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कोरोना प्रभावित राज्यों को हर संभव मदद दे रही है मोदी सरकार, अस्पतालों को मास्क्स और PPE किट की बड़े पैमाने पर आपूर्ति

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कोरोना संकट के समय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ‘सबका साथ, सबका विकास’ के साथ ही सहकारी संघवाद की बेहतरीन मिसाल पेश की है। जिस तरह से उन्होंने इस संकट के समय राज्यों की मदद की है, उससे उनके नेतृत्व क्षमता का हर कोई कायल हो गया है। अस्पतालों को एन-95 मास्क और पीपीई किट की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए हर संभव कोशिश की जा रही है। राज्यों को किसी प्रकार की समस्या न हो इसके लिए एन-95 मास्क के निर्यात पर रोक लगाने के साथ ही विदेशों से पीपीई किट के आयात के भी कदम उठाए गए हैं।

31 जनवरी को लगाई गई एन-95 मास्क के निर्यात पर रोक
करोना संकट की आहट के साथ ही मोदी सरकार ने तैयारियां शुरू कर दी थी। 31 जनवरी को ही एन-95 मास्क के निर्यात पर रोक लगाने फ़ैसला ले लिया गया था, जब ‘वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाईजेशन’ ने कोई एडवाइजरी भी नहीं जारी की थी। मोदी सरकार ने न सिर्फ़ एन-95 मास्क बल्कि 2-3 प्लाई मास्कों के निर्यात पर भी रोक लगाने का निर्णय जनवरी में ही ले लिया था।

अस्पतालों को 2.94 लाख पीपीई किट की सप्लाई
कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के देखते हुए सरकार राज्यों के अस्पतालों को जरूरी चीजें उपलब्ध कराने में तेजी दिखा रही है। सभी अस्पतालों में अभी तक 1.9 लाख कवरऑल दिए जा चुके हैं, जिसमें से 20,000 तो सिर्फ़ डोमेस्टिक सप्लाई है। सरकार ने बताया है कि अभी भारत के अस्पतालों में 3,87,473 पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट्स (पीपीई) किट हैं जो पहले से ही मौजूद हैं। सरकार अब तक 2.94 लाख पीपीई किट अस्पतालों को सप्लाई कर चुकी है। इसी बीच चीन ने भी भारत को 1.70 लाख पीपीई किट गिफ्ट किए हैं।

विभिन्न अस्पतालों को भेजे गए 20 लाख एन-95 मास्क्स 
2 लाख मास्क अस्पतालों को भेजे जा रहे हैं, जिन्हें घरेलू स्तर पर ही बनाया गया है। इसके अलावा अब तक मोदी सरकार 20 लाख एन-95 मास्क्स को विभिन्न अस्पतालों में मुहैया करा चुकी है। इस हिसाब से अभी फ़िलहाल देश में 16 लाख एन-95 मास्क उपलब्ध होने की बात मोदी सरकार ने बताई है।

सिंगापुर की कंपनी को भी ऑर्डर
स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय के अनुसार N-95 मास्क सहित 80 लाख पूर्ण पीपीई किट के लिए सिंगापुर की कंपनी को ऑर्डर दे दिया गया है। अब यह संकेत दिया गया है कि 11 अप्रैल से सप्‍लाई शुरू हो जाएगी। पहले 2 लाख पूर्ण पीपीई किट आएंगी। उसके बाद जल्‍द ही 8 लाख पीपीई किट भारत को सिंगापुर की कंपनी से मिल जाएंगी।

चीनी कंपनी से बातचीत
स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय के अनुसार 60 लाख पूर्ण पीपीई किट का ऑर्डर देने के लिए चीनी कंपनी के साथ बातचीत अंतिम चरण में है। इनमें N-95 मास्क भी शामिल हैं। कुछ विदेशी कंपनियों से अलग से N-95 मास्क और सुरक्षात्मक चश्मों की खरीद के लिए भी ऑर्डर दिए जा रहे हैं।

रेलवे भी बनाएगा पीपीई सूट
घरेलू क्षमताओं का भी पूरा इस्तेमाल करने पर जोर दिया जा रहा है । उत्तर रेलवे के एक वर्कशॉप में बने पीपीई सूट के दो नमूनों को रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने अपनी हरी झंडी दे दी है, जिससे रेलवे इकाइयों में इनके उत्पादन का रास्ता साफ हो गया है। दरअसल, ये पोशाक रक्त या शरीर से निकलने वाले तरल पदार्थ को रोक पाने में कारगर साबित हुई हैं। इसी बीच भारतीय रेलवे ने एक बहुत ही सस्ता वेंटिलेटर तैयार किया है। कपूरथला रेल कोच फैक्‍ट्री (आरसीएफ) ने ‘जीवन’ नाम के इस वेंटिलेटर को विकसित किया है।

घरेलू निर्माताओं को भी ऑर्डर
इस दिशा में वस्त्र मंत्रालय और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय भी मिलकर काम कर रहे हैं। भारत के घरेलू निर्माता इस अवसर पर तेजी से आगे आए है। अब तक 11 निर्माताओं को गुणवत्ता परीक्षण के बाद मंजूरी दी गई है। उन्हें 21 लाख पीपीई कवरॉल के ऑर्डर दिए गए हैं। वर्तमान में 6 से 7 हजार कवरॉल की आपूर्ति कर रहे हैं। इसे बढ़ाकर 15 हजार तक पहुंचाने की कोशिश की जा रही है। वहीं जम्मू में जम्मू पुलिस कल्याण केंद्र COVID-19 खतरे के बीच राज्यभर के अस्पतालों और quarantine centres पर तैनात पुलिसकर्मियों के लिए मास्क और व्यक्तिगत सुरक्षा उकरण बना रहा है ।

सप्‍लाई में प्रभावित राज्‍यों को प्राथमिकता
केंद्र सरकार की ओर से पहले उन राज्‍यों को ताजा सप्‍लाई दी जा रही है, जो कोरोना संक्रमण से सर्वाधिक जूझ रहे हैं। इनमें तमिलनाडु, महाराष्‍ट्र, दिल्‍ली, केरल, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और राजस्‍थान शामिल हैं। इनके अलावा देश के बड़े मेडिकल संस्‍थानों एम्‍स, सफदरजंग अस्‍पताल, राम मनोहर लोहिया अस्‍पताल, रिम्‍स, बनारस हिंदू विश्‍वविद्यालय और अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में भी इन वस्‍तुओं को भेजा जा रहा है। विदेश से भी सप्लाई शुरू हो गई है, जो सरकार के लिए राहत की बात है।

पश्चिम बंगाल को भेजी गई 10,000 टेस्टिंग किट
पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी राज्य में कोरोना वायरस की टेस्टिंग किट की कमी जताई थी। मोदी सरकार ने पश्चिम बंगाल को 10,000 टेस्टिंग किट भेजी। जानकारी के मुताबिक, नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ वायरोलॉजी से पश्चिम बंगाल सरकार को किट भेज दी गई। ये किट नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ कॉलरा ऐंड एंटरिक डिसीज (एनआईसीईडी) की वायरोलॉजी लैब में पहुंची। एनआईसीईडी के एक अधिकारी ने कहा कि राज्य में विभिन्न कोरोना वायरस टेस्टिंग लैब्स में किट भेजने की व्यवस्था की जा रही है।

कोरोना वायरस से निपटने के उपायों पर मुख्यमंत्रियों से संवाद
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कोरोना वायरस से निपटने के उपायों पर चर्चा करने के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ संवाद किया। इस वीडियो संवाद में प्रधानमंत्री मोदी ने मुख्यमंत्रियों के साथ बीमारी को फैलने से रोकने के उपायों पर चर्चा की। उन्होंने मुख्यमंत्रियों से कहा कि अगले कुछ हफ्तों में सभी का ध्यान कोरोना वायरस से जुड़ी जांचों, संक्रमितों का पता लगाने, उन्हें अलग-थलग रखने पर केंद्रित रहना चाहिए। प्रधानमंत्री मोदी ने लॉकडाउन के निर्णय का समर्थन करने के लिए राज्यों का धन्यवाद किया, जिसकी बदौलत भारत ने कोविड-19 के फैलाव को सीमित करने में कुछ हद तक सफलता हासिल की है।

राज्यों को जारी किए गए 17,287 करोड़ रुपये 
एक तरफ जहां प्रधानमंत्री मोदी ने कोरोना वायरस से लड़ने के लिए चिकित्सा व्यवस्था को मजबूत किया है, वहीं गरीबों, मजदूरों के लिए गरीब कल्याण पैकेज लेकर आए हैं। अब मोदी सरकार ने कोरोना वायरस से लड़ने के लिए राज्यों को 17,287 करोड़ रुपये जारी किए हैं। गृह मंत्रालय ने राज्य आपदा खतरा प्रबंधन फंड (एसडीआरएमएफ) से 11,092 करोड़ रुपये राज्यों को देने को मंजूरी दी। इसके साथ ही वित्त मंत्रालय ने 14 राज्यों को राजस्व घाटा अनुदान के तहत 6,195 करोड़ रुपये जारी किए हैं।

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