Home समाचार नेशनल हैंडलूम डे, 2015 में पीएम मोदी ने रखी थी नींव

नेशनल हैंडलूम डे, 2015 में पीएम मोदी ने रखी थी नींव

SHARE

भारत के हैंडलूम इंडस्ट्री को बढ़ावा और बुनकरों को सम्मान देने के उद्देश्य से 7 अगस्त को नेशनल हैंडलूम डे मनाया जाता है, 2015 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा इसकी शुरूआत की गई। असल में यह दिन 1905 के स्वदेशी आंदोलन को भी याद करता है, जब स्वदेशी उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए ब्रिटिश उत्पादों का बहिष्कार किया गया था। इस दिन हथकरघा उद्योग के महत्व के साथ सामाजिक-आर्थिक विकास में इसके योगदान के प्रति लोगों को जागरूक करने की कोशिश की जाती है।

 

खादी और हैंडलूम उत्पाद से मां के प्रेम जैसा उत्साह

पीएम मोदी का मानना है कि खादी और हैंडलूम उत्पाद भी वही उत्साह प्रदान करते हैं, जैसा कि मां के प्रेम से प्राप्त होता है। जब साल 2014 में मोदी सरकार सत्ता में आई तो उन्होंने बुनकरों की समस्या खत्म करने के लिए इस पर काम शुरु किया और साल 2015 में राष्ट्रीय हथकरघा दिवस यानी नेशनल हैंडलूम डे मनाने का निर्णय किया गया।

पीएम मोदी ने 2015 में नेशनल हैंडलूम डे की शुरूआत करते हुए कहा था कि सभी परिवार घर में कम से कम एक खादी और एक हैंडलूम का उत्पाद जरूर रखें। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा था जिस तरह से आजादी की लड़ाई में स्वदेशी आंदोलन ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, ठीक उसी तरह से गरीबी से लड़ने के लिए हथकरधा एक कारगर अस्त्र साबित होगा।

आई वियर हैंडलूमअभियान की शुरुआत

मोदी सरकार द्वारा 7 अगस्त को राष्ट्रीय हथकरघा दिवस के रूप में मनाने के फैसले के बाद सरकार ने इस उद्योग को बढ़ावा देने के लिए सराहनीय प्रयास किए। केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय ने ‘उस्ताद योजना’ की शुरुआत करके बुनकरों के प्रशिक्षण की व्यवस्था कराई, जिससे उन्हें तकनीकी रूप से ज्यादा समृद्ध बनाया जा सके। इसके साथ ही 2015 में तत्कालीन कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी ने हथकरघा पर बने परिधानों को लोकप्रिय बनाने और बुनकरों की सहायता के लिए सोशल मीडिया पर ‘आई वियर हैंडलूम’ अभियान की शुरुआत की थी। इस अभियान का कई मशहूर हस्तियों ने समर्थन किया था।

हैंडलूम उद्योग से भारत का है पुराना नाता

भारत में हथकरघा उद्योग का इतिहास बहुत पुराना है और प्राचीन काल से यह उद्योग बुनकरों को आजीविका प्रदान करता आया है। इससे निर्मित उत्पादों का बड़े पैमाने पर विदेशों में भी निर्यात किया जाता है। राष्ट्रीय हथकरघा दिवस के जरिए देश के लोगों को इस उद्योग द्वारा तैयार होने वाले उत्पादों के प्रति जागरूक किया जाता है, ताकि लोग हथकरघा उद्योग द्वारा बने उत्पादों का ज्यादा से ज्यादा उपयोग करके बुनकरों की स्थिति को सुधारने में मदद करें।

ट्विटर पर चलाया गया था साड़ी ट्रेंड

कुछ समय पहले सोशल मीडिया की माइक्रो ब्लागिंग साइट ट्विटर पर ‘हैशटैग साड़ी ट्विटर’ ट्रेंड चलाया गया। तमाम नाम चीन महिलाओं ने इस ट्रेंड में हिस्सा लिया और अपनी तस्वीरें ‘हैशटैग साड़ी ट्विटर’ के साथ पोस्ट की। इस दौरान ट्विटर पर एक अनआफिशियल साड़ी डे घोषित हो गया।

Leave a Reply