मोदी सरकार केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के सर्वागीण विकास के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। इसलिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में कई बड़े फैसले लिए गए। सरकार ने लद्दाख में विकास को गति देने के लिए एक एकीकृत बहुउद्देश्यीय बुनियादी ढांचा विकास निगम की स्थापना को मंजूरी दी। इसके साथ ही प्रदेश में उच्च शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए केंद्रीय विश्वविद्यालय की स्थापना की स्वीकृति दी।
लद्दाख में बुनियादी ढांचे के विकास के लिए यह निगम मुख्य निर्माण एजेंसी के रूप में भी काम करेगा। इसके द्वार विभिन्न प्रकार की विकास संबंधी गतिविधियां शुरू होंगी। यह उद्योग, पर्यटन और परिवहन को बढ़ावा देने के साथ ही हस्तशिल्प के उत्पादों के विपणन के लिए भी काम करेगा। इससे रोजगार सृजन को बढ़ावा मिलेगा।
निगम की स्थापना से लद्दाख का संतुलित, समावेशी और एकीकृत विकास होगा। यह पूरे क्षेत्र और केंद्र शासित प्रदेश की आबादी के सामाजिक-आर्थिक विकास को सुनिश्चित करेगा। यह भविष्य में मानव संसाधनों के विकास और उसके बेहतर उपयोग में मदद करेगा। यह वस्तुओं और सेवाओं के घरेलू उत्पादन को बढ़ाएगा और उनकी सुचारू आपूर्ति को सुगम बनाएगा। इस तरह यह मोदी सरकार के आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को साकार करने में मदद करेगा।
कैबिनेट बैठक के बाद सूचना प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि सरकार ने लद्दाख में एक केंद्रीय विश्वविद्यालय की स्थापना का फैसला किया गया। इस पर 750 करोड़ रुपये की लागत आयेगी। उन्होंने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में केंद्रीय विश्वविद्यालय स्थापित होने से उच्च शिक्षा में क्षेत्रीय असंतुलन दूर करने में मदद मिलेगी और केंद्र शासित प्रदेश का सम्पूर्ण विकास सुनिश्चित किया जा सकेगा।
Union Cabinet approves establishment of a Central University in the union territory of Ladakh: Union Minister Anurag Thakur pic.twitter.com/xVa7Bpb6b3
— ANI (@ANI) July 22, 2021
अनुराग ठाकुर ने कहा कि इस विश्वविद्यालय का पहला चरण चार वर्षों में पूरा किया जायेगा। इसके अधिकार क्षेत्र में लेह, कारगिल क्षेत्र भी आएंगे। इस विश्वविद्यालय की स्थापना से छात्रों को उच्च शिक्षा प्राप्त करने का अधिक अवसर मिल सकेगा। स्थानीय छात्रों को उच्च और बेहतर शिक्षा के लिए कहीं बाहर नहीं जाना पड़ेगा। इससे प्रदेश में शिक्षा के स्तर में सुधार होगा।