह हाल है कि पड़ौसी राज्यों तक के खूंखार गैंगस्टर भी प्रदेश में शरण लेकर अपने को अधिक सुरक्षित महसूस कर रहे हैं। सरकार की लापरवाह कार्यशैली के कारण ही प्रदेश में 500 से अधिक गैंगस्टर सक्रिय है। जो आए दिन प्रदेश में गैंगवार घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं। उत्तरप्रदेश सहित पड़ौसी राज्यों के मुख्यमंत्रियों द्वारा गैंगस्टरों पर सख्ती की तो गैंगस्टरों को राजस्थान सुरक्षित लगने लगा है। प्रदेश में दुष्कर्म और अपराधों में बेतहाशा वृद्धि, धर्मांतरण की घटनाओं के बावजूद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका वाड्रा चुप्पी साधे बैठे हैं।कानून के रक्षक लाचार, प्रदेश में हर तरह के अपराधों में बेतहाशा बढ़ोत्तरी
राज्य के तीसरी बार मुख्यमंत्री बने अशोक गहलोत के लिए इस बार शासन सही चलाने से ज्यादा बड़ी चुनौती अपनी कुर्सी बचाना बनी हुई है। गहलोत-पायलट की सियासी लड़ाई का खामियाजा राज्य की साढ़े सात करोड़ जनता को भुगतना पड़ रहा है। यही वजह है कि डकैती, फिरौती, हत्या, लूट, दुष्कर्म और अपहरण की घटनाओं में प्रदेश में लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है। प्रदेश में न पुजारी, न मंदिर और न मंदिर की भूमि ही सुरक्षित है। पूरी तरह से प्रदेश आज अपराधियों से घिर गया है। 8 लाख 41 हजार से ज्यादा मुकदमें दर्ज है। दौसा में आदिवासी महिला के साथ गैंगरैप करके कुएं में फैंक दिया जाता है। सीकर में राजू ठेठ की खुली हत्या, नागौर में न्यायालय परिसर के बाहर दिन दहाडे गोलीवारी, अजमेर, किशनगढ़, जोधपुर में आए दिन फायरिंग इत्यादि घटनाएं प्रदेश में जंगलराज को बयां कर रही है।लॉरेंस गैंग ने एक करोड़ की रंगदारी मांगी, न देने पर 16 राउंड फायरिंग
कानून-व्यवस्था के हालात इतने बदतर हो गए हैं कि राजधानी में रहने वाले लोग और व्यापारी सुरक्षित नहीं हैं। गैंगस्टर के हौसले इतने बुलंद हैं कि जयपुर के जी क्लब में अंधाधुंध फायरिंग करने से पहले बदमाशों ने जी क्लब के मालिक से 1 करोड़ की रंगदारी भी मांगी थी। रंगदारी देने के इनकार करने पर बदमाशों ने न सिर्फ धमकाया, बल्कि अपनी धमकी को 16 राउंड की फायरिंग करके सच भी कर दिखाया। आगरा पुलिस कमिश्नरेट मीडिया सेल ने बताया कि जयपुर सिटी (पूर्व) जिले में नामी-गिरामी G Club Hotel और Days के मालिक अक्षय गुरनानी को व्हाट्सएप पर वॉयस कॉल करके 1 करोड़ की रंगदारी मांगी गई थी। रंगदारी न देने पर अक्षय गुरनानी जब दो दिन पहले रात 11:50 बजे पर होटल रेडिसन ब्लू से निकलकर अपने होटल Days में जा रहे थे, तो कुछ बदमाशों ने अक्षय गुरनानी और उनके होटल पर ताबड़तोड़ फायरिंग की। इस सम्बन्ध में थाना जवाहर सर्किल पर मुकदमा रजिस्टर्ड किया गया।
राजस्थान में बेखौफ फायरिंग कर भागे शार्ट शूटर को योगी की पुलिस ने दबोचा
राजधानी की पुलिस सिर्फ मुकदमा ही दर्ज करती रह गई और बदमाश राजस्थान की सीमा को आराम से पार कर गए। होटल मालिक गुरनानी पर फायरिंग करने वाले लॉरेंस विश्नोई गैंग के शूटर्स थे। इन शूटर्स ने राजस्थान को छोड़कर छिपने के लिए जो राज्य चुना, उसमें गलती कर गए। वे गहलोत राज से योगी राज में चले गए। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तो वैसे गैंगस्टर के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए जाने जाते हैं। यूपी के आगरा में कदम रखते ही यूपी पुलिस ने लॉरेंस विश्नोई गैंग के तीन शूटर्स को धर दबोचा। ये तीनों लॉरेंस गैंग के शूटर्स हैं। इन आरोपियों ने 28 जनवरी की रात जयपुर के जी क्लब में अंधाधुंध फायरिंग की थी।
प्रदेश में लगातार बढ़ रही घटनाओं के मूल में मुख्यमंत्री की लाचारी- देवनानी
प्रदेश में लगातार बढ़ रही घटनाओं के लिए बीजेपी ने गहलोत सरकार को आड़े हाथों लिया है। बीजेपी नेताओं का कहना है कि मुख्यमंत्री विधानसभा चुनाव में 156 सीटें लाने का खोखला राग अलाप रहे हो, लेकिन सत्य तो यह है कि जनता सीएम गहलोत से आजिज आ चुकी है और कांग्रेस सरकार को सबक सिखाने का मन बना चुकी है। यह भी सत्य है कि जब-जब भी मुख्यमंत्री रहते अशोक गहलोत के नेतृत्व में कांग्रेस चुनाव लड़ी है तब- तब प्रदेश में कांग्रेस की दुर्गति हुई है। आगामी चुनाव किसके नेतृत्व में कांग्रेस लड़ेगी और किसके नेतृत्व में अपनी दुर्गति करानी है, यह सोचना कांग्रेस का विषय है। लेकिन प्रदेश में लगातार बढ़ रही इन घटनाओं के मूल में मुख्यमंत्री की लाचारी है। इसलिए प्रदेश को मजबूत मुख्यमंत्री की दरकार है।मुख्यमंत्री और पूर्व उपमुख्यमंत्री के बीच की लड़ाई में जनता पिस रही है
पूर्व शिक्षा मंत्री और वरिष्ठ बीजेपी नेता वासुदेव देवनानी ने भी राज्य सरकार की जमकर खिंचाई की। उन्होंने कहा कि इसी माह जोधपुर में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि ‘‘मन करता है माफियों के बाल काटकर परेड कराए, पर…. मुख्यमंत्री किसके आगे मजबूर हैं, समझ से परे की बात है। एसएमएस का दौरा करते तब उन्हें शर्म आती है। जोधपुर में सड़कों की स्थिति को देखकर ठेकेदार और इंजीनियरों की मिलीभगत की बात करते है। मुख्यमंत्री को गलत के खिलाफ कार्रवाई करने से कौन रोक रहा है? समझ से बाहर का मामला है। मुख्यमंत्री और पूर्व उपमुख्यमंत्री के बीच जो सियासी लड़ाई चल रही है, उसमें जनता पिस रही है। मुख्यमंत्री केवल कुर्सी से चिपके होने के कारण पूरी लाचारी की मुद्रा में है। इसका खमियाजा प्रदेश और प्रदेश की जनता भुगत रही है।
प्रदेश में तुष्टीकरण की राजनीति और भ्रष्टाचार दोनों ही चरम पर हैं
गहलोत सरकार तुष्टिकरण कर अपना काम चला रही है। कल ही अजमेर की दरगाह में देशद्रोही के नारे लगे। आपस में दो खेमे झगड़ पड़े। सरकार की तुष्टीकरण की नीति ने उदयपुर में कन्हैयालाल के साथ घटना कराई। करौली, भीलवाडा, जोधपुर में घटनाएं कराई। तुष्टिकरण की नीति न अपनाकर सरकार को कानून की व्यवस्था करनी चाहिए। प्रदेश में खुलेआम धर्मांतरण हो रहा है। अगर मुख्यमंत्री ही लाचारी व्यक्त करेंगे तो उसे कौन रोकगा? इसका तो कोई जवाब दें। मुख्यमंत्री के साथ वे गृहमंत्री भी है जो दोषी है उसे पकड़ें। पेपर माफिया दनादन पेपर लीक कर रहे हैं। राजस्थान की ओलओवर स्थिति खराब है दयनीय है। देवनानी ने कहा कि प्रदेश में भ्रष्टाचार चरम सीमा पर है। वर्ष 2018 में 372, वर्ष 2020 में 445, वर्ष 2022 में 511 मामले दर्ज हुए। एसीबी पकड़ती है, उस पर कोई कार्रवाई नहीं होती। एसओजी की एडिशनल एसपी दिव्या मित्तल ही दो करोड रिश्वत मांगती पकड़ी जाती है। दो वर्ष में 46 आईएएस एवं आरएएस अधिकारी सस्पेंड होते है। इससे ज्यादा प्रदेश की क्या दुर्गति हो सकती है।