Home विशेष पाकिस्तान के साथ मिल कर भारत तोड़ने की साजिश रच रही कांग्रेस

पाकिस्तान के साथ मिल कर भारत तोड़ने की साजिश रच रही कांग्रेस

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कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा कि कि उनके लिए पाकिस्तान यात्रा का अनुभव दक्षिण भारत से बेहतर रहा। जाहिर है सिद्धू के इस एक बयान से कांग्रेस दो निशाना साधने की कोशिश कर रही है। एक तो वह पाकिस्तान के करीब दिखना चाहती है ताकि मुस्लिम समुदाय कांग्रेस का साथ दे। दूसरा यह कि मोदी सरकार की ‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत’ नीति से इतर उत्तर और दक्षिण भारत में टकराव की नई पृष्ठभूमि बने।

दरअसल कांग्रेस हर हाल में 2019 का लोकसभा चुनाव जीतना चाहती है, इसके लिए वह भाषावाद, क्षेत्रवाद, प्रांतवाद, जातिवाद और संप्रदायवाद जैसे सारे हथियार लेकर चुनावी मैदान में तो पहले ही उतर आई है। हालांकि इन सबमें वह ‘पाकिस्तान परस्ती’ को सबसे अचूक हथियार मानती है।

आपको बता दें कि बीते अगस्त में सिद्धू जब पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के शपथ ग्रहण समारोह में गए थे तो वे हमारे सुरक्षा बलों के जवानों के हत्यारे पाकिस्तानी सेना प्रमुख कमर जावेद बाजवा से गले भी मिले थे। इसके साथ ही PoK के तथाकथित राष्ट्रपति मसूद खान के बगल में बैठकर पाक अधिकृत कश्मीर को वैध ठहराने की कोशिश की थी। इसी तरह 14 अक्टूबर को छत्तीसगढ़ कांग्रेस ने भारत का नक्शा ट्वीट किया जिसमें PoK का हिस्सा भारत के मानचित्र से गायब कर दिया।

माना जा रहा है कि कांग्रेस के नेता यह सब राहुल गांधी के कहने पर कर रहे हैं। ऐसा इसलिए कि एक ओर हिंदू बनने का ढोंग कर बहुसंख्यक समुदाय में बंटवारा कर सके और दूसरी ओर पाक परस्ती दिखा कर अल्पसंख्यक समुदाय का एकमुश्त वोट पा सके।

पाक परस्त कांग्रेस की ‘खामोश’ साजिश

जून, 2018
गुलाम नबी आजाद ने सेना को नरसंहार करने वाला बताया, लश्कर ए तैयबा ने समर्थन किया।

अक्टूबर, 2017
पी चिदंबरम ने कश्मीर की आजादी का समर्थन किया, और अधिक स्वायत्तता मांगी।

वर्ष 2016
दिग्विजय सिंह ने कश्मीर को ‘भारत के कब्जे वाला कश्मीर’ कह दिया था।

नवंबर, 2015
मणिशंकर अय्यर ने कहा कि इनको (मोदी सरकार) हटाइए, हमें ले आइए और कोई रास्ता नहीं है।

नवंबर, 2015
सलमान खुर्शीद ने भारत को पाकिस्तान से बातचीत बंद करने का दोषी कहा।

वर्ष 2014
दिग्विजय सिंह ने पाक आतंवादी हाफिज सईद को ‘जी’ और ‘साहब’ से संबोधित किया।

जुलाई, 2009
मनमोहन सिंह ने भारत पर पाकिस्तान के आरोपों को स्वीकार कर लिया था।

वर्ष 2006
मनमोहन सिंह ने कहा कि भारत की तरह पाकिस्तान भी ‘आतंकवाद से पीड़ित’ है।

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