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पीएम मोदी ने 5 यंग साइंटिस्ट लैब्स देश को किया समर्पित, कहा- ये दशक तय करेगा विश्व में भारत का स्थान

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बेंगलुरु में डीआरडीओ के पांच यंग साइंटिस्ट लैब्स को लॉन्च किया। इसके बाद पीएम मोदी ने बेंगलुरु में डीआरडीओ के एक कार्यक्रम में वैज्ञानिकों को संबोधित किया। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि मुझे संतोष है कि एडवांस्ड टेकनॉलजीज के क्षेत्र में 5 लैब्स स्थापित करने के सुझाव पर गंभीरता से काम हुआ और आज बेंगलुरु, कोलकाता, चेन्नई, हैदराबाद और मुंबई में 5 ऐसे संस्थान शुरू हुए हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने वहां मौजूद लोगों को नए साल की शुभकामनाएं दीं। साथ ही कहा कि ‘जय  जवान, जय किसान, जय विज्ञान और जय अनुसंधान’ का नारा न्यू इंडिया की भावना को समर्पित है। ये संयोग ही है कि अब से कुछ समय पहले मैं किसानों के कार्यक्रम में था और अब यहां देश के जवान और अनुसंधान की चिंता करने वाले आप सभी साथियों के बीच में हूं।

‘न्यू और ओल्ड इंडिया के बीच संवाद जरूरी’

पीएम मोदी ने कहा कि यह दशक भारत के लिए बहुत जरूरी है। यह दशक दुनिया में भारत का स्थान तय करने वाला है। पीएम ने कहा कि न्यू और ओल्ड इंडिया के बीच संचार बहुत जरूरी है। यंग इंडिया भारत का भविष्य बदल रहा है।

‘निरंतर प्रयास और अभ्यास से मिलेगी सफलता’

पीएम मोदी ने कहा कि अपने युवा वैज्ञानिक साथियों से मैं ये भी कहूंगा कि ये लैब्स, सिर्फ टेक्नॉलजी को टेस्ट नहीं करेंगी, आपके टेंपरामेंट और पेशेंस को भी टेस्ट करने वाली हैं। आपको हमेशा ये ध्यान रखना होगा कि आपके प्रयास और निरंतर अभ्यास ही हमें सफलता के रास्ते पर ले जाएंगे। आज का ये कार्यक्रम तो एक शुरुआत भर है।

‘जीवन को आसान व सुरक्षित बनाना वैज्ञानिकों की जिम्मेदारी’

पीएम मोदी ने कहा कि आपको ये ध्यान में रखना होगा कि 130 करोड़ भारतीयों का जीवन आसान और सुरक्षित बनाना आपकी जिम्मेदारी है। ये तो बस शुरुआत है। आपके सामने सिर्फ अगला एक साल नहीं, अगला एक दशक है। इस एक दशक में डीआरडीओ का मीडियम और लॉन्ग टर्म रोडमैप क्या हो, इस पर बहुत गंभीरता से विचार किया जाना चाहिए। हम सिर्फ विचार करने पर न रुकें तय समय के भीतर ऐक्शनेबल काम भी करें।

‘DRDO भारत ही नहीं पूरी दुनिया के लिए बनें प्रेरणास्रोत’

पीएम मोदी ने कहा कि मैं डीआरडीओ को उस ऊंचाई पर देखना चाहता हूं, जहां वो न सिर्फ भारत के वैज्ञानिक संस्थानों की दिशा और दशा तय करे, बल्कि दुनिया के अन्य बड़े संस्थानों के लिए भी प्रेरणास्रोत बनें। आपने भारत के मिसाइल कार्यक्रम को दुनिया के सबसे उत्कृष्ट कार्यक्रमों में शामिल किया है। बीता वर्ष तो स्पेस और एयर डिफेंस के क्षेत्र में भारत के सामर्थ्य को नई दिशा देने वाला रहा है।

‘कोई भी काम आपके लिए असंभव नहीं’

पीएम मोदी ने कहा कि रामचरित मानस में कहा गया है, ”कवन सो काज कठिन जग माहीं, जो नहीं होत तात तुम्ह पाहीं।” इसका मतलब है कि दुनिया में ऐसा कोई काम नहीं है जो आपसे हो नहीं सकता। मैं डीआरडीओ के लिए भी यही कहना चाहता हूं। आप अपने पंखों को पूरा फैलाइये और सारे अवसरों का इस्तेमाल कीजिए मैं आपके साथ हूं। इनोवेटर्स के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलने के लिए सरकार तैयार है। अपने नागरिकों और सीमाओं की रक्षा के लिए भविष्य की तकनीकों के लिए निवेश जरूरी है और इनोवेशन भी आवश्यक है। आप न्यू इंडिया को मजबूत करने और विश्व सुरक्षा में अहम भूमिका निभा सकते हैं।

‘डिजायन से लेकर डेवलपमेंट तक पूरी तरह आत्मनिर्भर बनें’

पीएम मोदी ने कहा कि डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग के क्षेत्र में भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए डीआरडीओ को नए इनोवेशन के साथ सामने आना होगा। देश में एक वाइव्रेंट डिफेंस सेक्टर को बढ़ावा देने और ‘मेक इन इंडिया’ को मजबूत करने में डीआरडीओ के इनोवेशंस की बहुत बड़ी भूमिका है। इसलिए ये हमारा निरंतर प्रयास होना चाहिए कि डिजायन से लेकर डेवलपमेंट तक हम पूरी तरह से आत्मनिर्भर बने। हमें एक ऐसा इकोसिस्टम विकसित करना होगा, जहां इंटिग्रेशन हो और इनोवेशन पर संपूर्ण ध्यान हो। आज भारत डिफेंस के क्षेत्र में नए-नए रिफॉर्म की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। परिवर्तन के इस दौर के साथ खुद को निरंतर मजबूत करना है। यंग साइंटिस्ट लैब्स की स्थापना के पीछे यही विजन है।

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