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मोदी सरकार का बड़ा ऐलान, अधूरे हाउसिंग प्रोजेक्ट्स के लिए 25,000 करोड़ का फंड मंजूर

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार हर वर्ग के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है। पीएम मोदी ने रियल एस्टेट सेक्टर को बड़ी राहत देते हुए अहम फैसला लिया है। सरकार ने देशभर में अटके हुए हाउसिंग प्रोजेक्ट्स के लिए 25,000 करोड़ रुपए के अल्टरनेटिव इन्वेस्टमेंट फंड (AIF) का ऐलान किया है। इसके तहत दिल्ली-NCR सहित देशभर में अटकी हुई कई परियोजनाओं को पूरा करने के लिए सरकार फंड देगी। 

अधूरी पड़ी परियोजनाओं को पूरा करने के लिए 25,000 करोड़ रुपये का एक विशेष फंड बनाने का ऐलान किया गया है, जिसमें सरकार वैकल्पिक निवेश फंड के तौर पर 10,000 करोड़ का योगदान देगी। बाकी 15,000 करोड़ के फंड के लिए एलआईसी और एसबीआई सहयोग करेंगे। बाद में इसमें और भी संस्थान जुड़ सकेंगे व फंड की राशि भी बढ़ाई जा सकेगी।

1,600 हाउसिंग प्रोजेक्ट्स को फायदा 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में केंद्रीय कैबिनेट ने बुधवार को इस फंड की मंजूरी दी। इस फंड से देशभर में 1,600 से ज्यादा अटकी पड़ी आवास परियोजनाओं को पैसे मुहैया कराए जाएंगे। इन परियोजनाओं के तहत 4.58 लाख मकान बनने हैं। इससे किफायती और सस्ती आवासीय परियोजनाओं को फायदा मिलेगा। रेरा के तहत रजिस्टर्ड आवासीय परियोजनाओं को ही इस फंड का लाभ मिल सकेगा।

रेरा में अधूरी परियोजनाओं को फायदा 

जानकारी के मुताबिक शुरुआत में यह फंड एसबीआई के पास जमा होगा। रेरा में जो भी अधूरी परियोजनाएं हैं उन्हें आखिरी चरण तक मदद दी जाएगी। 30 फीसदी तक अधूरी परियोजनाओं को तब तक मदद दी जाएगी ताकि खरीदार को जल्द से जल्द मकान दे दिया जाए। अगर यह फंसे कर्ज (एनपीए) या दिवालियेपन से जूझ रही परियोजना भी होगी, तब भी उसकी मदद की जाएगी। केंद्र सरकार की इस पहल से रोजगार पैदा होगा और साथ ही सीमेंट, लोहे और स्टील उद्योगों के लिए मांग में भी बढ़ोतरी होगी। इस फंड में पेंशन फंड को भी शामिल किए जाने की उम्मीद है।

एआईएफ द्वारा परियोजनाओं को कर्ज देने में जो अहम बदलाव किया गया है, वह यह है कि अब ऐसे लेनदारों को भी कर्ज मिल सकेगा, जो खुद को एनपीए घोषित कर सकेंगे या फिर राष्ट्रीय कंपनी विधिक प्राधिकरण (एनसीएलटी) के तहत दिवालिया होने की प्रक्रिया का सामना कर रहे हैं। 

आइए जानते हैं मोदी सरकार की उन योजनाएं के बारे जिसके तहत देश के हर एक व्यक्ति को उसके अपने घर के सपने को साकार कर रही है।  

2022 तक हर गरीब के पास होगा अपना घर 

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2014 में केंद्र की सत्ता संभालते ही घोषणा कर दी थी कि वो 2022 तक सबको पक्का मकान दिलाकर ही दम लेंगे। ‘हाउसिंग फॉर ऑल’ के संकल्प के साथ तभी से उनकी सरकार सबको आवास उपलब्ध कराने के लिए मिशन मोड में जुटी हुई है। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत अब तक 1.5 करोड़ से ज्यादा घर बनाकर लाभार्थियों को उसकी चाभी सौंपी जा चुकी है।  

2030 तक 600 मिलियन से अधिक लोग शहरों में रहेंगे

एक अनुमान के अनुसार, 2030 तक 600 मिलियन से अधिक लोग शहरों में रहेंगे, जिस समय भारत को एसडीजी को लेकर संयुक्त राष्ट्र के एजेंडे को पूरा करने की आवश्यकता है। मोदी सरकार 2030 से पहले 2030 के सतत विकास लक्ष्यों के एजेंडे का पालन करने के लिए आश्वस्त हैं। 

 

‘सबको घर’ के लिए ठोस कार्ययोजना

देशभर में प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रमीण और शहरी के करीब डेढ़ करोड़ लाभार्थियों के दिल से प्रधानमंत्री मोदी के लिए दुआएं निकल रही हैं। ऐसा हो भी क्यों नहीं, आखिर आजादी के इतने वर्षों बाद एक ऐसा प्रधानमंत्री मिला है, जिसने गरीबों और वंचितों की परेशानियों और जरूरतों को न सिर्फ समझा है, बल्कि उसके लिए ठोस कदम भी उठाए हैं। आजादी के बाद से देश में पहले भी कई सरकारें आईं, गरीबों का जीवनस्तर सुधारने के वादे किए, लेकिन धरातल पर किया कुछ भी नहीं। मोदी सरकार ने इंसान की सबसे बड़ी जरूरत, जिंदगी के सबसे बड़े सपने यानि अपना घर, को पूरा करने के लिए ठोस कार्ययोजना बनाई है और उस पर शिद्दत के साथ अमल भी किया जा रहा है। आज देशभर में डेढ़ करोड़ से अधिक लाभार्थियों के चेहरों पर जो उमंग, उत्साह, खुशी नजर आ रही है, वह मोदी सरकार के इन्हीं प्रयासों का नतीजा है।

आवास योजना में महिलाओं और कमजोर वर्गों पर फोकस
प्रधानमंत्री आवास योजना का फोकस विशेष रूप से समाज के कमजोर वर्गों और महिलाओं पर है। यह योजना महिला सशक्तिकरण का माध्यम भी नहीं है, शहरों में 70 प्रतिशत से अधिक मकान महिलाओं के नाम पर हैं। आवास योजना के सरकार की विभिन्न योजनाओं से जोड़ा गया है, जैसे निर्माण के लिए मनरेगा, शौचालय के लिए स्वच्छ भारत मिशन, बिजली की सुविधा के लिए दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना और सौभाग्य योजना, एलपीजी के लिए उज्ज्वला योजना से जोड़ा गया है। इतना ही नहीं प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत लाभार्थियों को ब्याज पर भी 3 से 6 प्रतिशत की सब्सिडी दी जा रही है। पीएम मोदी ने कहा है कि अगर कोई इस योजना के तहत घर बनाने के लिए पैसे की मांग करे, तो बेहिचक इसकी शिकायत कलेक्टर या म्युनिस्पिल कमिश्नर से करें।

ब्याज सब्सिडी से EMI में मिली बड़ी राहत
बैंकों ने होम लोन सस्ता करना शुरू किया, उससे पहले ही मोदी सरकार ने होम लोन पर लगने वाले ब्याज दरों में सब्सिडी देने की घोषणा कर दी थी। ये स्कीम मुख्य रूप से शहरी EWS,निम्न और मध्यम आय वर्ग के लोगों के लिए है। इसके तहत कर्ज के ब्याज पर 3, 4 और 6.5 प्रतिशत तक सब्सिडी का प्रावधान है। यानी EWS में आने वाले जिन लोगों की सालाना आय 6 लाख रुपये तक है उन्हें 6 लाख रुपये तक के होम लोन के लिए 6.5% सब्सिडी देने की व्यवस्था है। उसी तरह 12 लाख रुपये तक की आय वालों को 9 लाख रुपये तक की होम लोन के लिए 4% और 18 लाख रुपये तक की आय वालों को 12 लाख रुपये तक के होम लोन पर 3 प्रतिशत सब्सिडी सरकार की ओर से देने की व्यवस्था की गई है।  

PF से डाउन पेमेंट या EMI की सुविधा
इस योजना के तहत अपना घर खरीदने के लिए पीएफ से 90 प्रतिशत तक रकम निकालने का अनुमति दे दी गई है। यही नहीं अब से होम लोन की EMI चुकाने में भी EPFO मदद करेगा। ऊंची कीमतों के कारण अपने आशियाने का सपना पूरा करना वेतन भोगियों के लिए काफी मुश्किल होता है। इसी को ध्यान में रखकर इस तरह की व्यवस्था की गई है। यानी या तो आप डाउन पेमेंट के लिए एकमुश्त पैसा अपने पीएफ से निकाल सकते हैं या फिर उसका इस्तेमाल होम लोन की EMI चुकाने में कर सकते हैं।

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