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जनता ने 1 वोट की ताकत से पीएम मोदी को चुना, 10 साल में देश का हुआ कायापलट

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2014 से पहले कांग्रेस के शासनकाल में अक्सर लोगों को यह कहते सुना जा सकता था कि एक वोट से क्या होगा। क्योंकि उस समय की सरकारें भ्रष्टाचार, घोटाले, तुष्टिकरण में ही जुटी रहती थी और आम लोगों के जीवन को आसान बनाने से उनका कोई मतलब नहीं रहता था। लेकिन अब भारतवासियों को एक वोट की ताकत का पता चल गया है। 2014 में इसी एक वोट की ताकत से उन्होंने बीजेपी की सरकार बनाई और उसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत में विकास की बयार बह रही है। यही वजह है कि 2019 में भी लोगों ने बीजेपी को पहले से ज्यादा बहुमत दिया। पीएम मोदी के नेतृत्व में आज देश में हर क्षेत्र और हर सेक्टर में कायापलट हो रहा है। और अब 2014 में इसी एक वोट की ताकत बीजेपी को 400 से अधिक सीटें मिलने की संभावना जताई जा रही है।

पीएम मोदी के विजन से देश का कायापलट
पीएम मोदी के विजन से पिछले 10 साल में देश ने कई महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की है, इनमें राम मंदिर, 9 नए आईआईटी, 9 नए आईआईएम, 12 करोड़ से अधिक शौचालय, कश्मीर से 370 हटाना, 7 आईआईटी, 16 आईआईआईटी, 390 विश्वविद्यालय, 3.5 करोड़ पक्का घर, 75 से ज्यादा नए हवाई अड्डे, 50 करोड़ को स्वास्थ्य कवर मिला, 12 करोड़ से अधिक घरों को नल का पानी मिला, 2.7 लाख+ किलोमीटर ग्रामीण सड़कें, 78,000 किलोमीटर से ज्यादा राष्ट्रीय राजमार्ग बने और 49 करोड़ बैंक खाते खुले हैं। जीडीपी के मामले में भारत 10वीं से पांचवीं अर्थव्यवस्था बना।

मेडिकल कॉलेज की संख्या 387 से बढ़कर 692 हुई
वर्ष 2014 में देश के अंदर मेडिकल कॉलेज की संख्या 387 थी, जो अब बढ़कर 692 हो चुकी है। एम्स की संख्या बढ़कर 24 हो चुकी है, जो 2014 में केवल 6 थी। 2014 तक देश में 723 यूनिवर्सिटी थीं, जो 2023 में बढ़कर 1472 हो चुकी हैं। 2014 तक देश में 16 आईआईटी संस्थान थे, जो 2023 में बढ़कर 23 हो चुके हैं। 2014 तक देश में 13 आईआईएम थे, जो अब 20 हो चुके हैं।

एयरपोर्ट की संख्या 74 से बढ़कर 148 हो गई
2014 तक देश में एयरपोर्ट की संख्या 74 थी, जो 2023 में बढ़कर 148 हो गई। 2014 में भारत की बिजली उत्पादन क्षमता 2.34 लाख मेगावाट थी, जो 2023 में बढ़कर 4.17 लाख मेगावाट हो गई। 2014 तक देश में 13 करोड़ गैस कनेक्शन थे, जो 2023 में बढ़कर 31 करोड़ हो गए। 2014 तक देश में नेशनल हाईवे की पहुंच 91,287 किमी तक थी, जो 2023 में 1.44 लाख से ज्यादा हो गई। 2014 तक देश में रेल मार्गों का 21,614 किमी हिस्सा ही इलेक्ट्रिक लाइन से जुड़ा था, 2023 में ये बढ़कर 58,812 किमी तक पहुंच गया।

जीडीपी में भारत 10वें स्थान से अब पांचवें स्थान पर
2014 में भारत का सकल घरेलू उत्पाद 20 खरब डॉलर के बराबर था, जो अब 37.3 खरब डॉलर है। प्रति व्यक्ति आय जो 2014 में 1,573.9 डॉलर थी, अब 2023 में 2,601 डॉलर है। रुपयों में मौजूदा कीमतों पर यह जीडीपी 2013-14 में 104.73 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 2022-23 में 272.04 लाख करोड़ रुपये हो गई है। जीडीपी के मामले में भारत 2014 में 10वें स्थान पर था और अब यह पांचवें स्थान पर है। 2014 में भारत दुनिया की दसवीं अर्थव्यवस्था था अब पांचवें स्थान पर आ गया है। भारत अब विश्व का 5वां सबसे बड़ा निर्यातक बन गया है जबकि एक साल पहले 9वें नंबर पर था। यह सब मोदी विजन से ही संभव हो पाया है।

करीब 49 करोड़ बैंक खाते खुले, गांवों-शहरों में 12 करोड़ शौचालय बने
पीएम मोदी के कार्यकाल में जनता के स्वच्छ भारत अभियान के तहत गांवों और शहरों में 12 करोड़ शौचालय बने। मोदी सरकार की जनधन योजना के तहत देशभर में 48.93 करोड़ लोगों ने अपने बैंक खाते खुलवाए। ये खाता जीरो बैलेंस के साथ शुरू होता है। पीएम मोदी की मुद्रा योजना में लोगों को बिना गारंटी के सस्ता ऋण दिया गया। इस योजना के तहत अब तक 40.82 करोड़ लोगों को 23.2 लाख करोड़ का कर्ज दिया गया।

3.5 करोड़ नए घर बने, 9.59 करोड़ घरों में एलपीजी कनेक्शन
पीएम आवास योजना के तहत पात्र लाभार्थियों के लिए 3.5 करोड़ घर बनाए गए। मोदी सरकार की उज्ज्वला योजना के अंतर्गत 9.59 करोड़ घरों में एलपीजी कनेक्शन की पहुंच बनी। केंद्र सरकार की जन आरोग्य योजना के तहत 4.44 करोड़ लोगों का इलाज हुआ। मोदी सरकार की किसान सम्मान निधि योजना के तहत देशभर के 12 करोड़ किसानों को हर साल 6 हजार रुपये की सहायता राशि दी जाती है।

11.66 करोड़ परिवारों को मिला नल से जल
मोदी सरकार की हर घर जल योजना के तहत अब तक 11.66 करोड़ परिवारों को पीने का साफ पानी मुहैया कराया जा चुका है। वहीं, कोरोना महामारी के दौरान शुरू हुए कोविड टीकाकरण में अब तक 220.67 करोड़ वैक्सीन की डोज लगाई जा चुकी है।

1 करोड़ महिलाएं लखपति दीदी बनी
महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त करने के लिए, बेटियों को नौकरी करने में आसानी हो, इसके लिए भी अनेक कदम उठाए हैं। सेल्फ हेल्प ग्रुप्स से 10 करोड़ महिलाओं को जोड़ा गया। 1 करोड़ महिलाओं को लखपति दीदी बनाया गया। प्रेग्नेंसी लीव को बढ़ाकर 26 हफ्ते किया गया।

अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण
मोदी सरकार ने अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण करके 5 सदियों का इंतजार खत्म किया है। गुजरात के पावागढ़ में भी 500 साल बाद धर्मध्वजा फहराई गई है। 7 दशक बाद हमने करतारपुर साहब राहदारी खोली गई।

देश को आर्टिकल-370 से मुक्ति मिली
मोदी सरकार के कार्यकाल में 7 दशक के इंतज़ार के बाद देश को आर्टिकल-370 से मुक्ति मिली। लगभग 6 दशक बाद राजपथ, कर्तव्य पथ के नए स्वरूप में सामने आया। 4 दशक बाद आखिरकार, वन रैंक वन पेंशन की मांग पूरी हुई। 3 दशक बाद देश को नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति मिली। 3 दशक बाद लोकसभा और विधानसभा में महिलाओं को आरक्षण मिला। तीन तलाक की बुराई के विरुद्ध कड़ा कानून बनाने का साहस पीएम मोदी ने ही दिखाया। दशकों से नए संसद भवन की ज़रूरत महसूस हो रही थी, उसे भी पूरा किया गया।

रक्षा उत्पादों के बड़े आयातक से निर्यातक बना भारत
भारत दुनियाभर से हथियार खरीदता है तो दर्जनों देशों को अपने यहां बने रक्षा उत्पाद बेचता भी है। भारत के डिफेंस प्रॉडक्ट्स के ग्राहक इजरायल, अमेरिका, फ्रांस, इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया, जर्मनी, इटली जैसे बड़े-बड़े देश भी हैं। भारत 85 से ज्यादा देशों को रक्षा निर्यात कर रहा है। दूसरी तरफ, रक्षा आयात में तेजी से गिरावट आ रही है और भारत अपनी सेना की जरूरतों के साजो-सामान खुद ही बनाने में जुट गया है। इससे ‘आत्मनिर्भर भारत’ का सपना पूरा करने की दिशा में प्रगति हो रही है तो ‘मेक इन इंडिया’ को भी बल मिल रहा है।

देश के 25 करोड़ लोग गरीबी से निकले बाहर
नीति आयोग ने 15 जनवरी, 2024 को संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी), ऑक्सफोर्ड नीति और मानव विकास पहल (ओपीएचआई) के इनपुट के आधार पर एक शोधपत्र जारी किया। नीति आयोग के सदस्य प्रोफेसर रमेश चंद द्वारा तैयार इस शोधपत्र में 2013-2014 से 2022-23 के बीच गरीबों की संख्या में तेजी से आई कमी के आंकड़े दिए गए हैं। शोधपत्र के मुताबिक पिछले नौ साल में देश के 24.82 करोड़ लोग गरीबी रेखा से बाहर निकले हैं। साल 2013-2014 में भारत की 29.17 प्रतिशत से अधिक आबादी गरीबी रेखा से नीचे थी, जबकि मौजूदा समय में ये आंकड़ा घटकर 11.28 प्रतिशत रह गया है।

आयुष्मान भारत : 30 करोड़ से अधिक कार्ड, 6.2 करोड़ को मुफ्त इलाज
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार ने देशवासियों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य योजना ‘आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन-आरोग्य योजना’ (पीएम-जेवाई) की शुरुआत की थी। अब यह योजना गरीब-वंचितों के लिए वरदान साबित हो रही है। इस योजना ने 12 जनवरी, 2024 को 30 करोड़ आयुष्मान कार्ड बनाने की बड़ी सफलता हासिल की है। यानी इस योजना के तहत 30 करोड़ से अधिक आयुष्मान कार्ड दिए जा चुके हैं। आयुष्मान भारत योजना में अब तक 6.2 करोड़ से अधिक लोगों का मुफ्त इलाज किया गया है। उसमें से 3.5 करोड़ से अधिक महिलाओं का इलाज किया गया है। इस योजना के कारण लाभार्थियों को उपचार पर हो सकने वाले 1.25 लाख करोड़ रुपये की बचत भी हुई है।

जनधन खातों की संख्या 51 करोड़ के पार, 2.08 लाख करोड़ रुपये हैं जमा
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की महत्वाकांक्षी ‘प्रधानमंत्री जनधन योजना’ जनधन खातों की संख्या और इसमे जमा पैसों का एक नया रिकॉर्ड बन चुका है। प्रधानमंत्री जनधन योजना (PMJDY) के तहत खोले गए बैंक खातों की संख्या 51 करोड़ के पार पहुंच गई है। इसके साथ ही जनधन खातों में कुल जमा राशि 2.08 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा हो गई है। पीएमजेडीवाई खातों की संख्या मार्च 2015 के 14.72 करोड़ से तीन गुना (3.4) बढ़कर 29 नवंबर 2023 तक 51.04 करोड़ हो गई है। प्रधानमंत्री जनधन योजना (PMJDY) 28 अगस्त 2014 को शुरू की गई थी, जिसका उद्देश्य उन परिवारों के लिए शून्य रुपये की न्यूनतम जमा राशि वाले बैंक खाते खोलना था, जो अभी तक बैंकिंग सेवाओं से वंचित थे।

सामाजिक सुरक्षा: अटल पेंशन योजना के सदस्यों की संख्या 6 करोड़ पार
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केन्द्र सरकार की योजनाओं ने आम लोगों के जीवन की तस्वीर बदल दी है। मोदी सरकार की अटल पेंशन योजना (APY- एपीवाई) एक प्रमुख सामाजिक सुरक्षा योजना है। अटल पेंशन योजना की कामयाबी को आप इसी से जान सकते हैं कि अब तक इसके 6 करोड़ से अधिक खाते हो गए हैं। यानी अटल पेंशन योजना के तहत कुल नामांकन ने 6 करोड़ के आंकड़े को पार कर लिया है। सिर्फ चालू वित्त वर्ष में ही इस योजना से 79 लाख से ज्यादा लोग जुड़े हैं। एपीवाई के शुभारंभ से ही इसमें नामांकन निरंतर बढ़ता जा रहा है। वित्त वर्ष 2021-22 की तुलना में वित्त वर्ष 2022-23 में नए नामांकन में 20 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है, जबकि वित्त वर्ष 2020-21 की तुलना में वित्त वर्ष 2021-22 में नए नामांकन में 25 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई थी। 

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