प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का प्रकृति से अगाध प्रेम और लगाव है। प्रकृति के प्रति गहन श्रद्धा उनके आचरण में भी दिखाई देती है। बीते छह वर्षों में प्रकृति के संरक्षण के क्षेत्र में उन्होंने जो काम किया है, उतना आजादी के बाद किसी प्रधानमंत्री ने नहीं किया है। प्रधानमंत्री मोदी के प्रयासों का ही नतीजा है कि आज वन और वृक्ष आच्छादन क्षेत्र में बढ़ोतरी हुई है, जिससे पर्यावरण की सुरक्षा और विकास में मदद मिली है।
आइए एक नजर डालते हैं मोदी सरकार की ऐसी पहल पर जो प्रकृति के संरक्षण की दिशा में क्रांतिकारी साबित हुई हैं।
मोदी सरकार में पहली बार
- पीएम नरेन्द्र मोदी संयुक्त राष्ट्र के ‘चैंपियंस ऑफ अर्थ’ का सम्मान पाने वाले देश के पहले प्रधानमंत्री बने।
- 20 जुलाई, 2020 को दिल्ली में देश के पहले सार्वजनिक इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग प्लाजा का उद्घाटन किया गया।
- 5 जून, 2020 को देश भर में 200 शहरी वन विकसित करने के लिए शहरी वन योजना की शुरूआत की गई।
- पीएम मोदी ने 26 जुलाई, 2019 कोसंसद भवन परिसर में हरित संसद, हरित भारत अभियान की शुरुआत की।
- देश में वन स्थिति की रिपोर्ट तैयार करने के लिए पहली बार आर्थो रेक्टिीफाइट डेटा का इस्तेमाल किया गया।
- मोदी सरकार ने जल शक्ति मंत्रालय का गठन किया और जल संरक्षण के लिए जल शक्ति अभियान की शुरुआत की।
- पीएम मोदी ने 15 अगस्त, 2019 को लाल किले से देश को सिंगल यूज प्लास्टिक से मुक्त बनाने की अपील की।
- मार्च 2019 में भारत ने चौथे यूएनईए में एकल-उपयोग प्लास्टिक और सतत नाइट्रोजन प्रबंधन पर प्रस्ताव की अगुवाई की।
- भारत मार्च 2019 में विस्तृत ‘कूलिंग एक्शन प्लान’ शुरू करने वाले देशों में शामिल हो गया।
- पीएम मोदी की पहल से 30 नवम्बर, 2015 को ‘अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन’ बना।
- जून 2014 में गंगा जल के संरक्षण के लिए 20 हजार करोड़ रुपये के फंड के साथ ‘नमामि गंगे’ मिशन की शुरुआत की गई।
- भारत में आयोजित संयुक्त राष्ट्र वन्यजीव सम्मेलन में ‘एनीमल कल्चर’ को संरक्षण से जोड़ा गया।
- यूएन शांति मिशन के तहत लेबनान में भारतीय सेना को पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रथम पुरस्कार मिला।
वन और विकास
- ISFR 2019 के अनुसार, देश का कुल वन और वृक्ष आच्छादन क्षेत्र बढ़कर 73 मिलियन हेक्टेयर (24.56%) हो गया है।
- वन आच्छादित क्षेत्र का दायरा 3976 वर्ग किलोमीटर और वृक्ष आच्छादित क्षेत्र का दायरा 1212 वर्ग किलोमीटर बढ़ा है।
- देश की वन संपदा में 2017 की तुलना में 2019 में 93.38 मिलियन वर्गमीटर की वृद्धि हुई।
- ISFR 2019 के अनुसार कच्छ वनस्पति का क्षेत्र 2017 के मुकाबले 54 वर्ग किमी बढ़कर 4975 वर्ग किमी हो गया।
- बांस का मौजूदा क्षेत्र 2017 की तुलना में 2019 में 0.32 मिलियन हेक्टेयर बढ़कर 16.00 मिलियन हेक्टेयर हो गया।
- वन क्षेत्र में कार्बन का स्टॉक 7124.6 मिलियन टन अनुमानित है, जो 2017 की तुलना में 42.6 मिलियन टन अधिक है।
- कार्बन स्टॉक में सालान स्तर पर 21.3 मिलियन टन की वृद्धि हुई है।
- 5 जून, 2020 को शहरी वन योजना की घोषणा की गई। अगले पांच वर्षों में देश भर में 200 शहरी वन विकसित किए जाएंगे।
- वन और परिस्थितिकी तंत्र के संरक्षण के लिए उत्तराखंड सरकार द्वारा तैयार जोनल मास्टर प्लान को मंजूरी दी गई।
- वनाग्नि की निगरानी के लिए वनाग्नि एलर्ट सिस्टम का एक अत्याधुनिक वर्जन 3.0 का 2019 में इस्तेमाल शुरू हुआ।
राष्ट्रीय वनीकरण कार्यक्रम की वर्ष-वार प्रगति
(दिनांक 31-10-2019 की स्थिति के अनुसार)
वर्ष | अनुमोदित परियोजना क्षेत्र (हेक्टेयर) |
2015-16 | 35986 |
2016-17 | 2359 |
2017-18 | 39847 |
2018-19 | 15086 |
2019-20 | 17789 |
2020-21 | 17789 |
स्वच्छ वायु
- वायु गुणवत्ता में सुधारने के लिए 10 जनवरी, 2019 को राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम(NCAP) शुरू किया गया।
- NCAP का उद्देश्य PM 5 एवं PM 10 की सांद्रता में वर्ष 2024 तक 20 से 30 प्रतिशत तक की कटौती करना है।
- वायु प्रदूषण में 70 प्रतिशत कमी लाने के लिए हाइड्रोजन कम्प्रेस्ड नेचुरल गैस को देशभर में इस्तेमाल करने का फैसला किया गया है।
- मोदी सरकार ने वाहनों के लिए बीएस-4 से सीधे बीएस-6 मानक लागू किया।
- दिल्ली एनसीआर के लिए एक समग्र वायु प्रदूषण उपशमन योजना बनाई गई है।
- इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए FAME चरण-II के तहत 10,000 करोड़ रुपये सब्सिडी के रूप में दी जाएगी।
- इसका लक्ष्य साल 2030 तक देश में सभी वाहनों को 100 प्रतिशत इलेक्ट्रिक बनाना है।
- इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने हेतु लिए गए ऋण की ब्याज अदायगी में 1.5 लाख रुपये की अतिरिक्त आयकर छूट दी गई है।
- इलेक्ट्रिक वाहनों और इसके चार्जर्स पर जीएसटी दर क्रमश: 12% से घटाकर 5% और 18% से घटाकर 5% की गई।
- इलेक्ट्रिक वाहनों के इस्तेमाल को बढ़ावा देने के लिए सार्वजनिक इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग प्लाजा स्थापित किया जा रहा है।
- मेट्रो जैसे सिटी ट्रांसपोर्ट नेटवर्क को भी सौर ऊर्जा से जोड़ा जा रहा है।
जल संरक्षण
- जल समस्या दूर करने के लिए जल शक्ति मंत्रालय का गठन
- जुलाई 2019 में जल संरक्षण के लिए जल शक्ति अभियान शुरू
- 5 लाख से अधिक जल संरक्षण इंफ्रास्ट्रक्चर बनाए गए
- अभियान के तहत 40,000 पारंपरिक जल स्रोतों का कायाकल्प
- अभियान के तहत 12.3 करोड़ पौधे भी लगाए गए
- 25 दिसंबर, 2019 को अटल भूजल योजना का शुभारंभ
- मनरेगा में सूचीबद्ध कार्यों में 46 जल संरक्षण से संबंधित
- मनरेगा के तहत जल संरक्षण के साथ वृक्षारोपण
- वर्षा जल के संग्रहण के लिए ‘‘कैच द रेन’’ अभियान शुरू
- पीएम मोदी ने जल संरक्षण को जन आंदोलन बनाया
- पीएम मोदी ने सरपंचों और ग्राम प्रधानों को लिखा पत्र
- 22 जून, 2019 को देश भर में ग्राम सभाओं की हुईं बैठक
- ग्राम पंचायतों में पानी समिति का गठन किया गया
- ‘पर ड्रॉप, मोर क्रॉप’ के उद्देश्य से सिंचाई पर विशेष ध्यान
- मिट्टी की स्वास्थ्य जांच के आधार पर जल का इस्तेमाल
- स्वच्छ भारत मिशन से भूजल के प्रदूषण में कमी आई है
निर्मल गंगा
- मोदी सरकार ने गंगा के कायाकल्प और सफाई के लिए एक विशेष विभाग का गठन किया।
- पीम मोदी ने 14 दिसंबर, 2019 को कानपुर में राष्ट्रीय गंगा परिषद की पहली बैठक की अध्यक्षता की।
- पीएम मोदी ने ‘नमामि गंगे’ को ‘अर्थ गंगा’ में परिवर्तित करने के लिए एक समग्र सोच विकसित करने की अपील की।
- मोदी सरकार ने गंगा को साफ करने के लिए क्लीन गंगा फंड बनाया है।
- पीएम मोदी ने उपहारों की नीलामी और सियोल शांति पुरस्कार से प्राप्त धनराशि से 16.53 करोड़ रुपये इस फंड में दिए।
- पीएम मोदी ने गंगा को स्वच्छ बनाने और तटों के किनारे वन लगाने के लिए जागरुकता कार्यक्रम चलाने पर जोर दिया है।
- गंगा से जुड़ी सहायक नदियों को भी स्वच्छ बनाने पर जोर दिया जा रहा है।
- स्वच्छ गंगा अभियान को बढ़ावा देने के लिए लगभग 28,600 करोड़ रुपये की 305 परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है।
- सीवेज शोधन संयंत्रों और अन्य बुनियादी ढांचागत परियोजनाओं की ऑनलाइन निगरानी की जा रही है।
- विश्व बैंक ने 7 जुलाई, 2020 को ‘नमामि गंगे’ कार्यक्रम को 40 करोड़ डॉलर की ऋण सहायता देने की घोषणा की।
शुद्ध पर्यावारण
- जी-7 में पीएम मोदी ने पर्यावरण और जलवायु के मुद्दों पर संबोधित किया और सिंगल यूज प्लास्टिक का मुद्दा उठाया।
- भारत पेरिस समझौते में किए गये वायदे के अनुरूप कार्बन उत्सर्जन में 35 प्रतिशत तक की कमी करने की राह पर है।
- भारत ने 6 डॉलर प्रति टन की दर से कोयला उत्पादन पर कार्बन टैक्स लगाया है।
- भारत में 100 स्मार्ट सिटी का काम तेज गति से चल रहा है। शिवर से लेकर निगरानी तक स्मार्ट व्यवस्थाएं की जा रही है।
- 2014 से पहले जहां स्वच्छता का दायरा 38.7 प्रतिशत था, आज स्वच्छ भारत मिशन की वजह से वो बढ़कर 100 प्रतिशत हो गया है।
- मोदी सरकार के पिछले छह साल के दौरान देश पूरी तरह से खुले में शौच से मुक्त (ओडीएफ) हो चुका है।
- पीएम मोदी ने मथुरा से देश और दुनिया को ‘प्लास्टिक मुक्त भारत’ बनाने का संदेश दिया।
- कूड़ा बीनने वाली 25 महिलाओं के साथ बैठकर खुद पीएम मोदी ने कचरे से प्लास्टिक निकालीं।
- बिल और मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन की ओर से पीएम मोदी को ‘ग्लोबल गोलकीपर अवार्ड’ से सम्मानित किया गया।
- देश के नेशनल हाईवे और एक्सप्रेसवे को इको फ्रेंडली बनाया जा रहा है, उनके साथ-साथ ग्रीन कॉरिडोर विकसित किया जा रहा है।
- ‘कूलिंग एक्शन प्लान’ के तहत परिशीतन की मांग में कटौती से प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष उत्सर्जन में कमी आएगी।
भूमि संरक्षण
- 14वें कॉप में भारत ने 2030 तक 26 मिलियन एकड़ बंजर भूमि को फिर से उपजाऊ बनाने के लक्ष्य की घोषणा की।
- कार्बन की मात्रा कम करने, जमीन की उत्पादकता और जैव प्रणाली को बहाल करने पर ध्यान दिया जाएगा।
- भूमि के स्वास्थ्य सुधार के लिए मई 2015 में यूरिया उत्पादन को नीम लेपित करना अनिवार्य कर दिया गया।
- मिट्टी की गुणवत्ता की देखभाल के लिए 4 करोड़ स्वायल हेल्थ कार्ड जारी किए गए हैं।
- जैव उर्वरकों का उपयोग बढ़ाने, कीटनाशकों और रसायनिक उर्वरकों का उपयोग कम करने पर जोर दिया गया है।
- उपग्रह और अंतरिक्ष विज्ञान से जुड़ी किफायती प्रौद्योगिकी के जरिए भूमि क्षरण के समाधान का प्रयास किया जा रहा है।
- पीएम मोदी ने भूमि क्षरण रोकने के लिए सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग खत्म करने की अपील की।
- स्वच्छ भारत मिशन से खुले में शौच मुक्त गांवों में मृदा प्रदूषण में कई आई है।
- 2019 में देश भर में 100 आर्द्र भूमि की पुनर्बहाली और जीर्णोद्वार के लिए 100 दिनों की कार्य योजना शुरू की गई।
स्वच्छ ऊर्जा
- पीएम मोदी ने सितंबर 2019 में विश्व के अन्य नेताओं के साथ संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में गांधी सोलर पार्क का उद्घाटन किया।
- सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए पीएम मोदी की पहल पर 2015 में पेरिस में इंटरनेशनल सोलर अलायंस का गठन किया गया।
- इंटरनेशनल सोलर अलायंस का अंतरिम सचिवालय राष्ट्रीय सौर उर्जा संस्थान, ग्वालपहाड़ी, गुरुग्राम में बनाया गया है।
- पीएम मोदी ने अक्षय ऊर्जा के उत्पादन लक्ष्य को 2022 तक 175 गीगावॉट और इसके बाद 450 गीगावॉट करने की घोषणा की।
- पिछले 5 साल में देश की अक्षय ऊर्जा स्थापित क्षमता में 226% की वृद्धि हुई है। यह 87 गीगावॉट से अधिक हो चुकी है।
- बिजली उत्पादन की क्षमता में गैर-जीवाश्म स्रोतों की हिस्सेदारी मार्च 2015 में 30.5% से बढ़कर मई 2020 में 37.7% हो गई।
- मोदी सरकार ने वर्ष 2022 तक सौर और पवन बिजली क्षमता में 160 गीगावॉट जोड़ने का लक्ष्य तक किया है।
- पेड़ों की कटाई में कमी लाने और स्वस्थ वातावरण के लिए उज्ज्वला योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में 8 करोड़ एलपीजी कनेक्शन दिए गए हैं।
- उजाला योजना के तहत 36 करोड़ से अधिक एलईडी बल्ब वितरित किए गए हैं।
- 10 मिलियन एलईडी स्ट्रीट लाईटें लगाई गई हैं।
- एलईडी बल्ब से करीब 600 अरब यूनिट बिजली की खपत कम हुई है।
- एलईडी बल्ब से प्रति वर्ष कार्बन उत्सर्जन में 38 मिलियन टन की कमी आई है।
- बायोमास को बायोफ्यूल में बदलने के लिए देशभर में 12 आधुनिक रिफाइनरी बनाने की योजना है।
- 2030 तक देश की सभी ट्रेनें सोलर पावर से चलेंगी। जबलपुर में सोलर पावर से चलने वाले पहले रेल इंजन का ट्रायल हुआ।
सौर ऊर्जा उत्पादन में अप्रत्याशित वृद्धि
स्थापित सौर ऊर्जा की क्षमता
वर्ष | मेगावाट |
मार्च 2014 | 2,621 |
मार्च 2017 | 12,277 |
मार्च 2020 | 32,000 |
जीवों को नव-जीवन
- भारत में संरक्षित क्षेत्रों की संख्या 2014 में 692 थी, जो 2019 में बढ़कर 870 हो गई।
- देश में कम्यूनिटी रिजर्व की संख्या 2014 में 43 थी, जो 2019 में बढ़कर 127 हो गई।
- एशियाटिक शेरों को बचान के लिए 8 जनवरी, 2019 को एशियाटिक शेर संरक्षण परियोजना शुरू की गई।
- 21 गंभीर रूप से विलुप्तप्राय प्रजातियों, जैसे रेड पांडा,ग्रेट इंडियन बस्टर्ड, एशियाई शेरों के संरक्षण किया जा रहा है।
- गैंगेटिक डॉल्फिन के संरक्षण के लिए एक विशेष कार्यक्रम को मंजूरी दी गई है।
- वन्यजीव अपराधों को रोकने के लिए ऑनलाइन वाइल्ड लाइफ क्राइम डाटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम विकसित किया गया है।
- भारत ने 2022 की तय तारीख से दो साल पहले ही बाघों की संख्या को दोगुना करने का लक्ष्य हासिल कर लिया।
- देश में 2019 में बाघों की संख्या 1411 से बढ़कर 2967 हो गई।
- अक्टूबर 2019 में हिम तेंदुओं के संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए प्रथम राष्ट्रीय प्रोटोकॉल का शुभारंभ किया गया।
समुद्री जैव संरक्षण
- पीएम मोदी ने समुद्री कछुआ नीति और समुद्री प्रबंधन नीति लागू करने की घोषणा की।
- समुद्री पारिस्थितिकी में प्लास्टिक प्रदूषण की समस्या से निपटने और जैव विविधता संरक्षण का प्रयास किया जा रहा है।
- 11-17 नवम्बर, 2019 तक स्वच्छ निर्मल तट अभियान के तहत 50 तटों पर स्वच्छता और जागरूकता अभियान चलाया गया।
- 12 अक्टूबर, 2019 को तमिलनाडु के महाबलीपुरम में पीएम मोदी ने समुद्र तट पर कचरा उठाकर समुद्री स्वच्छता का संदेश दिया।