Home विचार सोनिया गांधी से जलील मस्तान तक- कौन सिखाएगा इन्हें तमीज

सोनिया गांधी से जलील मस्तान तक- कौन सिखाएगा इन्हें तमीज

SHARE

लगता है कांग्रेसी नेता लोकतंत्र की मर्यादा को तार-तार करने में जुट गए हैं। जिस तरीके से भाषा की मर्यादा को तोड़ने में लगे हैं, उससे लगता है कि उन्हें लोकतंत्र पर भी भरोसा नहीं है। आज भी कई नेता प्रधानमंत्री मोदी की जीत को बर्दाश्त नहीं कर पा रहे हैं। गुजरात में जहर उगलने की जिस परंपरा की शुरुआत सोनिया गांधी ने की थी, उसी परंपरा में चलते हुए बिहार के कांग्रेसी मंत्री जलील मस्तान ने सारी मर्यादा तोड़ दी है। आज हम जलील मस्तान और ऐसे बाकी नेताओं के कारनामे आपको बताते हैं

 

कांग्रेसी मंत्री जलील मस्तान ने प्रधानमंत्री को नक्सली, उग्रवादी और डकैत कहा
बिहार सरकार में कांग्रेस पार्टी के मंत्री जलील मस्तान ने अभद्रता की सारी हदें ही पार कर दी। उन्होंने एक कार्यक्रम के दौरान अपनी पार्टी के कार्यकर्ता से नरेंद्र मोदी की तस्वीर पर जूते मरवाए और जब इस कांग्रेसी मंत्री का मन नहीं भरा तो उन्होंने प्रधानमंत्री को नक्सली, उग्रवादी और डकैत तक कह डाला। आखिर जलील की जुबां पर ताला लगता भी कैसे जब खुद पार्टी की मुखिया सोनिया गांधी प्रधानमंत्री को मौत का सौदागर कह चुकी है।


सपा नेता राजेंद्र चौधरी ने पीएम को आतंकवादी कहा

उत्तरप्रदेश की फिजाओं में चुनाव का रंग बिखरा पड़ा है। नेता के आरोप-प्रत्यारोप के दौर चल रहे है। उत्तरप्रदेश में विकास कार्य को लेकर घिरी अखिलेश सरकार बुरी तरह से छटपटा रही है। गुंडागर्दी के चरम पर पहुंच चुके उत्तरप्रदेश की सपा सरकार को शायद ये हजम नहीं हो पा रहा है। इसीलिए सपा के नेता पीएम पर देशविरोधी टिप्पणियां करने से भी बाज नहीं आ रहे है। ताजा घटनाक्रम में सपा नेता राजेंद्र चौधरी ने एक प्रेस कॉन्फेंस के दौरान प्रधानमंत्री को आतंकवादी तक कह डाला। ये उसी पार्टी के नेता है जिसके मुखिया मुलायम सिंह रेप पर कहते है कि लड़कों से गलती हो जाती है। 

जब सोनिया ने मोदी को कहा था-‘मौत का सौदागर’
कौन भूल सकता है सोनिया गांधी का वो बयान, जिसने वास्तव में गुजरात की जनता को झकझोर कर रख दिया था। तब सोनिया ने गुजरात के तत्कालीन और बेहद लोकप्रिय मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को ‘मौत का सौदागर’ बताया था। 31 मई, 2007 को नवसारी में चुनावी रैली को संबोधित करते हुए सोनिया ने कहा था- “गुजरात की सरकार चलाने वाले झूठे, बेईमान, मौत के सौदागर हैं।“ बहस छिड़ गयी थी कि मौत का सौदागर कौन?- वो, जिसने भूकंप से त्राहि-त्राहि कर रहे गुजरात को इस भीषण आपदा के बाद फिर से खड़ा कर दिया। दोबारा नेस्तनाबूत हो चुके शहरों को बसाने में जी-जान कर एक दी। या वो जो संसद पर हमला करने वालों को फांसी की सजा से बचाती रही, इशरत जैसी आतंकी को शहीद बनाने की कोशिश में जुटी रही।

जनता ने अपने वोट से सोनिया गांधी और कांग्रेस को करार सबक सिखाया और उल्टा इन्हें ही ‘मौत का सौदागर’ करार दिया और नरेन्द्र मोदी 182 सीटों वाली गुजरात विधानसभा में 117 सीटें जीतकर विजेता बनकर लौटे। कांग्रेस 59 सीटों पर सिमट गयी।

कांग्रेसी नेता ने खुलेआम मोदी को दी बोटी-बोटी काटने की धमकी
तब नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री पद के लिए एनडीए के उम्मीदवार थे, जब उन्हें बोटी-बोटी काट देने की धमकी खुलेआम दी गयी। लोकसभा चुनाव के दौरान सहारनपुर में कांग्रेस के उम्मीदवार इमरान मसूद ने 28 मार्च, 2014 को ये बयान देकर यूपी ही नहीं पूरे देश में नफरत की सियासत को हवा देने की कोशिश की। प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेन्द्र मोदी ने तो इस बयान का कोई जवाब नहीं दिया, लेकिन जनता ने इसका जवाब दिया। नरेन्द्र मोदी को न सिर्फ भारी बहुमत से देश का प्रधानमंत्री बनाया, बल्कि इमरान मसूद की रखवाली कर रही कांग्रेस को धूल चटा दी। खुद इमरान की हार तो जिक्र करने वाली बात भी नहीं। कांग्रेस फिर भी जनता के फैसले से सबक लेने को तैयार नहीं दिखती। उसने एक बार फिर उसी इमरान मसूद को यूपी विधानसभा चुनाव के लिए बड़ी जिम्मेदारी सौंप दी है।

सोनिया का ‘ज़हर की खेती’ वाला बयान
ऐसा नहीं है कि इमरान मसूद को नरेन्द्र मोदी की बोटी-बोटी काट देने का बयान देने का सपना आ गया हो। इसी लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस का आलाकमान मोदी के खिलाफ जो विषवमन कर रहा था, उसी को आगे बढ़ा रहा था इमरान मसूद। याद कीजिए सोनिया गांधी का वो बयान, जो 1 फरवरी, 2014 को उन्होंने कर्नाटक के गुलबर्ग में नरेन्द्र मोदी के खिलाफ दिया था। सोनिया ने कहा था, “मेरा पूरा भरोसा है कि आप ऐसे लोगों को मंजूर नहीं करेंगे जो जहर का बीज बोते हैं।“ ‘मौत का सौदागर’ के बाद ‘ज़हर की खेती’ के इस बयान ने इस बार गुजरात ही नहीं देश की जनता की भावना को जगा दिया। नतीजा लोकसभा चुनाव में सामने आया- बीजेपी 278, कांग्रेस-45.

केजरीवाल भूले शब्दों की मर्यादा, प्रधानमंत्री मोदी को कहा- कायर और साइकोपाथ
अनर्गल बयान देकर पलट जाने वाले केजरीवाल को ‘हिट एंड रन’ नेता के रूप में देश जानती है। हर बात के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को निशाने पर लेने और सुर्खियां बटोरने के लिए वो कुख्यात हो चुके हैं। पर, देश तब स्तब्ध रह गया जब 15 फरवरी, 2015 को उन्होंने ट्वीट कर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को ‘कायर और साइकोपाथ’ बता डाला। इस बयान के बाद लोकतंत्र को कलंकित करने वाले इस बयान में लोगों ने मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठे केजरीवाल का एक शर्मनाक चेहरा देखा। राजनीति में व्यक्तिगत स्तर पर ये हमला ‘बिलो द बेल्ट’ माना गया। देश में केजरीवाल की खूब थू-थू हुई। हालांकि खुद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कभी ऐसे बयानों का जवाब नहीं दिया।

राहुल का ‘खून की दलाली’ वाला बयान
बात 6 अक्टूबर, 2016 की है जब देश सर्जिकल स्ट्राइक पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की जय-जयकार कर रहा था। विरोधी भी चुप रहने को मजबूर थे। हां, केजरीवाल जरूर सर्जिकल स्ट्राइक के सबूत मांग रहे थे। तभी यूपी चुनाव की तैयारी कर रहे राहुल गांधी किसान यात्रा से लौटने के बाद आत्मघाती हमला कर बैठे। उस सर्जिकल स्ट्राइक पर, जिसमें पहली बार पाकिस्तान में घुसकर हिन्दुस्तान ने आतंकी ठिकानों को नष्ट किया था, जिसकी दुनिया में सबने सराहना की, पाकिस्तान उफ तक नहीं कर पाया; राहुल ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर ‘खून की दलाली’ करने का आरोप लगा डाला।

राहुल ने कहा- ‘हमारे जवानों ने जम्मू-कश्मीर में अपना खून दिया, जिन्होंने सर्जिकल स्ट्राइक किया, आप उनके खून के पीछे छिपे हुए हो। आप उनकी दलाली कर रहे हो।‘
जाहिर है देश गुस्से में आ गया। हर मोर्चे पर राहुल के बयान की आलोचना होने लगी, पप्पू-पप्पू का शोर मच गया। तभी तो लोगों ने इसे फिदायीन हमला करार दिया, जिसमें निशाने पर रहे मोदी को तो कुछ नहीं हुआ, उल्टे राहुल राजनीतिक रूप से बुरी तरह घायल हो गये।

जब लालू ने मोदी को हत्यारा कहा
लालू प्रसाद उन चंद नेताओं में हैं जिनकी राजनीति भ्रष्टाचार औऱ जातिवाद से आगे बढ़ने के बाद मोदी विरोध पर टिक गई है। इसलिए कोई मौका वो अपने हाथ से जाने नहीं देते। अब देखिए मौका था, गांधी जयंती यानी 2 अक्टूबर, 2015 का और लालू ने श्रद्धांजलि के इस मौके को भी राजनीतिक हमले का अवसर बना डाला। लालू ने लगातार ट्वीट किए और कहा कि मोदी हत्यारे हैं। आप भी उस ट्वीट की बानगी देखिए जिसमें किस तरह कुतर्क से नरेन्द्र मोदी को गोडसे का हत्यारा उन्होंने बताया।
Q- बापू के हत्यारे गोडसे को कौन पूजता है?
A- RSS
Q- आरएसएस को कौन पूजता है?
A- BJP
Q-बीजेपी को कौन चला रहा है?
A- मोदी
तो हत्यारा कौन हुआ?

हिटलर, मुसोलिनी, गद्दाफी से तुलना
नोटबंदी को लेकर जहां पूरा देश नरेन्द्र मोदी के साथ खड़ा है। कालाधन और भ्रष्टाचार पर ऐसी चोट कभी नहीं पड़ी थी। पर, विपक्ष को काले कारोबारियों के साथ खड़ा होने में जरा भी शर्म नहीं आई। विपक्ष ने दुनिया के कुख्यात रहे तानाशाह हिटलर, मुसोलिनी, कर्नल गद्दाफी से प्रधानमंत्री की तुलना कर डाली। राज्यसभा में प्रमोद तिवारी ने ये शर्मनाक बयान दिया जिस पर खूब हंगामा मचा। लेकिन, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को देश की जनता की फिक्र थी, चंद विरोधियों की नहीं। हर सर्वे में लोगों ने पीएम के एक्शन को सही ठहराया और ‘थोड़ी परेशानी बड़ा मकसद’ से जुड़े रहे।

नोटबंदी से ‘घायल’ अमर सिंह ने भी दी पीएम मोदी को गाली
नोटबंदी से भ्रष्टाचार में डूबे नेताओं में मानो आतंक मच गया। इंटरनेट पर एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें अमर सिंह के साथ मौजूद शख्स नोटबंदी के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को गाली देते दिखे। हद तो तब हो गयी जब ये आरोप सामने आया कि एसपी महासचिव अमर सिंह खुद व्हाट्सएप्प पर इस वीडियो को आगे बढ़ा रहे थे। दिल्ली में एक होटल के लॉबी में गाली-गलौच की शर्मनाक घटना कैमरे में कैद हुई थी। पुलिस ने दोनों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया।

केजरीवाल के विधायक अमानतुल्लाह ने भी प्रधानमंत्री के लिए कहा अपशब्द
आम आदमी पार्टी में तो मानो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को गाली देने की ट्रेनिंग ही दी गयी हो। आप विधायक अमानतुल्लाह खान ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के लिए गाली-गलौज की भाषा का इस्तेमाल किया। उन्होंने ये भी कहा- “मोदी सरकार हरा….है।“ दरअसलल ISIS के समर्थन में एक मौलाना कासमी गिरफ्तार हुए थे। अमानातुल्लाह को इसी बात की चिढ़ थी और उन्होंने सारा गुस्सा प्रधानमंत्री पर उतार दिया। बेशर्मी ऐसी कि जब मीडिया वालों ने सफाई मांगी तो उल्टे अपने बचाव में जुट गये।

ओवैसी ब्रदर्स ने मोदी को ‘शैतान’ और ‘जालिम’ कहा
ताजा बयान एआईएमआईएम अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी का है जो नोटबंदी से इतने खफा हैं कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को ‘जालिम’ तक कह डाला। नोटबंदी को मुसलमानों के खिलाफ बताते हुए हैदराबाद में 22 दिसम्बर को ओवैसी ने कहा- ‘आप फ़कीर नहीं हैं, आप तो जालिम हैं।‘ इससे पहले भी जब नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में बीजेपी को जनता ने लोकसभा चुनाव में भारी बहुमत दिया था, तब भी असदुद्दीन ओवैसी ने प्रधानमंत्री के खिलाफ अपशब्द कहे थे।


अकेले असदुद्दीन ओवैसी ही नहीं, उनके भाई अकबरूद्दीन ओवैसी भी नरेन्द्र मोदी के खिलाफ जहर उगलते रहे हैं। 7 अक्टूबर 2015 को बिहार के किशनगंज में अकबरूद्दीन ने पीएम मोदी को ‘जालिम’ और ‘शैतान’ कहा था। इस बयान के बाद अकबरूद्दीन को गिरफ्तार भी किया गया था, जहां से उन्हें जमानत मिल गयी।

आज़म खां ने कहा – हमने मोदी को प्रधानमंत्री माना ही नहीं
आज़म खां को शायद इस देश के लोकतंत्र पर भरोसा ही नहीं है। जिस लोकतांत्रिक अधिकार के नाम पर उन्हें विरोध करने का हक मिलता है, आजम खान उसी को तार-तार करते हुए बड़ी बेशर्मी से इसकी धज्जियां उड़ाते हैं। 13 दिसंबर, 2016 को उन्होंने कहा कि – “हमने तो उन्हें कभी प्रधानमंत्री नहीं कहा, हम तो उन्हें बादशाह कहते हैं और बादशाह ऐसे ही होते हैं।”
दरअसल मोदी विरोध में आजम खान कई बारगी देश का विरोध करते हुए भी नजर आते हैं। जब समूचा देश सर्जिकल स्ट्राइक पर गौरवान्वित महसूस कर रहा था, आजम खां कह रहे थे- “मोदी ने सर्जिकल स्ट्राइक के नाम पर सरहद पार के बेगुनाहों का खून बहवाया है।“

कोरबा में कांग्रेस विधायक ने पीएम को दी गाली
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को गाली देने की जो परिपार्टी बड़े नेताओं ने शुरू की है, उसका असर ये है कि छोटे स्तर पर भी मर्यादा टूट रही है। छत्तीसगढ़ के कोरबा में 29 नवम्बर, 2016 को कांग्रेस की रैली में बड़े नेताओं की मौजूदगी में विधायक श्याम लाल कंवर अपना मानसिक संतुलन खो बैठे। उन्होंने प्रधानमंत्री को बुरा-भला कहने के बाद उनके लिए अपशब्दों की लड़ियां ही लगा दीं। कांग्रेस की ये ‘आक्रोश रैली’ नोटबंदी के खिलाफ कर रही थी, लेकिन रैली पीएम मोदी के खिलाफ गाली-गलौच में बदल गयी।

Leave a Reply