प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश के भविष्य को लेकर एक बड़ा विजन साझा करते हुए कहा है कि भारत अब ‘रिफॉर्म एक्सप्रेस’ पर सवार हो चुका है। खास बात यह है कि इस एक्सप्रेस की असली ताकत हमारे युवा हैं। दिल्ली के पूसा में आयोजित मुख्य सचिवों के तीन दिवसीय 5वें राष्ट्रीय सम्मेलन के समापन सत्र को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने यह बातें कहीं। 26 से 28 दिसंबर तक चले इस सम्मेलन में देश के सभी राज्यों के मुख्य सचिवों और केंद्र के वरिष्ठ अधिकारियों ने शिरकत की।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यह सम्मेलन ‘टीम इंडिया’ की भावना को मजबूत करने वाला है। उन्होंने जोर देकर कहा कि केंद्र और राज्यों की गहरी साझेदारी ही ‘विकसित भारत’ के सपने को सच कर सकती है। उन्होंने कहा कि भारत की करीब 70 प्रतिशत आबादी कामकाजी उम्र की है। यह एक ऐसा ऐतिहासिक अवसर है जो दुनिया के किसी और देश के पास नहीं है। उन्होंने कहा कि अगर हम अपनी इस मानव पूंजी को सही कौशल, स्वास्थ्य और शिक्षा दे सकें, तो भारत को दुनिया की महाशक्ति बनने से कोई नहीं रोक सकता। युवाओं को सशक्त बनाना ही सरकार की पहली प्राथमिकता है।

प्रधानमंत्री ने दो टूक शब्दों में कहा कि अब हमें ‘औसत’ नतीजों से संतुष्ट होना छोड़ना होगा। विकसित भारत का मतलब ही गुणवत्ता और उत्कृष्टता है। उन्होंने ‘जीरो डिफेक्ट, जीरो इफेक्ट’ का मंत्र दोहराया। पीएम ने कहा कि हमारे प्रोडक्ट ऐसे हों जिनमें कोई कमी न हो और जिनका पर्यावरण पर बुरा असर न पड़े। ‘मेड इन इंडिया’ का लेबल दुनिया भर में भरोसे का पर्याय बनना चाहिए।

आयात पर निर्भरता कम करने के लिए पीएम मोदी ने केंद्र और राज्यों से मिलकर 100 ऐसे उत्पादों की पहचान करने को कहा, जिनका निर्माण भारत में ही किया जा सके। उन्होंने सुझाव दिया कि स्किलिंग को ग्लोबल डिमांड के हिसाब से तैयार करना होगा। इसके लिए इंडस्ट्री और शिक्षण संस्थानों को कंधे से कंधा मिलाकर काम करना होगा ताकि हमारे युवाओं को सीधे नौकरी मिल सके।

प्रधानमंत्री मोदी ने युवाओं की आजीविका के लिए पर्यटन को एक बड़ा जरिया बताया। उन्होंने हर राज्य से आग्रह किया कि वे अपने यहां कम से कम एक ‘वर्ल्ड क्लास’ टूरिस्ट डेस्टिनेशन विकसित करें। खेलों पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि भारत 2036 के ओलंपिक की मेजबानी की तैयारी कर रहा है। इसके लिए हमें अपना स्पोर्ट्स कैलेंडर ग्लोबल स्टैंडर्ड के हिसाब से सेट करना होगा और जमीनी स्तर पर प्रतिभाओं को तराशना होगा।

प्रधानमंत्री ने घोषणा की कि भारत जल्द ही ‘नेशनल मैन्युफैक्चरिंग मिशन’ लॉन्च करेगा। उन्होंने राज्यों से अपील की कि वे निवेश आकर्षित करने के लिए अपनी नीतियों और इंफ्रास्ट्रक्चर को दुरुस्त करें। उन्होंने ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ के साथ-साथ हेल्थ, एआई, और प्रोफेशनल सर्विसेज जैसे क्षेत्रों में भारत को ग्लोबल लीडर बनाने पर जोर दिया।

कृषि क्षेत्र को लेकर पीएम मोदी ने कहा कि भारत को दुनिया का ‘फूड बास्केट’ बनाना है। इसके लिए हमें मछली पालन, डेयरी और हाई-वैल्यू खेती पर ध्यान देना होगा। उन्होंने कम प्रदर्शन करने वाले 100 जिलों पर विशेष ध्यान देने की बात कही। साथ ही, उन्होंने डिजिटल सुरक्षा को लेकर भी आगाह किया। उन्होंने कहा कि आज के दौर में साइबर सुरक्षा हर नागरिक के लिए जरूरी है और राज्यों को इस पर विशेष काम करना चाहिए।

प्रधानमंत्री ने भारत की प्राचीन विरासत को सहेजने के लिए ‘ज्ञान भारतम मिशन’ का जिक्र किया। उन्होंने राज्यों से पुरानी पांडुलिपियों को डिजिटल करने और उन पर एआई का इस्तेमाल कर ज्ञान का विस्तार करने का सुझाव दिया। सम्मेलन के अंत में पीएम मोदी ने सभी राज्यों को एक स्पष्ट लक्ष्य दिया। उन्होंने कहा कि हर राज्य इस चर्चा के आधार पर अगले 10 साल की कार्य योजना बनाए। इस योजना को 1, 2, 5 और 10 साल के लक्ष्यों में बांटा जाना चाहिए। उन्होंने शासन में तकनीक के अधिकतम इस्तेमाल और पारदर्शी डिलीवरी पर जोर देते हुए कहा कि विकास का लाभ हर नागरिक तक पहुंचना चाहिए।









