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राहुल गांधी के झूठ का पर्दाफाश, 362 लोगों को डिटेंशन सेंटर भेज चुकी है कांग्रेस सरकार

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डिटेंशन सेंटर और सिटीजनशिप अमेंडमेंट एक्ट के मुद्दे पर राहुल गांधी ने पीएम मोदी पर जो झूठे आरोप लगाए थे, उसका पर्दाफाश हो चुका है। पीआईबी की एक ख़बर से साफ हो जाता है कि कांग्रेस की सरकारों के दौरान डिटेंशन सेंटर बनाए गए थे।

गौरतलब है कि पीएम मोदी ने 22 दिसंबर को रामलीला मैदान में विपक्ष की अफवाहों का जवाब देते हुए कहा था ‘कांग्रेस और उसके साथी शहरों में रहने वाले कुछ पढ़े-लिखे नक्सली, अर्बन नक्सल ये अफवाह फैला रहे हैं कि सारे मुसलमानों को डिटेंशन सेंटर में भेज दिया जाएगा, ये अफवाह सरासर झूठ है जो हिंदुस्तान की मिट्टी के मुसलमान हैं, जिनके पुरखे मां भारती की संतान हैं, उन पर नागरिकता कानून और एनआरसी दोनों का ही कोई लेना-देना नहीं है। देश के किसी मुसलमान को डिटेन्शन सेंटर में नहीं भेजा जा रहा है।

वहीं विपक्षी नेताओं के साथ-साथ मीडिया के एक बड़े वर्ग ने ये अफवाह फैलाने का काम किया कि पीएम मोदी ने देश में एक भी डिटेंशन सेंटर न होने की बात कही है।

पीआईबी की खबर ने फोड़ा झूठ का भांडा

13 दिसंबर, 2011 को पीआईबी द्वारा प्रकाशित की गई एक ख़बर से साफ हो जाता है कि कांग्रेस की सरकारों के दौरान डिटेंशन सेंटर बनाए गए थे। पीआईबी के मुताबिक तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने गोलपुरा, कोकराझाड़ और सिल्चर में डिटेंशन सेंटर बनाए ताकि अवैध घुसपैठियों को प्रत्यर्पण तक वहाँ और रखा जाए। इसके साथ ही इस खबर में ये भी बताया गया था कि कांग्रेस ने नवंबर 2011 तक 362 लोगों को डिटेंशन सेंटर में भेजा था। गोलपुरा में 221, कोकराझाड़ में 79 और सिल्चर के डिटेंशन कैम्प में 62 लोगों को भेजे जाने की खबर थी। इस दौरान 78 लोगों को प्रत्यर्पित किया गया था।

बता दें कि 13 जनवरी 2011 को भारत और बांग्लादेश के बीच घुसपैठियों के प्रत्यर्पण को लेकर करार भी हुआ था, इसके साथ ही भारत ने बांग्लादेश से आने वाले घुसपैठियों के प्रत्यर्पण का मुद्दा भी उठाया था। वहीं तत्कालीन गृह राज्यमंत्री मुल्लाप्पली रामचंद्रन ने लोकसभा में इसकी लिखित जानकारी भी दी थी। 

राहुल गांधी को मिला करारा जवाब

राहुल गांधी के बयान पर भाजपा प्रवक्ता डॉ संबित पात्रा ने पलटवार करते हुए कहा कि पीएम मोदी ने कहा था कि ऐसा कोई डिटेंशन कैंप नहीं है, जिसमें एनआरसी के बाद हिंदुस्तान के मुसलमानों को रखा जाएगा, ये झूठ फैलाया जा रहा है। इसमें प्रधानमंत्री जी ने क्या झूठ बोला है? साथ ही राहुल गांधी को झूठों का सरदार करार दिया।

 

राहुल गांधी ने पीएम मोदी को आरएसएस का प्रधानमंत्री बताने के साथ कहा था कि वो मां भारती से झूठ बोलते हैं। इसके साथ ही राहुल गाँधी ने असम का एक वीडियो भी शेयर किया, जिसमें एक कथित एक्टिविस्ट ने बताया कि असम में डिटेंशन सेंटर हैं। वहीं ध्यान देने वाली बात ये है कि पीएम मोदी ने ऐसा नहीं कहा कि देश में डिटेंशन सेंटर नहीं है।

पी. चिदंबरम की हुई बोलती बंद

वहीं बीजेपी नेता अमित मालवीय ने पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम को भी जवाब देते हुए लिखा कि पी. चिदंबरम जी, आपकी याददाश्त कमजोर हो रही है लेकिन मैं आपकी यहां मदद करता हूं, साल 2012 में कहा था कि NPR की प्रक्रिया सिर्फ नागरिकों को रेजिडेंट कार्ड देने के लिए है, जो कि सीधा नागरिकता कार्ड की ओर बढ़ता है.’ हमारी सरकार ने NPR को नागरिकता से अलग किया है।

गौरतलब है कि पी. चिदंबरम ने ट्वीट कर बीजेपी द्वारा जारी किए वीडियो को गलत करार दिया था, वहीं भाजपा की ओर से बताया गया कि NPR की स्कीम कांग्रेस राज में ही शुरू हुई थी तब पी. चिदंबरम देश के गृह मंत्री थे।

जाने क्या होता है डिटेंशन सेंटर

डिटेंशन सेंटर एक ऐसी जगह होती है जहां अवैध अप्रवासियों यानी जिन्हें अदालतों द्वारा विदेशी घोषित कर दिया गया हो, उन्हें रखा जाता है। इसके साथ ही इन डिटेंशन सेंटर्स में ऐसे विदेशियों को भी रखा जाता है जिन्होंने किसी जुर्म में अपनी सजा काट ली हो और अपने देश वापस जाने के इंतजार कर रहे हों।

विदेशी कानून 1946 के सेक्शन 3 (2) सी में केंद्र सरकार के पास भारत में अवैध रूप से रह रहे विदेशी नागरिकों को उनके देश भेजने का अधिकार है। इसके अलावा राज्य भी डिटेंशन सेंटर स्थापित कर सकते हैं।

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