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‘एक राष्ट्र, एक राशन कार्ड’ के तहत जारी होंगे नए राशन कार्ड, एक कार्ड से देश भर में मिल सकेगा राशन

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मोदी सरकार साल भर के भीतर ‘एक राष्ट्र एक राशन कार्ड’ को लॉन्च करने की तैयारी कर रही है। इस सुविधा से लाभार्थी देश के किसी कोने के सार्वजनिक वितरण प्रणाली की दुकान से अनाज प्राप्त कर सकता है। काम के अवसरों की तलाश में एक राज्‍य से दूसरे राज्‍य में जाने वाले श्रमिकों के लिए यह योजना बहुत लाभदायक सिद्ध होगी। राशन कार्ड को आधार नंबर से जोड़ देने से इस प्रणाली में चोरी और धांधली रोकने में भी जबरदस्त सफलता मिली है।

मोदी सरकार ने बदला राशन कार्ड का फॉर्मेट

मोदी सरकार द्वारा ‘एक राष्ट्र, एक राशन कार्ड’ के अभियान को आगे बढ़ाते हुए राशन कार्ड का एक स्टैंडर्ड फॉर्मेट तैयार किया गया है। इसी के साथ सरकार ने राज्यों से नया राशन कार्ड जारी करते हुए कहा है कि वे नए फॉर्मेंट को फॉलो करें।

गौरतलब है कि सरकार ‘एक राष्ट्र, एक राशन कार्ड’ योजना को 1 जून, 2020 से पूरे देश में लागू करना चाहती है। ‘एक देश, एक राशन कार्ड’ योजना के पूरे देश में लागू होने पर हर कार्डधारक राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून (NFSA) के तहत किसी भी राज्य में राशन की दुकान से अपना राशन ले पाएगा।

राशन कार्ड पोर्टेबिलिटी से होगी सुविधा

खाद्य मंत्रालय के मुताबिक सरकार का लक्ष्य राशन कार्ड की पोर्टेबिलिटी का है और यह तभी संभव है जब विभिन्न राज्य और केंद्र शासित प्रदेश सभी राशन कार्डों को एक ही मानक प्रारूप के तहत ही जारी करें। जिसे ध्यान में रखकर राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून के तहत एक मानक प्रारूप जारी किया जा रहा है।

देश के विभिन्न राज्यों में जारी किए गए राशन कॉर्डों को ध्यान में रखकर ही एक मानक रूप का राशन कार्ड तैयार किया गया है। इसके साथ ही राज्यों से कहा गया है कि वह आगे से जब भी नया राशन कार्ड जारी करें तो नए प्रारूप में ही जारी करें। साथ ही इस मानक राशन कार्ड में धारक का आवश्यक ब्योरा शामिल किया गया है, जिसमें राज्य चाहे तो अपनी जरूरत के मुताबिक और कुछ भी जोड़ सकते हैं।

नया राशन कार्ड होगा बहुत ही खास

उन्होंने बताया कि राज्यों से कहा गया है कि वो मानक राशन कार्ड दो भाषाओं में जारी करें. एक स्थानीय भाषा के साथ ही इसमें दूसरी भाषा हिन्दी अथवा अंग्रेजी का इस्तेमाल करें. इससे राष्ट्रीय स्तर पर राशन कार्ड पोर्टेबिलिटी को अमल में लाने में मदद मिलेगी. राज्यों से कहा गया है कि वह 10 अंकों वाला राशन कार्ड जारी करें जिसमें पहले दो अंक राज्य कोड होगा और अगले अंक राशन कार्ड संख्या के अनुरूप होंगे. इसमें अगले दो अंक राशन कार्ड में परिवार के प्रत्येक सदस्य की पहचान के तौर पर शामिल होंगे।

सरकार के मुताबिक राज्यों से मानक राशन कार्ड को दो भाषाओं में जारी करने के लिए कहा गया है, जिसमें एक स्थानीय भाषा और दूसरी हिंदी या अंग्रेजी भाषा का इस्तेमाल किया जाएगा जो राशन कार्ड की पोर्टेबिलिटी में मदद करेगा। साथ ही राज्यों को यह भी निर्देश दिए गए हैं कि 10 अंकों वाला राशन कार्ड जारी करें जिसमें शुरुआत के दो अंक राज्य का कोड होगा और बाकी के अंक कार्ड संख्या के मुताबिक होंगे। कार्ड में अगले दो अंक परिवार के हर सदस्य की पहचान के तौर पर शामिल होंगे।

मोदी सरकार की दूसरी योजनाओं की संख्या में भी लगाातार बढ़ोतरी हो रही है। आइए एक नजर डालते हैं।

प्रधानमंत्री आवास योजना

10 दिसंबर 2019 तक प्राप्त आंकड़ें के मुताबिक प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत गरीबों के लिए 1.80 करोड़ से अधिक आवासों का निर्माण पूर्ण हो चुका है और लोगों को उन्हें घरों की चाबियां सुपुर्द कर दी गई हैं। केंद्र की मोदी सरकार 2022 तक देश के हर गरीब को घर देने के लिए कटिबद्ध है और इस दिशा में तेजी से काम किया जा रहा है।

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत 5.29 से अधिक किसानों का पंजीकरण हो चुका है। नरेंद्र मोदी सरकार ने 13 जनवरी 2016 में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना शुरू की है।

प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना

प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत 69 लाख से अधिक लाभ उठा चुके हैं। विश्व की इस महत्वकांक्षी योजना के तहत देश के करीब 50 करोड़ लोगों को वार्षिक 5 लाख रुपए का निशुल्क स्वास्थ्य बीमा कवर दिया गया है। यह अमेरिका, कनाडा और मेक्सिको की कुल आबादी से ज्यादा है।

डिजिटल भारत

भारत नेट के तहत 1.31 लाख से अधिक ग्राम पंचायों को ऑप्टिकल फाइबर के माध्यम से जोड़ा जा चुका है। इसके अलावा 3.69 करोड़ लोगों ने डिजिलॉकर में रजिस्ट्रेशन करा चुके हैं। साथ ही 1.65 करोड़ से अधिक किसान और विक्रेता e-NAM पोर्टल से जुड़ चुके हैं।

सॉइल हेल्थ कार्ड

किसान को उसकी फसल की अच्छी पैदावार के लिए सबसे जरूरी मिट्टी होती है। अगर मिट्टी की गुणवत्ता अच्छी नहीं होगी तो फसल की क्वालिटी भी अच्छी नहीं होगी। इसी संबंध में मोदी सरकार ने फरवरी 2015 में किसानों से संबंधित Soil Health Card Yojana यानी कि मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना की शुरुआत की। सॉइल हेल्थ कार्ड के तहत अब तक 21.94 करोड़ साॉइल हेल्थ कार्ड वितरित किए जा चुके हैं।

 

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