देश को स्वतंत्र हुए सत्तर साल हो चुके हैं, लेकिन पिछले तीन सालों में ही स्वच्छता, पेयजल, मकान, सड़क, रोजगार, गरीबों के लिए बैंकिंग व्यवस्था, किसानों की आय, महिलाओं के अधिकार, स्वास्थ्य, शिक्षा, तकनीक विकास, सुरक्षा व सैन्य क्षमता और अंतरराष्ट्रीय कूटनीति में जो काम हुए हैं, उससे ‘न्यू इंडिया’ के निर्माण की एक मजबूत आधारशीला रखी जा सकी है। प्रधानमंत्री मोदी का संकल्प है कि 2022 में आजादी की 75वीं वर्षगांठ पर देश को गंदगी, गरीबी, तंत्र की उदासीनता, सब चलता है की मानसिकता, भ्रष्टाचार और आतंकवाद से मुक्ति की सिद्धि मिले। 2022 का ‘न्यू इंडिया’ स्वस्थ, स्वच्छ, पारदर्शी, भ्रष्टाचार व आतंकवाद मुक्त, युवा उद्यमियों का देश हो, जिसकी विश्व में अपने सेवाओं और उत्पादों के लिए एक विशिष्ट पहचान हो। आजादी के बाद, यह पहला अवसर है जब जनता को एक ऐसी राजनीतिक इच्छाशक्ति का अनुभव हो रहा है जो देश का समग्र विकास कर, ‘न्यू इंडिया’ का निर्माण करना चाहता है।
सबका साथ, सबका विकास- यह मात्र 2014 का चुनावी समरघोष नहीं था, इसमें प्रधानमंत्री मोदी के ‘न्यू इंडिया’ का सपना मौजूद है, जिसकी रुपरेखा आज तीन सालों के बाद धीरे-धीरे जनता के समक्ष आ रही है। लेकिन प्रधानमंत्री पहले दिन से ही अपनी इसी रूपरेखा के अनुरूप चल रहे हैं। उन्होंने बड़े ही सधे कदमों से एक-एक कर जटिल समस्याओं के समाधान का बीड़ा उठाया। ‘न्यू इंडिया’ की इस विकास यात्रा में उन्होंने एक के बाद एक राजनीतिक रूप से कठिन और साहसिक फैसले लिये और इस बात की तनिक भी चिंता नहीं की, कि नोटबंदी से उनकी राजनीतिक जमीन बिगड़ेगी या बनेगी। यह साहस वही व्यक्ति कर सकता है जिसके लिए न्यू इंडिया के संकल्प से महत्वपूर्ण कुछ और नहीं है। प्रधानमंत्री मोदी ने स्वच्छता अभियान, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ, स्टार्टअप इंडिया, मुद्रा योजना, सॉयल हेल्थ कार्ड, फसल बीमा योजना, डिजिटल इंडिया, जनधन योजना, आवासीय योजना, जीएसटी और अनगिनत नीतिगत फैसले लेकर यह साबित कर दिया कि उनका मार्ग और उद्देश्य निश्चित है जिसकी तरफ वह ‘टीम इंडिया’ को साथ लेकर आगे बढ़ने में जुटे हुए हैं।
15 अगस्त को लाल किले की प्राचीर से देश को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने अपने टीम इंडिया के भाव को शब्द देते हुए कहा “हर कोई अपनी जगह से 2022 के लिये आजादी के बाद के 75 साल तक एक नया संकल्प, एक नया इंडिया, नई ऊर्जा, नया पुरूषार्थ, सामूहिक शक्ति के द्वारा देश में परिवर्तन ला सकता है। ‘न्यू इंडिया’ जो सुरक्षित हो, समृद्ध हो, शक्तिशाली हो, ‘न्यू इंडिया’ जहां हर किसी को समान अवसर उपलब्ध हो, ‘न्यू इंडिया’ जहां आधुनिक विज्ञान और तकनीकी क्षेत्र में भारत का विश्व में दबदबा हो”।
67 सालों से देश में जड़ कर गई सामाजिक व आर्थिक कुरीतियों और विवेकहीन नीतियों को दूर करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने देश में एक आंदोलन छेड़ रखा है। ‘न्यू इंडिया’ के लिए जारी इस आंदोलन की सफलता को हर क्षेत्र में आये बदलावों के आंकड़ों से तो आंका ही जा सकता है, साथ में विधानसभा और उपचुनावों में मिल रही सफलता से भी मापा जा सकता है।
डीबीटी के माध्यम से इन योजनाओं में धन के लूट को बंद कर दिया गया है। आज डीबीटी के माध्यम से 35.7 करोड़ लोगों को 74607.55 करोड़ रुपये दिए जा रहे हैं, जिससे चोरी में जाने वाले लगभग 50 हजार करोड़ सालाना की बचत हो रही है। मोबाइल बैंकिंग की सुविधा सबको उपलब्ध कराई गई है ताकि जनता में डिजिटल लेन-देन की आदत बढ़े और कालेधन पर सख्त लगाम लग सके। आज 722.2 मिलियन लेन-देन मोबाइल बैंकिंग के जरिए हो रहे हैं।
बिजली की बचत के लिए राज्यों में लगभग 27 लाख एलईडी स्ट्रीट लाइटें लगाई गई हैं, जिससे 13,088 करोड़ रुपये की सालान बचत हो रही है। इस बचत को गरीबों को मुफ्त बिजली देने का काम किया जा रहा है और अब तक 2.63 करोड़ गरीब परिवारों को मुफ्त बिजली के कनेक्शन दिए जा चुके हैं।
किसानों की समस्या का समाधान- किसानों के लिये पानी, बिजली, खाद, बीज और बाजार की समस्या को दूर करने के लिए समेकित रूप से कई योजनाओं को लागू किया जा रहा है। फसलों के प्राकृतिक आपदा से बर्बाद होने पर किसानों के नुकसान की भरपाई के लिए फसल बीमा योजना लागू की गई है। अब तक लगभग 3.66 करोड़ किसान इस फसल बीमा योजना का लाभ उठा रहे हैं। किसानों की जमीन में खाद की जरूरत को जांचने के लिए 7.1 करोड़ सॉयल हेल्थ कार्ड दिये जा चुके हैं। इन योजनाओं के लाभ मिलने से किसान अनाज का रिकॉर्ड उत्पादन कर रहे हैं। किसान अपने उत्पादों को e-NAM पर बेच सकते हैं। E-NAM के ऑनलाइन बाजार पर 46 लाख किसान, 90 हजार व्यापारी और 47,000 आढ़तिया करते हैं।
स्वच्छ भारत-न्यू इंडिया को स्वच्छ और स्वस्थ बनाने के लिए स्वच्छता अभियान को जोरदार तरीके से लागू किया जा रहा है। देश में 4.4 करोड़ घरेलू शौचालयों का निर्माण हो चुका है और देश के पांच राज्य, 149 जिले और 2.05 लाख गांव खुले में शौच से मुक्त हो चुके हैं। यही नहीं गंगा के किनारे बसे सभी गांव खुले में शौच से मुक्त हो चुके हैं। देश में आज, स्वच्छता का कवरेज 64.18 प्रतिशत तक जा पहुंचा है।
रोजगार के अवसर- न्यू इंडिया में युवाओं को रोजगार के पर्याप्त अवसर उपलब्ध हों इसके लिए श्रम संहिता कानूनों में बदलाव से लेकर मेकइन इंडिया, स्टार्टअप इंडिया और मुद्रा योजना को कारगर तरीके से लागू किया जा रहा है।
प्रधानमंत्री मोदी की ये कुछ योजनाओं की हकीकत थी, लेकिन ऐसी कई योजनाऐं हर क्षेत्र में लागू की जा रही हैं, जिससे पांच साल बाद, 2022 में ऐसा ‘न्यू इंडिया’ बने जिसमें ‘सबका साथ, सबका विकास’ संभव हो सके।