पड़ोसी देशों के साथ संबंधों का नया युग शुरू करने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस बार संकटग्रस्त श्रीलंका के लिए राहत भेजी है। यहां द. पश्चिम मॉनसून ने बड़ी तबाही मचायी है जिसमें 50 हजार से ज्यादा लोग विस्थापित हुए हैं। अब तक 90 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि सवा सौ के करीब लोग लापता हैं।
India condoles the loss of lives and property in Sri Lanka due to flooding and landslides.
— Narendra Modi (@narendramodi) May 26, 2017
We stand with our Sri Lankan brothers and sisters in their hour of need.
— Narendra Modi (@narendramodi) May 26, 2017
भारत ने बंगाल की खाड़ी के दक्षिणी हिस्से में तैनात आईएनए किर्च को बिना देरी किए कोलंबो की ओर रवाना कर दिया, जो राहत सामग्री लेकर वहां पहुंच चुका है। इनमें कपड़े, दवा और पानी जैसी जरूरी चीजें हैं। आईएनएस जलााश्व को भी विशाखापत्तनम से रवाना किया जा रहा है। मेडिकल टीमें और हेलिकॉप्टर भी कोलंबो भेजे जा रहे हैं।
आपदा के तुरंत बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर मदद का भरोसा दिलाया था-
Our ships are being dispatched with relief material. The first ship will reach Colombo tomorrow morning.
— Narendra Modi (@narendramodi) May 26, 2017
The second will reach on Sunday. Further assistance on its way.
— Narendra Modi (@narendramodi) May 26, 2017
श्रीलंका ने तत्काल मदद के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार जताया है।
Thank You India ??!@narendramodi @PMOIndia
Indian Ship INS Kirch with #FloodSL Relief material reached Colombo.#LKA #SriLanka @IndiainSL pic.twitter.com/cR6EfiVYiT
— Sri Lanka Tweet ?? (@SriLankaTweet) May 27, 2017
मोदी सरकार ने नेपाल में महज 6 घंटे में पहुंचायी थी मदद
25 अप्रैल 2015 को नेपाल में भूकंप की त्रासदी को कौन भूल सकता है। तब भूकंप आने के मात्र छह घंटे के भीतर राष्ट्रीय आपदा कार्रवाई बल की राहत एवं बचाव टीम और राहत सामग्री के साथ भारतीय वायु सेना का विमान काठमांडू पहुंच गया था। ऑपरेशन मैत्री के तहत भारतीय वायुसेना के विमानों ने जो राहत और बचाव कार्य किया, वो बेमिसाल रहा। भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद पूरे ऑपरेशन की समीक्षा की। भारत ने ठीक उसी तरह ऑपरेशन चलाया जैसे वह अपने देश में करता रहा है।
नेपाल में 7.9 तीव्रता के विनाशकारी भूकंप में अब तक 7,500 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है और 14,000 से ज्यादा लोग जख्मी हुए। ‘ऑपरेशन मैत्री’ प्राकृतिक आपदा झेल रहे किसी अन्य देश में भारत का यह सबसे बड़ा राहत अभियान था। नेपाल की सीमा से लगे भारत के सभी राज्यों ने भी नेपाल की मदद में पूरी कटिबद्धता दिखाई है।
भारतीय वायु सेना के विमानों ने 32 उड़ानों में 520 टन राहत सामग्री नेपाल पहुंचाई। इनमें टेंट, कंबल, दवाएं, भोजन, पानी, भारी इंजीनियरिंग उपकरण, एंबुलेंस, पेयजल शुद्ध करने वाले यंत्र, ऑक्सीजन जेनरेटर, 18 चिकित्सीय सदस्यों वाला सेना का दो पूर्ण सुविधायुक्त फील्ड अस्पताल, सेना की 18 इंजीनियरिंग टीम और एनडीआरएफ की 16 टीमें शामिल हैं।
भारतीय चिकित्सा दलों ने 2,600 भूकंप पीड़ितों का उपचार किया। इनमें से 1,170 घायलों का उपचार बारपाक में किया गया। नई दिल्ली के भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) से नेपाल गये 31 सदस्यीय चिकित्सा दल और गुजरात से वहां पहुंचे एक
चिकित्सा दल ने काठमांडू के नेशनल ट्रॉमा सेंटर में भूकंप पीड़ितों का उपचार किया। इसके अलावा उत्तराखण्ड, हरियाणा और पंजाब से भी टीमें वहां पहुंचीं जो लंगर चला रही थीं और हजारों लोगों प्रतिदिन भोजन मुहैया करा रही थीं। बिहार और उत्तर प्रदेश से 4,500 टन राहत सामग्री नेपाल भेजे गये।