महाराष्ट्र की उद्धव सरकार और उसकी मशीनरी की लापरवाही का नतीजा है कि आज राज्य कोरोना संक्रमण का हॉटस्पॉट बना हुआ है। जहां कोरोना संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं, वहीं हादसे भी थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। ताजा हादसा ठाणे के मुंब्रा स्थित प्राइम क्रिटी केयर अस्पताल में बुधवार यानि 28 अप्रैल, 2021 को तड़के हुआ। अस्पताल में आग लगने के बाद मरीजों को शिफ्ट किए जाने की प्रक्रिया शुरू हुई और इसी दौरान 4 लोगों की मौत हो गई।
मुंब्रा के प्राइम क्रिटिकेयर अस्पताल में आग से 4 की मौत
आग लगने के बाद मरीजों को आनन-फानन में दूसरे अस्पताल में शिफ्ट किया गया। बचाव अभियान अभी भी चल रहा है। ठाणे महानगर पालिका ने अपने बयान में कहा, “आज लगभग 3:40 बजे ठाणे के मुंब्रा में प्राइम क्रिटिकेयर अस्पताल में आग लग गई। दो दमकल गाड़ी और एक बचाव वाहन घटनास्थल पर मौजूद है। आग बुझाने का काम चल रहा है। दूसरे अस्पताल में मरीजों की शिफ्टिंग के दौरान चार लोगों की मौत हो गई।”
Today at around 03:40 am fire broke out at Prime Criticare Hospital in Mumbra, Thane. Two fire engines & one rescue vehicle are at the spot. Fire extinguishing underway. Four dead during shifting of patients to another hospital: Thane Municipal Corporation#Maharashtra pic.twitter.com/QR4NNYZd8Y
— ANI (@ANI) April 28, 2021
ये अस्पताल मुम्ब्रा के कौसा इलाके में स्थित है। ये एक नॉन-कोविड अस्पताल है, जहां आग लगने की घटना के वक़्त कम से कम 20 मरीज भर्ती थे। फिलहाल आग लगने की वजह मीटर रूम में शॉर्ट सर्किट बतायी जा रही है। यहां से आग एक आवासीय इमारत में चल रही ‘ग्राउंड प्लस वन फैसिलिटी’ में भी फ़ैल गई। तत्काल 3 फायर इंजन और 5 एम्बुलेंस बुलाई गई। मुम्ब्रा-कलवा के विधायक जितेंद्र अव्हाड भी घटनास्थल पर पहुंचे। मुंब्रा की इस घटना से पहले पिछले चार महीने में महाराष्ट्र के अस्पतालों में चार हादसों में कम से कम 57 मौतें हो चुकी हैं।
विरार के एक अस्पताल में आग लगने से 13 की मौत
गौरतलब है कि कोरोना संकट के बीच महाराष्ट्र के अस्पतालों में आग लगने की घटनाएं बढ़ गई हैं। पिछले ही हफ्ते मुंबई के विरार के एक अस्पताल में आग लगने के कारण 13 कोरोना मरीजों को अपनी जान गंवानी पड़ी थी। इस मामले में अस्पताल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और मुख्य प्रशासनिक अधिकारी को लापरवाही और अग्नि सुरक्षा नियमों के उल्लंघन के आरोप में गिरफ्तार किया जा चुका है। उक्त अस्पताल ने न ऑडिट कराया था, न उसके पास अग्निशमन विभाग का NOC था। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस हादसे के मृतकों के परिजनों के लिए 2-2 लाख रुपए की मदद और घायलों के लिए 50-50 हजार की मदद की घोषणा की थी।
इस मामले में कांग्रेस नेता और राज्य के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे से पूछा गया तो, उन्होंने एक ऐसा असंवेदनशील बयान दिया जिसकी चारों ओर थू-थू हुई। पत्रकारों से बात करते हुए 13 कोविड मरीजों की दर्दनाक मौत को लेकर राजेश टोपे ने कहा कि यह नेशनल न्यूज नहीं है। बयान देते समय टोपे मास्क भी नहीं लगाए थे। ऐसे में स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे के बेतुका बयान पर लोगों ने सोशल मीडिया पर क्लास लगा दी।
#WATCH Virar fire incident, not national news…says Maharashtra Health Minister Rajesh Tope
13 people have lost their lives in a fire incident at Vijay Vallabh COVID care hospital in Maharashtra’s Virar pic.twitter.com/hNZEHIbnLp
— ANI (@ANI) April 23, 2021
अस्पताल के ऑक्सीजन टैंक लीक होने से 24 की मौत
विरार में आग से पहले नासिक महानगरपालिका द्वारा संचालित डा. जाकिर हुसैन अस्पताल के ऑक्सीजन टैंक लीक हो गई। इसे रोकने के लिए मरीजों को आक्सीजन की आपूर्ति कुछ समय के लिए रोक दी गई। इस वजह से 24 कोरोना मरीजों की मौत हो गई थी, जो वेंटिलेटर पर थे।
सनराइज कोविड अस्पताल में आग से 11 की मौत
पिछले महीने 26 मार्च को मुंबई के भांडुप उपनगर स्थित ड्रीम्स माल के सनराइज कोविड अस्पताल में आग लग गई थी। इस हादसे में 11 मरीजों को अपनी जान गवांनी पड़ी थी। मरने वाले सारे मरीज वेंटिलेटर पर थे, जिसकी वजह से बाहर नहीं निकल सके थे। अस्पताल में कोरोना पीड़ितों के अलावा दूसरी बिमारियों के मरीज भी भर्ती थे।