भाजपा ने 18वीं लोकसभा में प्रोटेम स्पीकर पद पर भर्तृहरि महताब की नियुक्ति कर साफ कर दिया है कि वह विपक्ष के दबाव में नहीं आएगी। लोकसभा का अध्यक्ष पद भाजपा अपने पास रखेगी। इस मुद्दे पर एनडीए में सहमति बन गई है। इस पद के लिए एनडीए के सभी सहयोगी दलों ने भाजपा को फ्री हैंड दे दिया है। भाजपा इस पद पर जिसको भी बिठाएगी, सहयोगी दल उसका समर्थन करेंगे। इस बार उपाध्यक्ष पद पर भी नियुक्ति किए जाने की संभावना है। यह पद भाजपा अपने सहयोगी तेलुगु देशम पार्टी को दे सकती है। जदयू के पास पहले से ही राज्यसभा में उपसभापति का पद है। दूसरी ओर पहले सत्र के पहले दिन पीएम मोदी ने कहा कि विकसित भारत के हमारे संकल्प को पूरा करना हम सबका दायित्व है। हम मिलकर के इसे निभाएंगे। साथ ही जनता-जनार्दन का विश्वास और मजबूत करेंगे। देश की जनता विपक्ष से भी अच्छे कदमों की अपेक्षा रखती है। अब तक जो निराशा मिली है, शायद इस 18वीं लोकसभा में विपक्ष लोकतंत्र की गरिमा को बनाए रखने की जन-अपेक्षा में खरा उतरेगा।
Sharing my remarks at the start of the first session of the 18th Lok Sabha. May it be a productive one.https://t.co/Ufz6XDa3hZ
— Narendra Modi (@narendramodi) June 24, 2024
मोदी सरकार विपक्ष के समक्ष कोई समझौतावादी रुख नहीं अपनाएगी
जनता-जनार्दन ने लगातार तीसरी बार स्पष्ट बहुमत देकर एनडीए सरकार बनाई है। भले ही भाजपा की कुछ सीटें कम हुई हो, लेकिन वह पिछली दो सरकारों की तरह वह इस बार भी और तेज तेवरों और सक्रियता के साथ काम करेगी। एनडीए सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि प्रोटेम स्पीकर पद पर भर्तृहरि महताब की नियुक्ति को नियमानुसार है। राजनीतिक विश्लेषकों का भी मानना है कि सत्ता पक्ष खासकर भाजपा ने 18वीं लोकसभा की शुरुआत में ही इससे साफ संकेत दे दिए हैं कि वह विपक्ष के सामने किसी तरह का समझौतावादी रुख नहीं अपनाएगा।एनडीए के सहयोगी दलों का पीएम नरेन्द्र मोदी और भाजपा पर अटूट भरोसा
एनडीए के सहयोगी दलों का पीएम नरेन्द्र मोदी और भाजपा पर अटूट भरोसा मंत्रियों को विभागों के बंटवारे के समय भी स्पष्ट रूप से दिखा। एनडीए सरकार का तीसरी बार भी चेहरा कमोबेश पिछली बार की तरह ही है। सबसे महत्वपूर्ण मंत्रालय न सिर्फ भाजपा के पास हैं, बल्कि उनके मंत्री भी पिछले कार्यकाल वाले ही हैं। मंत्रिमंडल के शानदार गठन के बाद लोकसभा अध्यक्ष पद पर एनडीए की एकजुटता ने इंडी गठबंधन के मंसूबों पर पानी फेर दिया है। विपक्षी मुंगेरी लाल के यह हसीन सपने देखने में जुटा था कि लोकसभा अध्यक्ष को लेकर एनडीए में कुछ गड़बड़ हो जाए। लेकिन जेडीयू और टीडीपी ने पूरे समर्पण भाव से पीएम मोदी के नेतृत्व में सरकार के साथ रहने के इरादे जता दिए हैं।मोदी सरकार की काम की स्पीड और स्केल और तेजी नजर आएगी
मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल में अठारहवीं लोकसभा का पहला सत्र
सोमवार से शुरू हो गया। इस सत्र में नए सांसदों के शपथ से लेकर, स्पीकर के चुनाव और विपक्ष के एक्शन पर नजर रहेगी। पीएम मोदी के पिछले दो कार्यकाल की तुलना में विपक्ष की कुछ सीटें बढ़ी हैं, ऐसे में सदन के भीतर का नजारा भी कुछ बदला-बदला होगा। लेकिन मोदी सरकार की काम की स्पीड और स्केल और तेजी नजर आएगी। संसद सत्र 24 जून से शुरू होकर 3 जुलाई तक चलेगा। दस दिन के इस सत्र में कुल 8 बैठकें होंगी। 29 और 30 जून को अवकाश रहेगा। इस बीच राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आज राष्ट्रपति भवन में भर्तृहरि महताब को प्रोटेम स्पीकर (लोकसभा के अस्थाई अध्यक्ष) के रूप में शपथ दिलाई। इसके बाद महताब संसद भवन पहुंचे और लोकसभा की कार्यवाही में शिरकत की। उन्होंने राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त अध्यक्षों की समिति को शपथ दिलाई, जो 26 जून को लोकसभा अध्यक्ष का चुनाव होने तक सदन की कार्यवाही चलाने में उनकी सहायता करेगी। अध्यक्षों की समिति के बाद प्रोटेम स्पीकर ने मंत्रिपरिषद के सदस्यों को लोकसभा सदस्य के तौर पर शपथ दिलाई।
राष्ट्रपति के अभिभाषण में नई सरकार का अगले पांच साल का रोडमैप होगा
लोकसभा अध्यक्ष पद के लिए चुनाव 26 जून को होगा। एनडीए के सहयोगी दलों में यह पद भाजपा को देने पर सर्व-सहमति बन चुकी है। लोकसभा अध्यक्ष बनने के बाद अगले दिन यानि 27 जून को राष्ट्रपति संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित करेंगी। जिसमें अगले पांच वर्षों के लिए नई सरकार का रोडमैप बताया जाएगा। राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा 28 जून को शुरू होगी। प्रधानमंत्री द्वारा दो या तीन जुलाई को इस चर्चा पर अपना जवाब देने की उम्मीद है। संसद का सत्र तीन जुलाई को संपन्न होगा। केंद्रीय बजट पेश करने के लिए, संसद के दोनों सदनों की बैठक जुलाई के तीसरे सप्ताह में फिर से बुलाए जाने की उम्मीद है।