Home समाचार मैं पहला प्रधानमंत्री हूं जिसने लाल किले से शौचालय, सैनिटरी पैड, धुएं...

मैं पहला प्रधानमंत्री हूं जिसने लाल किले से शौचालय, सैनिटरी पैड, धुएं से भरी रसोई, नल का जल जैसे मुद्दे उठाए- PM मोदी

SHARE

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि कोई भी समाज अवसर पैदा करके और नारी शक्ति की गरिमा सुनिश्चित करके ही प्रगति कर सकता है। 11 मार्च, 2024 को सशक्त नारी – विकसित भारत कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि वह पहले प्रधानमंत्री हैं जिन्होंने लाल किले की प्राचीर से महिलाओं के लिए शौचालय, सैनिटरी पैड, अस्वास्थ्यकर धुएं वाली रसोई, महिलाओं को दैनिक असुविधा से बचाने के लिए नल का जल, हर व्यक्ति के लिए जन धन खाता, महिलाओं के लिए अपमानजनक भाषा के खिलाफ और बेटों को नारी शक्ति के प्रति उचित व्यवहार के बारे में शिक्षित करने की जरूरत जैसे महिला सशक्तिकरण के मुद्दों पर बात की।

इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने कहा कि मोदी की संवेदनाएं और मोदी की योजनाएं रोजमर्रा की जिंदगी के अनुभवों से उभरी हैं। उन्होंने कहा कि जीवन की वास्तविकताओं को जीने के अनुभव ने इन संवेदनाओं और योजनाओं की जानकारी दी है। इसीलिए, ये योजनाएं देश की माताओं और बेटियों के लिए जीवन में सुगमता लाती हैं।

प्रधानमंत्री ने उन योजनाओं के बारे में बात की जो नारी शक्ति से संबंधित मुद्दों को उनके जीवन के हर चरण में सुलझाने के लिए लाई जा रही हैं। भ्रूण हत्या को रोकने के लिए बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, गर्भवती माताओं के पोषण के लिए 6000 रुपये, बालिकाओं की शिक्षा अवधि के दौरान संसाधन सुनिश्चित करने के लिए सुकन्या समृद्धि, उद्यम क्षेत्र में लाभकारी तरीके से जमने में मदद करने के लिए मुद्रा योजना, मातृत्व अवकाश की अवधि को बढ़ाना, मुफ्त चिकित्सा उपचार, किफायती दवाइयां और पीएम आवास के मकानों को महिलाओं के नाम पर पंजीकृत कर उनका स्वामित्व बढ़ाने से पुरानी मानसिकता में बदलाव आया है।

उन्होंने कहा कि कृषि में ड्रोन प्रौद्योगिकी के परिवर्तनकारी प्रभाव का नेतृत्व देश की महिलाएं कर रही हैं। किसी ड्रोन दीदी संग अपनी बातचीत को याद करते हुए प्रधानमंत्री ने ड्रोन दीदी की आय, कौशल और मान्यता के माध्यम से सशक्तिकरण की भावना के बारे में विस्तार से बताया। प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्हें पूरा विश्वास है कि नारी शक्ति देश में प्रौद्योगिकी क्रांति का नेतृत्व करेगी। प्रधानमंत्री ने दूध और सब्जी उत्पादों को बाजार तक पहुंचाने, दवा वितरण आदि क्षेत्रों में ड्रोन प्रौद्योगिकी के विस्तार पर विस्तृत चर्चा की, जिससे ड्रोन दीदियों के लिए नए रास्ते खुलेंगे।

प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले दशक में भारत में स्वयं सहायता समूहों का विस्तार उल्लेखनीय रहा है। इन समूहों ने देश में महिला सशक्तिकरण की कहानी को फिर से लिखा है। स्वयं सहायता समूहों में महिलाओं की निभाई गई महत्वपूर्ण भूमिका को स्वीकार करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, “मैं आज स्वयं सहायता समूहों की प्रत्येक बहन को हार्दिक बधाई देता हूं। उनकी कड़ी मेहनत ने राष्ट्र निर्माण में इन समूहों को अग्रणी बना दिया है।” प्रधानमंत्री मोदी ने स्वयं सहायता समूहों में महिलाओं की भागीदारी की प्रभावशाली वृद्धि पर जोर देते हुए कहा कि स्वयं सहायता समूहों में महिलाओं की संख्या 10 करोड़ से अधिक हो गई है।

प्रधानमंत्री मोदी ने आर्थिक सशक्तिकरण के अलावा, स्वयं सहायता समूहों के सामाजिक प्रभाव की प्रशंसा करते हुए कहा कि इन समूहों ने ग्रामीण बुनियादी ढांचे के विकास और ग्रामीण समुदायों के समग्र उत्थान में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उन्होंने बैंक सखी, कृषि सखी, पशु सखी और मत्स्य सखी की भूमिका और सेवाओं की सराहना की। उन्होंने कहा कि ये दीदियां देश के स्वास्थ्य से लेकर डिजिटल इंडिया तक के राष्ट्रीय अभियानों को नई गति दे रही हैं। प्रधानमंत्री ने बताया कि ग्रामीण डिजिटल साक्षरता अभियान चलाने वालों में 50 प्रतिशत से अधिक महिलाएं हैं और 50 प्रतिशत से अधिक लाभार्थी भी महिलाएं हैं। सफलताओं की यह श्रृंखला नारी शक्ति में मेरे विश्वास को और मजबूत करती है।

Leave a Reply