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डिजिटल इंडिया के सपने को नई उड़ान: 1 अक्टूबर से घर बैठे बनेगा लाइफ सर्टिफिकेट

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लाइफ सर्टिफिकेट बनाने के लिए अब लोगों को नहीं लगाने पड़ेंगे सरकारी दफ्तरों के चक्कर । पीएम मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट बनाने की प्रक्रिया शुरू की है। डिजिटल इंडिया को बढ़वा देने में जुटे पीएम मोदी की ये योजना 1 अक्टूबर 2021 से लागू हो रही है। जिसकी मदद से लोग घर बैठे डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट (DLC) बनवा पाएंगे। सरकार की इस योजना से पेंशन के सहारे जीवन गुजार कर रहे बुजुर्गों को बहुत सुविधा होगी। जीवन प्रमाण सेंटरों से डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट को बनवाया जा सकता है। इसके लिए डाकघरों को खास निर्देश दिए गए हैं। हलांकि इसे घर बैठे ऑनलाइन तरीके से भी बनवाया जा सकता है ।

डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट ऑनलाइन कैसे बनाएं

 सबसे पहले gov.in/app पर जाना होगा

  • साइट या एप पर रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया को पूरा करना होगा।
  • फोन पर SMS के जरिए ID मिलेगी।
  • ID की मदद से पेंशनर्स DLC डाउनलोड और प्रिंट कर सकते हैं
  • बॉयोमेट्रिक डिवाइस, स्मार्टफोन, टैबलेट से भी आईडी बनेगी

जीवन प्रमाण पत्र प्रोसेस होता है तो ये ऑटोमेटिकली बैंक ब्रांच या पोस्ट ऑफिस की शाखा में भेज दिया जाता है। इससे पता चलता है कि पेंशनर अभी जीवित है। इसी आधार पर पेंशनर के खाते में पैसे रिलीज किए जाते हैं।

जिन पेंशनर्स की उम्र 80 साल या उससे ज्यादा है, वे 1 अक्टूबर से 30 नवंबर 2021 तक जीवन प्रमाण पत्र जमा करा सकेंगे। बाकी पेंशनर्स 1 नवंबर से 30 नवंबर तक लाइफ सर्टिफिकेट जमा कर सकेंगे। 

डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट से पेंशनर्स को फायदा

चूंकि यह काम पूरी तरह से ऑनलाइन हो गया है, इसलिए पेंशनर्स को बैंक की ब्रांच या पोस्ट ऑफिस में जाने की जरूरत नहीं होगी. जीवन प्रमाण पत्र को ऑनलाइन जमा करने के लिए घर बैठे काम किया जा सकता है।  

  • बुजुर्ग पेंशनर्स को बैंक-पोस्ट ऑफिस में लाइन में नहीं लगनी होगी
  • अब सर्टिफिकेट भेजने का काम घर बैठे हो जाएगा। 
  • डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र के लिए आधार स्वैच्छिक बना
  • कई पेंशनर को आधार कार्ड नहीं होने से हो रही थी परेशानी

पीएम मोदी का डिजिटल इंडिया पर जोर

पीएम मोदी का जोर डिजिटल इंडिया की मदद से इस दशक को Techade बनाने पर है।  डिजिटल इंडिया को लेकर पीएम मोदी के विजन है, सभी के लिए अवसर, सभी के लिए सुविधा, सभी की भागीदारी। डिजिटल इंडिया का अर्थ सरकार की प्रणाली तक हर किसी की पहुंच है। डिजिटल इंडिया का अर्थ पारदर्शी, भेदभाव रहित व्यवस्था और भ्रष्टाचार पर हमला है। डिजिटल इंडिया का अर्थ समय, श्रम और धन की बचत करना है। डिजिटल इंडिया का मतलब तेज लाभ,पूरा लाभ होता है। डिजिटल इंडिया का अर्थ न्यूनतम सरकार, अधिकतम शासन है।

पीएम मोदी कई मौकों पर भारत के युवाओं से Digital Empowerment को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाने का आग्रह कर चुके हैं। डिजिटल इंडिया को लेकर पीएम मोदी कह चुके हैं कि ”डिजिटल इंडिया भारत का संकल्प है। डिजिटल इंडिया आत्मनिर्भर भारत के लिए साधन है। डिजिटल इंडिया एक मजबूत भारतीय की अभिव्यक्ति है, जो 21वीं सदी में उभर रही है।“

डिजिटल इंडिया से पूरा होगा भारत का सपना 

पीएम मोदी का डिजिटल इंडिया सरकार और लोगों, प्रणाली और सुविधाओं, समस्याओं और समाधानों के बीच की खाई को कम करके आम नागरिक को सशक्त बना रहा है। डिजिलॉकर ने विशेष रूप से कोरोना महामारी के दौरान लाखों लोगों की मदद की। पूरे देश में स्कूल प्रमाण पत्र, चिकित्सा दस्तावेज और अन्य महत्वपूर्ण प्रमाण पत्र डिजिटल रूप से संग्रहित किए गए थे।

ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने, जन्म प्रमाण पत्र बनवाने, बिजली बिल का भुगतान करने, पानी का बिल चुकाने, आयकर रिटर्न दाखिल करने आदि जैसी सेवाएं तेज और सुविधाजनक हो गई हैं और गांवों में ई-कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) लोगों की मदद कर रहे हैं। डिजिटल इंडिया के माध्यम से है, एक राष्ट्र एक राशन कार्ड जैसी पहल को साकार किया गया है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का डिजिटल इंडिया लाभार्थियों के जीवन को बदल रहा है, दूरस्थ चिकित्सा के लिए ई-संजीविनी योजना, विश्व के सबसे बड़े डिजिटल कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग ऐप के माध्यम से आरोग्य सेतु ने कोरोना संक्रमण को रोकने में काफी मदद की है। कई देशों ने टीकाकरण के लिए भारत के कोविन ऐप में भी दिलचस्पी दिखाई है।

कोरोना काल में मिला डिजिटल इंडिया से मदद 

डिजिटल इंडिया अभियान ने कोरोना काल के दौरान देश की भऱपूर मदद की है। लोगों ने डिजिटल लेन देन से हजारों करोड़ रुपये सीधे लोगों के बैंक खातों में भेजे। पीएम किसान सम्मान निधि से सरकारी मदद सीधे किसान परिवारों के बैंक खातों में पहुंच रही है। ई-नैम ऐप के माध्यम से किसानों को फसल की बेहतर कीमत मिली और परिवहन पर लागत बच रही है।

डिजिटल क्रांति पर पीएम मोदी का जोर 

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने डिजिटल इंडिया के लिए बुनियादी ढांचे तैयार करने के पैमाने और गति पर काफी जोर दिया जा रहा है। भारत नेट योजना के अंतर्गत गांवों में ब्रॉडबैंड इंटरनेट लाने के लिए मिशन मोड में काम चल रहा है। पीएम वाणी के माध्यम से एक्सेस प्वाइंट बनाए जा रहे हैं ताकि ग्रामीण युवा बेहतर सेवाओं और शिक्षा के लिए हाई-स्पीड इंटरनेट से जुड़ सकें। उन्होंने कहा कि देश भर के छात्रों को किफायती टैबलेट और डिजिटल डिवाइस की पेशकश की जा रही है। इस लक्ष्य को साकार करने के लिए इलेक्ट्रॉनिक कंपनियों को उत्पादन से जुड़ी सब्सिडी दी जा रही है।

मोदी सरकार का जोर डिजिटल क्रांति पर इसलिए है क्योंकि इससे भारत की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिल रही है । 5 जी तकनीक से इसे और बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।

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