प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार, 6 मार्च को गुजरात सरकार द्वारा आयोजित रोजगार मेले को वर्चुअल रूप से संबोधित करते हुए कहा कि भारत अपने युवाओं को कुशल बनाकर दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता है। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘देश में बन रहीं नई संभावनाओं के लिए बड़े पैमाने पर स्किल्ड मैनपावर तैयार करने की जरूरत है। युवाओं के स्किल की ताकत से ही भारत, दुनिया की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनने का लक्ष्य हासिल कर सकता है। पीएम कौशल विकास योजना के तहत देश में 30 स्किल इंडिया इंटरनेशनल सेंटर बनेंगे। पीएम विश्वकर्मा योजना के जरिए छोटे कारीगरों को ट्रेनिंग देने के साथ उन्हें एमएसएमई से भी जोड़ा जाएगा। इस योजना के माध्यम से छोटे व्यवसायों से जुड़े लोगों को वर्ल्ड मार्केट तक पहुंच बनाने में मदद मिलेगी।’
गांधीनगर स्थित महात्मा मंदिर सम्मेलन केंद्र में आयोजित रोजगार मेले को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि मुझे खुशी है कि ज्यादा से ज्यादा संख्या में रोजगार उपलब्ध कराने के लिए केंद्र सरकार के सभी विभाग और एनडीए की राज्य सरकारें लगातार काम कर रही हैं। केंद्र सरकार के अलावा अब एनडीए के शासन वाले 14 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में लगातार रोजगार मेलों का आयोजन हो रहा है। मुझे विश्वास है कि नई जिम्मेदारी संभालने वाले युवा पूरी लगन और निष्ठा के साथ अमृत काल के संकल्पों को पूरा करने में अपना योगदान देंगे।
उन्होंने कहा कि पिछले 5 वर्षों में गुजरात में डेढ़ लाख से ज्यादा युवाओं को राज्य सरकार की नौकरी मिली है। सरकारी नौकरी के अलावा एंप्लॉयमेंट एक्सचेंज के जरिए भी बीते वर्षों में गुजरात में करीब 18 लाख युवाओं को विभिन्न क्षेत्रों में रोजगार उपलब्ध कराए गए हैं। गुजरात सरकार ने तो भर्ती कैलेंडर बनाकर तय समय के भीतर भर्ती प्रक्रिया पूरी की है। मुझे बताया गया है कि इस वर्ष 25 हजार से ज्यादा युवाओं को राज्य सरकार में नौकरी देने की तैयारी की है। गुजरात सरकार ने टेक्नोलॉजी का उपयोग करके पूरी भर्ती प्रक्रिया को पारदर्शी बनाया है। इसके लिए अलग-अलग डिजिटल प्लेटफॉर्म तैयार किए गए हैं, मोबाइल ऐप और वेब पोर्टल विकसित किए गए हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि अलग-अलग सेक्टर में भाजपा सरकार के प्रयासों ने युवाओं के लिए नए अवसर तैयार किए हैं। डायरेक्ट और इनडायरेक्ट रोजगार उपलब्ध कराने के लिए केंद्र सरकार ने एक ठोस रणनीति पर काम किया है। हमारा फोकस रहा इंफ्रास्ट्रक्चर और विकास परियोजनाओं के माध्यम से अधिकतम रोजगार बढ़ाने पर। हमारा फोकस रहा, मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देकर के रोजगार के नए अवसर उपलब्ध कराना। हमारा फोकस रहा, स्वरोजगार के लिए देश में सही वातावरण बनाने और नौजवानों को बिना गारंटी आर्थिक मदद देने पर। हमारा फोकस रहा, बदलते हुए जॉब की प्रकृति के मुताबिक युवाओं के स्किल डेवलपमेंट पर।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज सरकार विकास की जिस होलिस्टिक अप्रोच के साथ काम कर रही है, उससे भी बड़े पैमाने पर रोजगार उपलब्ध हो रहा है। पॉलिसी लेवल पर हुए महत्वपूर्ण बदलावों ने, ये जो नए बदलाव हुए हैं, एक ऐसा इको सिस्टम तैयार किया है, जिसमें स्टार्टअप्स को आगे बढ़ने का मौका मिल रहा है। आज देश में 90 हजार से ज्यादा स्टार्टअप्स काम कर रहे हैं और वो भी Tier 2, Tier 3 cities में हो रहे हैं। इससे रोजगार के नए अवसर तो बन ही रहे हैं, साथ ही लाखों युवा स्वरोजगार के लिए प्रेरित भी हो रहे हैं। सरकार इन्हें बिना बैंक गारंटी, आर्थिक मदद दे रही है। मुद्रा योजना और स्टैंडअप इंडिया योजना से भी स्वरोजगार को बढ़ावा मिला है। सेल्फ हेल्प ग्रुप से जुड़कर करोड़ों महिलाएं अपने पैरों पर मजबूती से खड़ी हो रही है। पूरे परिवार की आर्थिक व्यवस्था का नेतृत्व कर रही है। सरकार इन महिलाओं को सैकड़ों करोड़ रुपए की आर्थिक मदद भी दे रही है।
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘हमारा फोकस रोजगार सृजन के हर उस अवसर को विकसित करने पर भी है, जिस पर दुर्भाग्य से, आजादी के बाद जितना ध्यान देना चाहिए था वो नहीं दिया गया। बजट में 50 नए पर्यटन केंद्र विकसित करने की घोषणा की गई है। जैसे हमारे केवड़िया-एकता नगर में यूनिटी मॉल है, वैसे ही हर राज्य में यूनिटी मॉल तैयार करने का ऐलान किया गया है। इनमें देशभर के यूनिक प्रोडक्ट्स को प्रमोट किया जाएगा। इन प्रयासों से लाखों लोगों के लिए रोजगार के नए अवसर बनेंगे। इसके अलावा एकलव्य स्कूल में भी करीब 40 हजार टीचरों की नियुक्ति का भी प्रावधान किया गया है।’