प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि आतंकवाद हम सभी को अस्वीकार्य है। नागरिकों की मौत कहीं भी हों निंदनीय है। बुधवार, 22 नवंबर को जी20 वर्चुअल शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘हम मानते हैं कि आतंकवाद हम सभी को अस्वीकार्य है। नागरिकों की मौत, कहीं भी हो, निंदनीय है।’
उन्होंने कहा कि बंधकों की रिहाई के समाचार का हम स्वागत करते हैं। और उम्मीद करते हैं कि सभी बंधक जल्दी रिहा हो जाएंगे। मानवीय सहायता का समय से और निरंतर पहुंचना आवश्यक है। यह सुनिश्चित करना भी जरूरी है कि इजरायल और हमास की लड़ाई किसी तरह का क्षेत्रीय रूप धरण न कर ले। प्रधानमंत्री ने कहा कि आज संकटों के जो बादल हम देख रहे हैं, वन फैमिली में वह ताकत है कि हम शांति के लिए काम कर सकते हैं। मानवीय कल्याण के दृष्टिकोण से, हम आतंक और हिंसा के विरुद्ध, और मानवता के प्रति अपनी आवाज बुलंद कर सकते हैं। आज विश्व की, मानवता की इस अपेक्षा की पूर्ति के लिए भारत कदम से कदम मिलाकर चलने के लिए तत्पर है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पश्चिम एशिया की गंभीर स्थिति पर आप सभी के विचार सुनने के बाद मैं कह सकता हूं कि जी-20 में कई विषयों पर सहमति हैं। हम सब आतंकवाद और हिंसा की कठोर निंदा करते हैं। There is zero tolerance to terrorism. मासूम और निर्दोष लोगों, खासकर बच्चों और महिलयों की मौत स्वीकार्य नहीं है। इजराइल और फिलिसतीन मुद्दे का स्थायी समाधान जरूरी है। क्षेत्रीय शांति और स्थिरता की बहाली के लिए यह आवश्यक है।
प्रधानमंत्री ने कहा, ’21वीं शताब्दी में ग्लोबल साउथ की चिंताओं को सर्वोच्च प्राथमिकता देनी होगी। ग्लोबल साउथ के देश ऐसी अनेक कठिनाइयों से गुजर रहे हैं जिनके लिए वे ज़िम्मेदार नहीं है। इस संदर्भ में, समय की मांग है कि हम विकास एजेंडा को अपना पूर्ण समर्थन दें। जरूरतमंद देशों को समय से और आसान दरों पर सहायता सुनिश्चित करें। 2030 सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स में तेजी लाने के लिए अपनाए गए एक्शन प्लान को इम्प्लिमेन्ट करें।’
जी-20 नेताओं को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि जी-20 की भारत की अध्यक्षता के दौरान जी-20 संगठन को पीपल्स-20 की पहचान मिली। उन्होंने कहा कि यह भारत के लिए गर्व की बात है कि उसकी अध्यक्षता में अफ्रीका की आवाज भी जी-20 में शामिल की गई है। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत की अध्यक्षता में जी-20 में नवाचार और डिजिटल प्रोद्यौगिकी को समर्थन देते हुए मानव केन्द्रित दृष्टिकोण को अपनाया जाए। उन्होंने कहा कि जी-20 ने फिर से बहुपक्षवाद में विश्वास बढाया है।