Home विचार पीएम मोदी में मुस्लिम महिलाओं को दिखी उम्मीद की किरण

पीएम मोदी में मुस्लिम महिलाओं को दिखी उम्मीद की किरण

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फाइल फोटो

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में बीजेपी को मिली प्रचंड जीत में भारी संख्या में मुस्लिम वोट भी मिले हैं। ट्रिपल तलाक के मुद्दे पर मुस्लिम महिलाओं ने बीजेपी का जमकर समर्थन किया। तलाक पीड़ित महिलाओं ने ना सिर्फ बीजेपी को वोट किया बल्कि कई महिलाओं को समझाया कि प्रधानमंत्री मोदी ही उन्हें इससे बचा सकते हैं। मुस्लिम महिलाओं का कहना है कि शरीया कानून के कारण उनकी जिंदगी नर्क से भी बदतर हो गई है। सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार के स्टैंड से मुस्लिम महिलाओं को उम्मीद की एक किरण दिखी है। ट्रिपल तलाक के विरोध में आरएसएस से जुड़े मुस्लिम राष्ट्रीय मंच ने एक सिग्नेचर कंपैन चलाया। इस अभियान को दस लाख से ज्यादा लोगों का समर्थन मिला, जिसमें ज्यादातर मुस्लिम महिलाएं हैं।

बीजेपी का मानना है कि यूपी में बहुमत दिलाने में मुस्लिम वोटों की अहम भूमिका रही है। दरअसल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले तीन साल में महिला कल्याण और बाल-विकास के क्षेत्र में काफी काम किए हैं। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में महिला कल्याण और विकास के लिए कई परियोजनाएं शुरू की गई हैं। आइए नजर डालते हैं उन योजनाओं पर-

प्रधानमंत्री उज्जवला योजना
इस योजना के तहत गरीबी रेखा के नीचे के परिवार की महिलाओं को एलपीजी का मुफ्त कनेक्शन देने का प्रावधान है। जिन महिलाओं को एलपीजी कनेक्शन मिले हैं उनकी जिंदगी बदल गई है। योजना के तहत 5 करोड़ एलपीजी कनेक्शन दिए जाने हैं। ये एक समाज कल्याण योजना है, जिसे ग्रामीण महिलाओं के स्वास्थ्य को ध्यान में रखकर लागू किया गया है, अभी तक एक करोड़ 67 लाख कनेक्शन दिए जा चुके हैं।

मातृत्‍व लाभ कार्यक्रम प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान
यह योजना तीन से छह महीने की गर्भवती महिलाओं के लिए है। इस के तहत हर महीने की 9 तारीख को गर्भवती महिलाओं की मुफ्त स्वास्थ्य जांच की व्यवस्था की गई है। इस जांच में गर्भ में पल रहे शिशु की जांच भी शामिल है। इसे देश के सभी 650 जिलों में लागू कर दिया गया है जिसमें नकद राशि 4000 से बढ़ाकर 6000 रुपयों तक कर दी गई है।

सवा लाख गांवों को मिली खुले में शौच से मुक्ति
स्वच्छ भारत मिशन के तहत ग्रामीण इलाकों में 21 जनवरी 2016 तक तीन करोड़ 20 लाख घरों में शौचालय बनाए जा चुके थे। एक लाख 26 हजार गांवों को खुले में शौच से मुक्ति मिल चुकी है।

बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजना
मोदी सरकार ने यह योजना बेटियों की लगातार गिरती जनसंख्या के मद्देनजर लागू की है। इस योजना के बाद राष्ट्रीय स्तर पर प्रति 1000 लड़कों की तुलना में लड़कियों की संख्या 912 से बढ़कर 919 पर पहुंच गई है।

सुकन्या समृद्धि योजना
ये योजना बेटी, बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना का ही विस्तार है। ये योजना बालिकाओं के सुनहरे और सुरक्षित भविष्य के लिए बनाई गई है, जिसके तहत उन्हें पूरी शिक्षा और 18 साल की होने पर शादी के खर्च की व्यवस्था सुनिश्चित होती है। ये योजना बालिकाओं और उनके माता-पिता को वित्तीय सुरक्षा प्रदान करने के लिए लागू की गई है, जिसमें छोटे निवेश पर ज्यादा ब्याज दर का इंतजाम है। 2 दिसंबर 2014 को लांच होने के बाद से 31 अक्टूबर 2016 तक इस योजना के तहत 99,96,085 खाते खोले जा चुके थे और इसमें 9455.30 करोड़ रुपए जमा हो चुके थे।

1 करोड़ गरीबों को मिलेंगे पक्के मकान
प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना के तहत एक करोड़ गरीबों को पहली बार सिर पर छत नसीब होगा। ये सब प्रधानमंत्री मोदी की महत्त्वाकांक्षी योजना से संभव हो पा रहा है। योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में 2022 तक सभी को आवास देना है। सरकार इस मिशन में युद्धस्तर पर जुट गई है। इसके लिए देश भर में 60 हजार से ज्यादा सेंटर्स पर काम चल रहा है।

99 प्रतिशत गांवों में पहुंची बिजली दीन दयाल उपाध्‍याय ग्राम ज्‍योति योजना
दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के तहत देश के पांच लाख, 97 हजार, 464 गांवों में से पांच लाख, 91 हजार, 581 गांवों में बिजली पहुंचा दी गई है। सरकार ग्रामीण इलाके तक बिजली पहुंचाने के लिए 75 हजार 600 करोड़ रुपए खर्च कर रही है।

इंद्रधनुष
इस योजना का उद्देश्‍य बच्‍चों में रोग-प्रतिरक्षण की प्रक्रिया को तेज गति देना है। इसमें 2020 तक बच्‍चों को सात बीमारियों- डिप्थीरिया, काली खांसी, टिटनेस, पोलियो, टीबी, खसरा और हेपेटाइटिस बी से लड़ने के लिए वैक्‍सनेशन की व्‍यवस्‍था की गई है।

महिला हेल्पलाइन
यह योजना हिंसा की शिकार महिलाओं के लिए 24 घंटे तत्काल और आपातकालीन सहायता प्रदान करने के लिए है। ये योजना विशेष रूप से परिवार, समुदाय, कार्यस्थल आदि निजी और सार्वजनिक दोनों स्थानों पर हिंसा की शिकार सभी महिलाओं के लिए है।

मोबाइल फोन में पैनिक बटन और जीपीएस
उत्तर प्रदेश में महिलाओं के लिए सुरक्षा और कानून व्यवस्था सबसे अहम है। केंद्र सरकार की ओर से सभी फीचर और स्मार्ट मोबाइल फोन में पैनिक बटन की सुविधा सुनिश्चित की गई है। मोबाइल फोन में 5 और 9 नंबर का बटन इसके लिए निर्धारित होगा, स्मार्ट फोन में ऑन-ऑफ बटन को तीन बार हल्के से प्रेस करना होगा। 1 जनवरी 2018 से सभी मोबाइल फोन में जीपीएस की सुविधा देना अनिवार्य होगा। पैनिक बटन सीधे 112 नंबर से जुड़कर सहायता उपलब्ध कराएगा।

केंद्र सरकार की सक्रियता के कारण महिलाओं के लिए शुरू की गई योजनाएं चमात्कारिक असर दिखा रही हैं। इसका लाभ समाज के सभी वर्गों को बिना किसी भेदभाव के मिल रहा है।

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