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अपार सफलता के बाद अब PM Internship 2.0 अगस्त से, इस बार 7 लाख युवाओं को बड़ी कंपनियों में इंटर्नशिप का मौका

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की विजनरी नीतियों युवाओं को करियर बनाने, नौकरी दिलाने और आय बढ़ाने का माध्यम बन रही है। युवाओं के लिए पिछले साल पीएम इंटर्नशिप योजना शुरू की गई थी। इसकी अपार सफलता के बाद अब देश की नामी कंपनियों में इंटर्नशिप की तलाश कर रहे युवाओं के लिए खुशखबरी आई है। अगले माह से पीएम इंटर्नशिप योजना का 2.0 वर्जन शुरू होने जा रहा है। पहली अगस्त से ही पीएम इंटर्नशिप स्कीम (PMIS) का दूसरा पायलट फेज शुरू होगा। इस बार FY26 के लिए 7 लाख से ज्यादा इंटर्नशिप का लक्ष्य तय किया गया है, जो कि पिछले वित्त वर्ष के मुकाबले 6 गुना अधिक है। यह निर्णय पहले पायलट फेज में इंटर्न्स की शानदार भर्ती को देखते हुए लिया गया है। पहले फेज में दो राउंड के जरिए इंटर्नशिप के अवसर उपलब्ध कराए गए थे। अब सरकार की कोशिश है कि दूसरे पायलट फेज में स्कीम को और बेहतर तरीके से लागू किया जाए, ताकि ज्यादा से ज्यादा युवाओं को इसका फायदा मिल सके। इसके अलावा पीएम रोजगार मेले में भी युवाओं को नियुक्ति पत्र दे रहे हैं। अब तक लगे 16 रोजगार मेलों में 9.73 लाख लोगों को रोजगार मिला है।

पांच साल में एक करोड़ से ज्यादा युवाओं को इंटर्नशिप देने का लक्ष्य
पीएम इंटर्नशिप स्कीम (PMIS) का उद्देश्य है कि 5 सालों में देश के एक करोड़ से ज्यादा युवाओं को टॉप 500 कंपनियों में इंटर्नशिप का मौका दिया जाए, ताकि वे वास्तविक कारोबारी माहौल में काम करने का अनुभव हासिल कर सकें। इसके साथ ही वे भविष्य के लिए खुद को तैयार कर सकें। सरकार ने बजट 2024-25 में कॉम्प्रिहेन्सिव स्कीम के तहत इस लक्ष्य की घोषणा की थी, जिसके तहत युवाओं को बड़े-बड़े उद्योगों से जुड़ी व्यावहारिक ट्रेनिंग देकर उन्हें नौकरी योग्य बनाया जाएगा। इस स्कीम का पायलट प्रोजेक्ट 3 अक्टूबर 2024 को लॉन्च किया गया था। पहले चरण में 1.27 लाख इंटर्नशिप अवसर प्रदान किए गए। इस वर्ष जनवरी में शुरू हुए दूसरे चरण में अब तक 327 कंपनियों के माध्यम से 1.18 लाख से अधिक इंटर्नशिप अवसर पोस्ट किए जा चुके हैं। इस योजना के प्रति युवाओं का रुझान देखते ही बनता है।

 

योजना के पहले फेज में इंटर्न्स को तीन गुना ज्यादा स्टाइपेंड मिला
पीएम इंटर्नशिप योजना इसलिए भी युवाओं में बेहद लोकप्रिय हो रही है, क्योंकि पहले फेज में जिन इंटर्न्स की भर्ती हुई, उन्हें औसतन 15,000 रुपये मंथली स्टाइपेंड मिला, जो कि सरकार द्वारा तय मंथली 5,000 रुपये से तीन गुना ज्यादा है। एजुकेशन और योग्यता के आधार पर कुछ इंटर्न्स को 40,000 से 45,000 रुपये तक के भी ऑफर मिले। योजना से जुड़े अधिकारियों के मुताबिक ये सभी टॉप कंपनियां हैं, जिनके पास पहले से ही अपने इंटर्नशिप प्रोग्राम हैं। इसलिए PMIS का स्टाइपेंड उन्हीं के हिसाब से तय किया गया है। ये भर्तियां व्हाइट कॉलर और ब्लू कॉलर, दोनों तरह की नौकरियों के लिए हो रही हैं। कई एक्सपर्ट मानते हैं कि कंपनियों को भी पढ़े-लिखे मेधावी युवा मिल रहे हैं, इसलिए कंपनियां खुद ज्यादा रकम दे रही हैं। इसके अलावा, कई मामलों में इंटर्न्स को खाना, रहना और सरकार की तरफ से 6,000 रुपये का वन-टाइम ग्रांट भी दिया जा रहा है, जिससे रिलोकेशन में मदद मिल सके।

योजना के दूसरे चरण में इंटर्न की संख्या काफी बढ़ने की उम्मीद
पहले पायलट फेज में FY25 के लिए 1.25 लाख इंटर्नशिप लक्ष्य तय किया गया था। अधिकारियों का कहना है कि स्कीम में किए गए सुधारों और कंपनियों के साथ बेहतर समन्वय के चलते दूसरे पायलट फेज में लक्ष्य बढ़ा दिया गया है। पहले फेज की लोकप्रियता के चलते दूसरे चरण में भागीदारी और ज्यादा बढ़ने की पूरी संभावना है। जानकारी के मुताबिक, पहले पायलट फेज में दो राउंड के जरिए इंटर्नशिप के मौके उपलब्ध कराए गए थे. पहले राउंड के लिए रजिस्ट्रेशन 12 अक्टूबर से 15 नवंबर 2024 के बीच चला था, जबकि दूसरे राउंड के लिए यह प्रक्रिया 17 मार्च से 22 अप्रैल 2025 के बीच हुई। पहले फेज के दूसरे राउंड में देश की जानी-मानी 300 से अधिक कंपनियों ने इंटर्नशिप ऑफर की हैं। हालांकि कंपनियों के लिए चुनौती भरा काम है। इतनी बड़ी संख्या में इंटर्न भर्ती करना कंपनियों के लिए आसान नहीं है। उन्हें इंटरव्यू, बैकग्राउंड वेरिफिकेशन, आधार लिंक्ड बैंक अकाउंट, और अन्य नियम पूरे करने होते हैं, तभी ऑफर लेटर जारी होते हैं।

पीएम इंटर्नशिप स्कीम के लिए ऐसे युवा कर सकते हैं अप्लाई
पीएम इंटर्नशिप योजना 2025 में भाग लेने के लिए अभ्यर्थी का फुलटाइम जॉब या एजुकेशन में शामिल नहीं होनी चाहिए। अभ्यर्थी की न्यूनतम आयु 21 से कम और अधिकतम आयु 24 वर्ष से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। ऑनलाइन व डिस्टेंस से पढ़ाई कर रहे छात्र इंटर्नशिप कार्यक्रम के लिए पात्र हैं अर्थात ये छात्र भी आवेदन कर सकते हैं। अधिक जानकारी के लिए अभ्यर्थी ऑफिशियल वेबसाइट पर विजिट कर सकते हैं। इस योजना में तय तिथियों में आवेदन करने वाले अभ्यर्थियों के आधार पर देशभर की टॉप 500 कंपनियों में इंटर्नशिप का मौका दिया जायेगा। यह नियुक्तियां देशभर के 730 जिलों की जाएंगी। पीएम इंटर्नशिप फेज 2 में चयनित होने वाले उम्मीदवारों को 5 हजार रुपये प्रतिमाह का स्टाइपेंड प्रदान किया जायेगा। इसमें से केंद्र सरकार की ओर से 4500 रुपये और कंपनियां अपने कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (CSR) फंड से देंगी। स्कीम के अंतर्गत भारत सरकार ने 500 शीर्ष कंपनियों की पहचान की है, जो पिछले तीन वर्षों में औसतन सबसे अधिक कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी (CSR) खर्च करने वाली कंपनियां हैं। इसके बावजूद, यह उम्मीद की जा रही है कि अन्य कंपनियां भी इस स्कीम में भाग लेंगी।

पीएम इंटर्नशिप योजना को 3 अक्टूबर को हो जाएगा एक साल
इस स्कीम का पायलट प्रोजेक्ट 3 अक्टूबर 2024 को लॉन्च किया गया था। अक्टूबर में इस योजना का एक साल पूरा हो जाएगा। तब तक हजारों और युवा इंटर्नशिप पूरी कर लेंगे या नई युवा इंटर्नशिप की तैयारी कर रहे होंगे। पहले चरण में 1.27 लाख इंटर्नशिप अवसर प्रदान किए गए थे। इस वर्ष जनवरी में शुरू हुए दूसरे चरण में अब तक 327 कंपनियों के माध्यम से 1.18 लाख से अधिक इंटर्नशिप अवसर पोस्ट किए जा चुके हैं। पीएम इंटर्नशिप स्कीम के तहत प्रत्येक इंटर्न को 12 महीने के लिए हर महीने 5,000 रुपये की वित्तीय सहायता का प्रावधान है। एक बार का 6,000 रुपये का अनुदान भी दिया गया। यह स्कीम 2024-25 के केंद्रीय बजट में घोषित की गई थी और इसका उद्देश्य अगले पांच वर्षों में भारत की शीर्ष 500 कंपनियों में 1 करोड़ युवाओं को इंटर्नशिप के अवसर प्रदान करना है।

पीएम मोदी ने रोजगार मेलों में 9.73 लाख युवाओं को दी नौकरी
पीएम मोदी के रोजगार मेलों ने भी युवाओं को सशक्त बनाने में अहम भूमिका निभाई। प्रधानमंत्री ने 22 अक्टूबर 2022 को रोजगार मेले का पहला फेज शुरू किया था। तब PM ने कहा था- हमारा लक्ष्य देश के युवाओं को सरकारी नौकरियां देकर सशक्त बनाना है। अब तक लगे 16 रोजगार मेलों में 9.73 लाख लोगों को रोजगार मिला है। इसी माह में लगे 16वें रोजगार मेला में पीएम मोदी ने 51 हजार से ज्यादा युवाओं को जॉब लेटर बांटें। उन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कहा कि युवाओं का सामर्थ्य हमारे भारत के भविष्य के लिए सबसे बड़ी पूंजी और गारंटी है। हमारी सरकार इस पूंजी को समृद्धि का सूत्र बनाने में जुटी है। उन्होंने कहा कि दो दिन पहले ही 5 देशों की यात्रा से लौटा हूं। हर देश में भारत की युवा शक्ति की गूंज सुनाई दी। रोजगार मेले का आयोजन देश भर में 47 स्थानों पर किया गया। पिछला रोजगार मेला 26 अप्रैल को आयोजित किया गया था। अब तक 9.73 लाख से ज्यादा लोगों को रोजगार मिल चुका है।

पीएम मोदी की नीतियां निरंतर युवाओं को बना रही हैं सशक्त

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का दूरदर्शी विजन ना सिर्फ देश के आर्थिक, सामरिक और ढांचागत विकास को मजबूती दे रहा है, बल्कि युवाशक्ति को भी निरंतर सशक्त करने में लगा है। पीएम की नीतियों से निकले रोजगार मेलों से देशभर में लाखों युवाओं को सरकारी नौकरियां मिल चुकी हैं। मुद्रा योजना, स्किल इंडिया और स्टार्टअप इंडिया से हर राज्य के युवा आर्थिक तरक्की कर ना सिर्फ खुद के पैरों पर खड़े हो रहे हैं, बल्कि दूसरों को भी रोजगार दे रहे हैं। पिछले साल  शुरू हुई पीएम इंटर्नशिप योजना को लेकर देशभर के युवाओं में जबरदस्त उत्साह देखने को मिला। अधिकारियों के मुताबिक, इंटर्नशिप करने के लिए 10 लाख से अधिक युवक-युवतियों ने आवेदन आए। जबकि 25 विभिन्न सेक्टर में करीब 1.25 लाख को ही एक साल का इंटर्नशिप कराने की योजना बनाई गई थी। योजना में भारी उत्साह के देखते हुए कंपनियों ने इंटर्न की रिक्तियां बढ़ाने के लिए कहा गया। फाइनेंशियल एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक पीएम इंटर्नशिप 2.0 में यह संख्या करीब छह गुना बढ़ा दी है। यह स्कीम एक अगस्त से शुरू होगी।

देश के 745 जिलों में इंटर्नशिप करा रहीं है की जानी-मानी कंपनियां
प्रधानमंत्री की सोच के अनुरूप युवाओं को नौकरियों में अधिक से अधिक अवसर देने के लिए पिछले साल बजट में पीएम इंटर्नशिप स्कीम की घोषणा की गई थी। इस स्कीम में आवेदन के लिए सिर्फ वही युवक-युवती पात्र होंगे, जिनके परिवार की आय सालाना आठ लाख रुपए से कम है। केंद्र सरकार का आरक्षण नियम भी इस योजना में लागू होगा। यानी अनुसूचित जाति, जनजाति और ओबीसी को आरक्षण मिलेगा, लेकिन सिर्फ वही युवा योग्य होंगे जो आर्थिक रूप से कमजोर होंगे। 10वीं, 12वीं और आइटीआइ उत्तीर्ण छात्रों के आवेदन पर विचार किया जाएगा। देश के 745 जिलों में कंपनियां इंटर्नशिप करा रही है। पीएम इंटर्नशिप 2.0 में 7 लाख से अधिक उम्मीदवारों को एक साल का कंपनियां इंटर्नशिप कराएंगी।

टॉप 500 कंपनियों में इंटर्नशिप, 12 महीने में 66,000 की आर्थिक मदद
कौशल प्रशिक्षण के पहले चरण में 1 लाख से ज्यादा उम्मीदवारों को इंटर्नशिप का मौका मिला। इन उम्मीदवारों को 12 महीने में 66 हजार रुपए की आर्थिक मदद दी गई। टॉप 500 कंपनियों में अगले पांच साल में एक करोड़ युवाओं को कुशल करने का लक्ष्य रखा गया है। कॉरपोरेट मंत्रालय के मुताबिक, पहले चरण में इंटर्नशिप के लिए सबसे अधिक आयल एंड गैस सेक्टर में 29,108 उम्मीदवारों को अवसर मिलने जा रहा है। पहला बैच में इन सेक्टर्स में युवाओं को मौका मिला…

सेक्टर                रिक्तियां
ऑयल एंड गैस       29,108
ऑटोमोटिव           22,012
ट्रैवल-हॉस्पिटैलिटी   15,639
बैंकिंग-फाइनेंस      12,265
मेटल-माइनिंग        8,804
मैन्युफैक्चरिंग         8,329
इंफ्रा-कंस्ट्रक्शन      4,247
ऑइटी सॉफ्टवेयर    3,690
एफएमसीजी         3,519
रिटेल                3,239छह साल में ही 16.8 करोड़ से अधिक नौकरियां के अवसर बने

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की चहुंमुखी कल्याणकारी नीतियां देश को ही आर्थिक तरक्की की राह पर नहीं ले जा रहीं, बल्कि युवाओं के लिए भी नौकरियों के नित-नए अवसर सृजित कर रही हैं। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने अपनी एक रिपोर्ट में इसका खुलासा किया है। आरबीआई ने कहा है कि भारत ने वर्ष 2017-18 से लेकर 2023-24 के बीच 16.8 करोड़ से अधिक नौकरियां पैदा कीं। देश में अकेले 2023-24 वित्तीय वर्ष में ही करीब 4.67 करोड़ नौकरियां पैदा हुई हैं, जिससे कुल रोजगार की संख्या बढ़कर 64.33 करोड़ हो गई है, जो वर्ष 2023-24 मे 59.67 करोड़ थी। आरबीआई ने कहा कि वर्ष 2023-24 में देश में बेरोजगारी दर में कमी आई और रोजगार बढ़ने की दर 6 प्रतिशत रही, जो 2022-23 के 3.2 प्रतिशत ग्रोथ रेट से लगभग दोगुनी है।

 

आरबीआई नियमित रूप से जारी करता है रोजगार के आंकड़े
केंद्रीय बैंक की ओर से रोजगार से संबंधित रिपोर्ट नियमित रूप से जारी की जाती है, जिसमें परंपरागत रूप से ऐतिहासिक आंकड़ों पर रोशनी डाली जाती है। सोमवार को जारी की गई रिपोर्ट को लेकर केंद्रीय बैंक ने कहा कि वह उपलब्ध जानकारी के आधार पर पहली बार वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए कुल अर्थव्यवस्था के लिए उत्पादकता का एक अनुमान लगाने का प्रयास किया गया है। आरबीआई के आंकड़ों के अनुसार 2023-24 में भारत का कुल रोजगार 643.3 मिलियन था, जबकि वित्त वर्ष 2022-23 में यह 596.7 मिलियन था। केंद्रीय बैंक देश की उत्पादकता और रोजगार के स्तर का अनुमान लगाने के लिए सरकार के राष्ट्रीय खातों और श्रम मंत्रालय के डेटा का उपयोग करता है।RBI ने 27 उद्योगों को शामिल कर जारी किया KLEMS डाटा
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार आरबीआई ने उद्योग स्तर पर उत्पादकता मापने के लिए आज भारत KLEMS पूंजी (K), श्रम (L), ऊर्जा (E), सामग्री (M) और सेवाएं (S) डाटाबेस जारी किया है। इसमें देश में साल 2023-24 में रोजगार वृद्धि दर दोगुनी होकर 6 प्रतिशत पर पहुंच गई है। आंकड़ों से यह भी पता चलता है कि वित्त वर्ष 2021 से देश में 7.8 करोड़ लोग रोजगार से जुड़े हैं, जबकि रोजगार वृद्धि दर 5.1 फीसदी रही थी। RBI के अनुसार KLEMS डाटाबेस में संपूर्ण भारतीय अर्थव्यवस्था सहित 27 उद्योग शामिल हैं। यह डाटा व्यापक क्षेत्रीय स्तरों (कृषि, विनिर्माण और सेवाएं) और अखिल भारतीय स्तर पर भी अनुमान प्रदान करता है। इसमें सकल मूल्य वर्धित आउटपुट, श्रम रोजगार, उत्पादकता और गुणवत्ता, पूंजी स्टॉक और संरचना, ऊर्जा की खपत, सामग्री और सेवाएं और कुल कारक उत्पादकता भी शामिल है।

क्या कहती है Periodic Labor Force Survey की रिपोर्ट
सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय द्वारा मई 2024 में जारी PLFS त्रैमासिक रिपोर्ट के अनुसार शहरी क्षेत्रों में 15 साल से अधिक उम्र के युवाओं की बेरोजगारी दर जनवरी-मार्च 2023 में 6.8 प्रतिशत से घटकर जनवरी-मार्च 2024 में 6.7 प्रतिशत पर आ गई है और भविष्य में इसके और कम होने का अनुमान है। इसी तरह महिला बेरोजगारी दर भी जनवरी-मार्च 2023 की 9.2 प्रतिशत से घटकर जनवरी-मार्च 2024 में 8.5 प्रतिशत हो गई। जो भविष्य के लिए सुखद संकेत हैं। शहरी क्षेत्रों में श्रम बल भागीदारी दर ने 48.5 प्रतिशत से बढ़कर 50.2 प्रतिशत हो गई है।

मैन्युफैक्चरिंग, एग्रीकल्चर और सर्विस सेक्टर में खूब मिली ग्रोथ 
केंद्र सरकार के मुताबिक, श्रमिक जनसंख्या अनुपात (डब्ल्यूपीआर) यानी रोजगार दर 2017-18 के 46.8% से बढ़कर 2022-23 में 56% हो गई। इसी तरह देश में श्रमबल भागीदारी भी 2017-18 के 49.8% से बढ़कर 2022-23 में 57.9% हो गई है। कुल आबादी में रोजगार वाले लोगों की संख्या वर्ष 2023-24 में जो 2017- 18 में केवल 34.7% थी, वो बढ़कर 44.5 प्रतिशत हो गई है। जहां तक सेक्टरवाइज ग्रोथ की बात है तो एक वित्तीय वर्ष में सर्विस सेक्टर में 20.15 करोड़ की तुलना मेे 80 लाख कामगार बढ़े हैं। इसी प्रकार एग्रीकल्चर में 48 लाख और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में 20.30 लाख का इजाफा हुआ है। इसके अलावा अन्य सेक्टर्स में 34 प्रतिशत की दर से कुल 3.19 करोड़ कागमार बढ़े हैं।

 

 

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