प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और डेनमार्क की प्रधानमंत्री मेटे फ्रेडरिक्सन के कार्यकाल में भारत-डेनमार्क के संबंध काफी मजबूत हुए हैं। अपनी डेनमार्क यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने अपने समकक्ष फ्रेडरिक्सन के साथ आपसी मामलों पर बातचीत के साथ प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता भी की। प्रधानमंत्री मोदी और डेनमार्क की प्रधानमंत्री भारत-डेनमार्क व्यापार मंच की बैठक में भी शामिल हुए। इसके बाद प्रधानमंत्री ने डेनमार्क की प्रधानमंत्री मेटे फ्रेडरिक्सन के साथ कोपेनहेगन स्थित बेला सेंटर में भारतीय समुदाय को संबोधित किया और उनके साथ बातचीत की। बाद में डेनमार्क की महारानी मार्गरेट द्वितीय से भी कोपेनहेगन के ऐतिहासिक अमालियनबोर पैलेस में मुलाकात हुई। इसके पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का डेनमार्क पहुंचने पर जोरदार स्वागत किया गया। प्रोटोकोल तोड़ते हुए पीएम फ्रेडरिक्सन खुद एयरपोर्ट पर स्वागत के लिए मौजूद थी।
प्रधानमंत्री के 18वीं सदी के आधिकारिक आवास पर मुलाकात
प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी समकक्ष फ्रेडरिक्सन से उनके 18वीं सदी के आधिकारिक आवास मारिनबोर्ग पर मुलाकात की। एक पहाड़ी पर स्थित यह शानदार आवास चारों ओर से घास के मैदान, हरी-भरी वादियों और झीलों से घिरा हुआ है। प्रधानमंत्री मोदी ने इसे लेकर ट्विटर पर कहा भी कि मारिनबोर्ग ने प्रधानमंत्री फ्रेडरिक्सन के साथ सार्थक बातचीत करने के लिए उपयुक्त स्थान उपलब्ध कराया। हमने भारत-डेनमार्क संबंधों को प्रगाढ़ करने के लिए व्यापक चर्चा की। प्रधानमंत्री मोदी और फ्रेडरिक्सन ने यहां टहलते हुए चर्चा की। फ्रेडरिक्सन ने प्रधानमंत्री को अपने आधिकारिक आवास में घुमाया और राम दरबार वाला ओडिशा का एक पट्टचित्र भी दिखाया। यह पट्टचित्र प्रधानमंत्री मोदी ने ही उन्हें पिछले साल उनकी भारत यात्रा पर उपहार में दिया था।
डेनमार्क की प्रधानमंत्री के साथ द्विपक्षीय वार्ता
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने डेनमार्क की प्रधानमंत्री मेटे फ्रेडरिक्सन के साथ द्विपक्षीय वार्ता की। दोनों नेताओं ने आमने-सामने के प्रारूप में बातचीत की, जिसके बाद प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता हुई। दोनों प्रधानमंत्रियों ने भारत-डेनमार्क हरित सामरिक साझेदारी की प्रगति की समीक्षा की। इस बातचीत में अक्षय ऊर्जा, खास तौर पर अपतटीय पवन ऊर्जा व ग्रीन हाइड्रोजन और साथ ही साथ कौशल विकास, स्वास्थ्य, शिपिंग, जल तथा आर्कटिक में सहयोग जैसे विषय शामिल रहे। दोनों नेताओं ने क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भी विचारों का आदान-प्रदान किया। भारत और डेनमार्क के बीच विभिन्न क्षेत्रों में नौ समझौतों पर हस्ताक्षर हुए।
भारत-डेनमार्क व्यापार मंच की बैठक
बाद में प्रधानमंत्री मोदी और फ्रेडरिक्सन भारत-डेनमार्क व्यापार मंच की बैठक में भी शामिल हुए। उन्होंने दोनों देशों के उद्योग जगत के प्रतिनिधियों के साथ चर्चा की। पीएम मोदी ने कोपेनहेगन में इंडिया-डेनमार्क बिजनेस फोरम में बिजनेस लीडर्स को संबोधित किया। उन्होंने अपने संबोधन में कहा, “इन दिनों सोशल मीडिया पर FOMO या ‘फियर ऑफ मिसिंग’ शब्द का प्रचलन बढ़ रहा है। भारत में सुधारों और निवेश के अवसरों को देखते हुए, मैं कह सकता हूं कि जो लोग हमारे देश में निवेश नहीं करेंगे, वे निश्चित रूप से चूक जाएंगे।”
प्रधानमंत्री की कोपेनहेगन में भारतीय समुदाय के साथ बातचीत
प्रधानमंत्री मोदी ने डेनमार्क की प्रधानमंत्री के साथ कोपेनहेगन स्थित बेला सेंटर में भारतीय समुदाय को संबोधित किया और उनके साथ बातचीत की।
प्रधानमंत्री मोदी ने प्रधानमंत्री फ्रेडरिक्सन की गर्मजोशी एवं भारतीयों के प्रति सम्मान की सराहना की और इस बात पर जोर दिया कि दोनों देश हरित विकास के लिए मौलिक समाधान खोजने में मिलकर काम कर सकते हैं। श्री मोदी ने कहा कि इस कार्यक्रम में डेनमार्क की प्रधानमंत्री की उपस्थिति इस बात का प्रमाण है कि उनके दिल में भारत के लोगों के प्रति प्रेम और आदर है।
डेनमार्क की महारानी मार्गरेट द्वितीय ने किया प्रधानमंत्री का स्वागत
डेनमार्क की महारानी मार्गरेट द्वितीय ने कोपेनहेगन के ऐतिहासिक अमालियनबोर पैलेस में प्रधानमंत्री मोदी का स्वागत किया। प्रधानमंत्री ने डेनमार्क के राजसिंहासन पर महारानी के आरोहढ़ की स्वर्ण जयंती के अवसर पर उन्हें बधाई दी। प्रधानमंत्री ने हाल के वर्षों में भारत-डेनमार्क के सम्बंधों की बढ़ती प्रगाढ़ता, विशेषकर हरित रणनीतिक साझेदारी के विषय के बारे में महारानी को अवगत कराया। प्रधानमंत्री ने सामाजिक सरोकारों को आगे बढ़ाने में डेनमार्क के शाही परिवार की भूमिका की भी प्रशंसा की।
Productive talks with PM Frederiksen, a business summit to discuss economic linkages, a vibrant community programme to further people-to-people linkages and a meeting with Denmark’s Royal Family…here are yesterday’s highlights. @Statsmin pic.twitter.com/PFHOn3Hvd7
— Narendra Modi (@narendramodi) May 4, 2022